REWA : शर्मनाक : गांव में पक्की सड़क न होने पर गरीब मजदूर अपनी पत्नी को 5 KM दूर खाट पर लिटाकर ले गया अस्पताल

 
REWA : शर्मनाक : गांव में पक्की सड़क न होने पर गरीब मजदूर अपनी पत्नी को 5 KM दूर खाट पर लिटाकर ले गया अस्पताल

रीवा। गांव-गांव पक्की सड़कें उपलब्ध कराने का दावा उस समय फेल जाता है जब गांव में वाहन नहीं पहुंचने से लोग कई किलोमीटर का पैदल सफर कर अस्पताल एवं अन्य स्थानों तक पहुंचते हैं। हाल ही में त्योंथर अंचल के बरहा गांव से एक तस्वीर सामने आई है जिसमें सड़क नहीं होने की वजह से एक गरीब मजदूर अपनी पत्नी को करीब पांच किलोमीटर दूर खाट पर लिटाकर ले गया।

उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे बरहा गांव के लोगों का नजदीकी अस्पताल उत्तर प्रदेश के शंकरगढ़ में पड़ता है। बरहा गांव के रामसखा साकेत की पत्नी की तबियत अचानक खराब हो गई तो उसके पास साइकिल के अलावा दूसरा कोई वाहन नहीं था। महिला साइकिल पर बैठ नहीं सकती थी, जिसके चलते उसने परिवार के अन्य सदस्यों के सहयोग से घर की खाट पर ही महिला को लिटाया और शंकरगढ़ की ओर चल पड़ा।
REWA : शर्मनाक : गांव में पक्की सड़क न होने पर गरीब मजदूर अपनी पत्नी को 5 KM दूर खाट पर लिटाकर ले गया अस्पताल
गांव से करीब दो किलोमीटर बाद उम्मीद थी कि कोई वाहन मिल जाएगा। लेकिन वहां पर लॉकडाउन की वजह से कोई वाहन नहीं मिला तो वह सीधे शंकरगढ़ की ओर पैदल ही चल पड़ा। शंकरगढ़ के अस्पताल में उपचार कराने के बाद फिर पैदल उसी तरह वापस चल पड़ा और देर शाम अपने घर पहुंच गया।
इस बीच गांव के निवासी संजय सिंह ने इस दुर्दशा का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया और गांव में सड़क निर्माण कराने की मांग उठाई। बता दें कि बरहा गांव में सड़क की बड़ी समस्या है। कुछ दिन पहले ही गांव के लोगों ने सड़क की समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। सड़क के कीचड़ पर ही गांव के लोग धरने पर बैठ गए थे, पूरे दिन धरना देकर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया और कहा है कि यदि सड़क नहीं बनी तो अनिश्चकालीन धरना शुरू कर देंगे।
सुविधा नहीं होने से इसी तरह अन्य लोग भी जाते हैं अस्पताल
बरहा गांव के रामसखा साकेत जिन्होंने पत्नी को खाट में लिटाकर करीब पांच किलोमीटर दूर शंकरगढ़ ले जाकर उपचार कराया। वह बताते हैं कि गांव में कच्ची सड़क है तो बरसात के समय वाहन नहीं चलते। इसलिए जिनके पास ट्रैक्टर या अन्य सुविधा है तो जाते हैं अन्यथा इसी तरह खाट पर ही मरीज को ले जाना पड़ता है। बरसात के दिनों में यहां पर 108 एंबुलेंस भी नहीं आती। गांव से त्योंथर 28 किलोमीटर, जवा 25 किलोमीटर दूर है। इसलिए बिना संसाधन वहां जाने से बेहतर है पैदल ही यूपी के शंकरगढ़ चले जाएं।


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