MOBILE APP से फटाफट लोन लेना और समय पर ना चुकाना पड़ सकता है आपको भारी
भोपाल। आप लोन लेना चाहते है। बस आधार कार्ड और पैन कार्ड देने पर आपको लोन मिल जाएगा। लेकिन महज एक फोन कॉल पर जितनी आसान यह लोन लेना है उसे चुकाना नामुमकिन होता है। सात दिन के लिए मिलने वाले इस फटाफट लोन को नहीं चुका पाने की स्थिति में आठवें दिन से सीधे इज्जत की सार्वजनिक नीलामी की शुरुआत हो जाती है। शुरुआत रिकवरी के फोन कॉल से होती है और इसका दायरा माता-पिता से लेकर उन सभी लोगों तक फोन जाते हैं जिनके नंबर लोन लेने वाले के मोबाइल में होते हैं। फिर ई-प्लेटफॉर्म पर फोटो एडिट कर कुत्ते और सुअर के फोटो लगाकर जारी कर दिए जाते हैं। मानसिक तौर से इस लोन रिकवरी की प्रताड़ना झेलने के मामले भोपाल में लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
दरअसल, यह सब हो रहा है मोबाइल ऐप से लोन लेने और समय पर न चुका पाने वालों के साथ। विगत एक सप्ताह में साइबर सेल के पास करीब 12 शिकायतें दर्ज की गई हैं। जिसमें ऑनलाइन एप के जरिए लोन लेने के बाद न चुकाने पर अपशब्द, परिजनों को फोन कर धमकाना या फोटो एडिट कर वायरल करने के मामले सामने आए हैं। इन सभी मामलों में सायबर पुलिस सख्त हो गई है और इस पूरे मामले की तहकीकात की जा रही है कि आखिर सबसे ज्यादा लोन एप्लीकेशन कहां की हैं।
केस -1 : 5000 का लोन, 3700 मिले
एक युवक ने एप के जरिए 5000 रुपये का लोन सात दिन के लिए लिया। उसके अकाउंट में 3700 रुपये जमा हुए। सात में राशि जमा नहीं करने पर उसे ओवरड्यू का मैसेज प्राप्त हुआ। लोन राशि बढ़कर 7029 रुपये हो गई, जिसमें ब्याज के 39 रुपये और शेष राशि लेट फीस के रूप में दर्शाई गई। यह राशि जमा नहीं करने पर अब युवक को, उसके माता-पिता को दिन में कई बाद रिकवरी के कॉल किए जा रहे हैं। धमकाया जा रहा और अपशब्दों के साथ ऑडियो रिकार्डिंग भेजी जा रही है।
केस- 2 : प्रोफाइल पर लगा दिया कुत्ते का फोटो
एक युवक ने एप के लिए जरिए 7000 का लोन सात दिन के लिए लिया। सात में दिन में राशि जमा नहीं करने पर उस पर 9110 रुपये की बकाया राशि मैसेज आया। 15 दिन में बकाया राशि बढ़कर 13 हजार रुपये हो चुकी है। हर रोज बकाया भुगतान के लिए अलग-अलग नंबरों से कॉल किए जा रहे हैं। रिकवरी के फोन युवक के कान्टेक्ट लिस्ट में शामिल कई अन्य नंबरों पर भी किए जा रहे हैं, जिस पर युवक को चोर बताया जा रहा है। यही नहीं युवक ई-प्रोफाइल फोटो को एडिट कर कुत्ते का फोटो चस्पा कर दिया।
पहले जांच करें, फिर ही संपर्क करें
जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक शैलेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि ठग विभिन्न् तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। जिनसे लोगों को बचना चाहिए। सायबर एक्सपर्ट मनीष गुलाटी बताते हैं कि कोई भी बैंक जब कर्ज देता है तो यह देखता है कि ग्राहक रकम वापस चुका पाने में सक्षम है या नहीं। उनकी आय का साधन क्या है आदि। इनके दस्तावेज के आधार पर ही लोन के मामले आगे बढ़ते हैं, लेकिन यदि बिना जांच-पड़ताल किए ही लोन देने की पेशकश हो रही है तो समझ जाइए कि कोई तो गड़बड़ है।
एक सप्ताह में 12 शिकायतें मिली
इस तरह के नए भोपाल क्षेत्र से एक सप्ताह में 12 और पुराने भोपाल से 4 शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों की जांच से सामने आया है कि यह छोटे-छोटे लोन होते हैं। जिन पर मनमर्जी से वसूली की जा रही है। रिकबरी के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का तरीका अपनाया जाता है। सार्वजनिक रूप से बेइज्जती से बचने के लिए बकाया भुगतान कर दिया जाता है। - रजत सकलेचा, एएसपी साइबर क्राइम