SIDHI : रीवा लोकायुक्त की बड़ी कार्यवाही : दस हजार की रिश्वत लेते धरी गई महिला बाल विकास अधिकारी
सीधी जिले के मझौली जनपद परिषर मझौली में रीवा लोकायुक्त टीम द्वारा एक पखवाड़े के अंदर दूसरी बड़ी कार्यवाही की गई हैं, जिसमें महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी ललिता मिश्रा को परियोजना कार्यालय में ही 10 हजार रुपए कि रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोची गई.
जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता अरुणा साहू ग्राम पंचायत धनौली के आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 04 में बतौर आगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में पदस्थ है, एवं उसी ग्राम में शिकायतकर्ता की दूसरी बहन और मौसी भी कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रही हैं, शिकायतकर्ता के परिजनों द्वारा स्व सहायता समूह के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों में सांझा चूल्हा योजना के तहत खाना-नाश्ता देने की जिम्मेवारी भी सौंपी गई है, इसी बात को लेकर परियोजना अधिकारी द्वारा बार-बार दबाव बनाया जाता रहा कि एक ही परिवार से तुम तीनो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हो और सांझा चूल्हा का भी लाभ ले रहे हो, इसलिए प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से 2 - 2 हजार के मान से 6 हजार एवं सांझा चूल्हा के नाम पर 4 हजार कुल 10 हजार रुपए प्रतिमाह देने का दबाव बनाया जाता रहा है, जिससे व्यथित होकर शिकायतकर्ता ने रीवा लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत कि, और उसी के आधार पर लोकायुक्त टीम प्रमुख प्रवीण सिंह परिहार डीएसपी व डी एस मरावी निरीक्षक सहित 16 सदस्यीय टीम द्वारा मझौली परियोजना कार्यालय के अंदर आज दोपहर 12:00 बजे के लगभग मझौली महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया हैं.
पहले भी अपने कारनामो से चर्चित रहीं महिला बाल विकास अधिकारी
लगभग 2 वर्षो से मझौली मे पदस्त महिला बाल विकास अधिकारी ललित मिश्रा अपने शुरूआती समय से ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व समूह संचालकों को बेवजह दवाब बनाने व पैसे के लेन-देन को लेकर सुर्खियों मे रही हैं, यह अलग बात है की कोई भी उनके मनमानी पर अंकुश लगाने की हिम्मत नही जुटा पाया, लेकिन कहते हैं कि अति का अंत एक दिन जरूर होता हैं, शिकायत कर्ता आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के इस साहसिक कदम ने अन्य प्रताड़ित लोंगों को आईना दिखाने का कार्य किया हैं,
मीडिया से क्या बोली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
महिला बाल विकास विभाग कि परियोजना अधिकारी से परेशान आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता ने बताया कि.. परियोजना अधिकारी मैम द्वारा हम लोगों के ऊपर इस बात पर दबाव बनाया जाता था कि तुम्हारे एक ही परिवार से 3 लोग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जो गलत है इसलिए रिश्वत देना पड़ेगा, नहीं तो नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा, इसी से परेशान होकर मैंने लोकायुक्त की मदद ली.. अरुणा साहू शिकायत कर्ता।
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