मध्य प्रदेश के कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व में 'नाइट सफारी' शुरू : रात के सन्नाटे में घने जंगल को देखने ऐसे उठाये लुफ्त

 

मध्य प्रदेश के कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व में 'नाइट सफारी' शुरू : रात के सन्नाटे में घने जंगल को देखने ऐसे उठाये लुफ्त

भोपाल। मध्य प्रदेश के कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व में वन विभाग ने 'नाइट सफारी' शुरू कर दी है। तीनों पार्कों में पांच से सात वाहनों को रात के समय जंगल में पर्यटक ले जाने की इजाजत है, जो फिलहाल फुल चल रहे हैं। ये वाहन पार्क के बफर क्षेत्र में ही सफारी कराएंगे। रात के सन्नाटे में घने जंगल को देखने की इच्छा रखने वाले राज्य सरकार के इस प्रयोग को खूब दाद दे रहे हैं। पर्यटकों को पार्कों के नियमित शुल्क में ही यह सफारी कराई जा रही है। प्रदेश में यह पहला प्रयोग है, जिसकी सफलता के बाद प्रदेश के पन्ना और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में भी दोहराया जाएगा। यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महती योजना 'बफर में सफर' का हिस्सा है।

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बफर जोन में होगी सफारी : 'नाइट सफारी' में पार्क के कोर एरिया में गाड़ी ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। वहीं जिप्सी पर सर्च लाइट लगाने पर भी पूरी तरह से रोक है। ताकि वन्यजीवों को स्वच्छंद विचरण में दिक्कत न आए। विभाग ने नाइट सफारी का समय शाम 5:30 बजे से रात 9 बजे तक तय किया है। अधिकारी कहते हैं- आमतौर पर वन्यजीव घुप्प अंधेरे और सन्नाटे के बाद ही अपने रहवास क्षेत्रों से बाहर निकलते हैं।

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काउंटर से मिलेगा टिकट

नाइट सफारी के शौकीन पर्यटकों को संबंधित पार्क के टिकट काउंटर से ही प्रति व्यक्ति दो सौ रुपये की दर पर टिकट लेना पड़ेगा। यह सुविधा अभी ऑनलाइन नहीं दी गई है। पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर नाइट सफारी का मौका मिलेगा। एक जिप्सी में अधिकतम छह पर्यटक बैठ सकेंगे।

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मांग पर बढ़ेगी गाड़ियां

नाइट सफारी में जैसे-जैसे पर्यटक रुचि दिखाएंगे विभाग वाहन बढ़ाएगा। यह भी देखा जाएगा कि नाइट सफारी का क्षेत्र के वन्यजीवों पर क्या असर पड़ रहा है। इसके लिए कोई अध्ययन तो अभी तय नहीं है, पर अनुभवी कर्मचारी देखेंगे कि इसके कारण वन्यजीवों के व्यवहार में कोई परिवर्तन तो नहीं आ रहा है।

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