MP : वाह रे सिस्टम ! वार्ड में राउंड पर नहीं पहुंचे डाॅक्टर, कोरोना पॉजिटिव युवक की माैत, शव से लिपटकर पिता करते रहे विलाप
देवास। कोविड-19 के बढ़ते मरीजों की संख्या के साथ साथ सिस्टम की लापरवाही के मामले भी सामने आ रहे हैं। जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में रविवार को डॉक्टर राउंड पर नहीं पहुंचे। देर शाम यहां एक पॉजिटिव युवक की मौत हो गई। उसके पिता उसके पलंग के पास बैठकर विलाप करते रहे। मौके पर मौजूद पैरामेडिकल स्टॉफ समझाइश देता रहा। डॉक्टर के नहीं पहुंचने पर बाकी मरीजों के परिजन ने भी नाराजी जाहिर की।
इस मामले को लेकर मीडिया ने जब सीएमएचओ डॉ. एमपी शर्मा ने बात की तो उन्होंने बताया कि कोविड वार्ड में जिस डॉक्टर की ड्यूटी थी, वह पॉजिटिव हो गए हैं। इस कारण से थोड़ी दिक्कत हुई है, फिर भी मैं व्यवस्था ठीक करवाता हूं। सीएमएचओ की माने तो जिस डॉक्टर की ड्यूटी थी वह खुद पॉजिटिव हो गया तो मरीजों को देखनें के लिए दूसरे डॉक्टर की व्यवस्था क्यों नहीं की गई। मरीजों को किसके हाल पर छोड़ दिया गया। मरीज परेशानियों से जूझते रहे. किसी ने ध्यान नहीं दिया।
कोविड वार्ड का वीडियो वायरल
इस कोविड वार्ड का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वार्ड की तमाम अव्यवस्थाएं दिखाई दे रही है। इसी वीडियो में युवक के शव से लिपटकर उसके पिता विलाप कर रहे हैं वहीं अन्य मरीज के परिजन भी कोविड वार्ड में घूमते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में क्या संक्रमण का खतरा नहीं है, क्या अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी नहीं है कि वहां पहुंचने वालों को रोका जाए। क्या इस तरह की लापरवाही के चलते कोविड के संक्रमण को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है। इस तरह की घटनाएं सामने आने से एक बात तो तय है कि महामारी के इस दौर में सिस्टम में भी कुछ खामियां हैं, जिन्हें समय रहते ठीक करने की जरूरत है।
ऑक्सीजन की किल्लत बरकरार : कोरोना महामारी के चलते हालात ठीक नहीं है, मरीजों की संख्या रोज बढ़ रही है। रविवार को ही 96 नए मामले सामने आए हैं। यह आंकड़े कोरोना की इस दूसरे लहर में अब तक के सबसे ज्यादा मरीजों के हैं। ऑक्सीजन की किल्लत बरकरार है। ऐसे में एहतियात ही इस समय सबसे बड़ा इलाज है। इन सबके बीच एक राहत भरी बात यह है कि कोविड के मरीजों के लिए आज से एमजीएच के नर्सिंग कॉलेज में कोविड अस्पताल शुरू हो जाएगा, इसमें मरीजों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया एक दिन पहले से ही शुरू कर दी गई थी।
सीधी बात डॉ एमपी शर्मा, सीएमएचओ देवास
एमजीएच में अव्यवस्थाएं सामने आ रही हैं, आपको पता है?
किस तरह की अव्यवस्थाएं
मरीजों ने हमें बताया कि सुबह से कोई भी डॉक्टर की राउंड पर नहीं आए ? -डॉ. शुक्ला जो कोविड मरीजों का इलाज कर रहे थे, वही पॉजिटिव हो गए हैं। हमको उनको भर्ती करना पड़ा। मरीजों के बीच में काम करते करते हमारे स्टाफ के लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। फिर भी मैं दिखवाता हूं
क्या कोविड वार्ड में मरीजों के परिजनों की आवाजाही पर रोक नहीं है? -बिल्कुल है।
पर लोग तो आ-जा रहे हैं? -यह तो उनको ध्यान रखना चाहिए, क्या उन्हें नहीं पता कि वे संक्रमित हो जाएंगे, जरूरी है पुलिस, डॉक्टर या नर्स उन्हें डंडा लेकर भगाए।
अंचल में भी बढ़ रहे मरीज-कन्नौद ब्लॉक में अब तक 44 एक्टिव केस
जिले के नगरीय क्षेत्रों के साथ ही कुछ बड़ी पंचायतों में भी लॉकडाउन लगाया गया है। इसके बावजूद कई लोग बेवजह घूम रहे हैं। कई तो बिना मास्क के ही घूम रहे हैं। प्रशासन लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है फिर लोग नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। नतीजा अब ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। बागली अनुभाग में कोरोना के करीब 108 एक्टिव केस हैं। सरकारी रिकॉर्ड में तो मौत का आंकड़ा शून्य है, लेकिन ग्रामीणों की माने तो बागली ब्लॉक में दस दिन के अंदर ही 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
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इसी तरह सोनकच्छ विकासखंड में 33 एक्टिव मरीज है। नगर सहित आसपास के गांवों में पिछले एक सप्ताह में 30 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह कन्नौद विकासखंड में 44 एक्टिव केस है। सरकारी रिकॉर्ड अनुसार कोरोना से दो लोगों की मौत भी हुई है। लेकिन मुक्तिधाम समिति व कब्रिस्तान के चौकीदार की माने तो 1 मार्च से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इधर, टोंकखुर्द विकासखंड में वर्तमान में कोरोना के 25 एक्टिव मरीज है। कोरोना से एक की मौत भी हुई है।