SATNA : उपचुनाव की तैयारियां शुरू / महिला नेत्रियों ने पूर्व CM कमलनाथ से किया परिचय : कांग्रेस नेत्रियां पुरुषों पर दिखी भारी
सतना जिले के भाजपा विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन से रिक्त हुई रैगांव विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब बीते दिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मैहर की धार्मिक यात्रा करने आए। राजनीतिक जानकारों ने दावा किया है कि कमलनाथ के दौरे के समय सबसे ज्यादा अगुआ विधानसभा के दावेदार रहे।
ऐसे में खुद पूर्व प्रभारी मंत्री व कांग्रेस नेता लखन घनघोरिया ने आगे बढ़कर सभी नेताओं का परिचय कमलनाथ के सामने कराया। हालांकि कमलनाथ ने सिर्फ इतना ही कहा है कि सब लोग मेहनत कर कांग्रेस के लिए काम करें। मैं खुद सर्वे कराउंगा, जो नेता सही फिट बैठेगा, उसी को टिकट दी जाएगी। ऐसे में जमीनी नेताओं को डर है कि कहीं कांग्रेस आला कमान मूल कार्यकर्ताओं की अनदेखी न कर दे।
कांग्रेस नेत्रियां पुरुषों पर दिखी भारी
बता दें कि कमलनाथ के दौरे के समय कांग्रेस नेत्रियां हर जगह पुरुषों पर भारी दिखी। वे अपने अपने स्तर से बड़े नेताओं से जोर जुगाड़ लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री के सामने परिचय पाना चाह रही थी। ऐसे में सभी नेत्रियों ने लखन घनघोरिया के सामने अपनी बात रखी। लेकिन हेलिपेड पर ज्यादा भीड़ होने के कारण परिचय सही ढंग से नहीं हो पाया। तब सभी नेत्रियों ने मंदिर के नीचे सीढ़ियों पर डेउढ़ी में पूजा करने के बाद परिचय का प्लान बनाया। तो लखन घनघोरिया ने उषा चौधरी, रश्मि सिंह और कल्पना वर्मा का नाम लिया। कल्पना के बारे में बताया कि ये पिछली बार विधानसभा प्रत्याशी रह चुकी है। जो कुछ ही वोटों से चुनाव हारी थी।
पूर्व विधायक को नहीं मिला कोई रिएक्शन
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि जब कमलनाथ हेलिपेड पर उतरे तो वहां पर पहले से ही बसपा की पूर्व विधायक व वर्तमान समय में रैगांव कांग्रेस नेत्री उषा चौधरी मौजूद थी। हेलिकाप्टर से नीचे उतरने के बाद कमलनाथ जैसे ही आगे बढ़े तो रैगांव की पूर्व विधायक उषा चौधरी ने अपना परिचय दिया। हालांकि कमलनाथ की ओर से कोई रिएक्शन नहीं मिला, तब उषा चौधरी को लगा कि शायद पहचान नहीं पाएं है। ऐसे में उषा चौधरी ने लखन घनघोरिया से बोलकर दोबारा परिचय कमलनाथ के सामने करवाया है।
रैगांव ब्लॉक कांग्रेस की गतिविधियों पर आला कमान का फोकस
सूत्रों की मानें तो बीते सप्ताह कोरोना से मौत के आंकड़ों को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने ब्लॉक कांग्रेस के सहयोग से गांव गांव की जानकारी जुटाई थी। ये पूरी जानकारी पीसीसी कार्यालय भेजी गई। तब कमलनाथ ने प्रदेश में डेढ़ लाख मौतों का दावा कर शिवराज सरकार पर तंज कसा था। इस सर्वे में सबसे ज्यादा रैगांव व नागौद क्षेत्र ने नेता ज्यादा सक्रिय थे।
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प्रदेश में मौतों पर हुई थी सियासत
सूत्रों की मानें तो तब दबी जुबान जिला कांग्रेस ने कहा था कि सतना जिले में अप्रैल और मई की शुरुआत के 44 दिनों को मिलाकर 800 से ज्यादा मौत हुई थी। हालांकि कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने कहा था कि हमारी ओर से कोई सर्वे नहीं किया गया। बल्कि ब्लॉक पदाधिकारियों ने मौखिक जानकारी जुटाकर डाटा बनाया था।