सतना बिरला सीमेंट में बड़ा हादसा : सफाई करते श्रमिक का सिर बेल्ट में फंसकर सेकंडों में कट कर धड़ से हुआ अलग : आक्रोशित श्रमिकों ने किया जमकर बवाल

 

सतना बिरला सीमेंट में बड़ा हादसा : सफाई करते श्रमिक का सिर बेल्ट में फंसकर सेकंडों में कट कर धड़ से हुआ अलग : आक्रोशित श्रमिकों ने किया जमकर बवाल

सतना। मध्यप्रदेश की सतना शहर से नजदीक बिरला सीमेंट की सगमनिया मांइस में बड़ा हादसा हुआ है। यहां लाइन स्टोन को फोड़कर गिटटी बनाने वाले प्लांट में सफाई करते समय एक ​श्रमिक का सिर बेल्ट में फंस गया। सिर सेकंडों में कट कर धड़ से अलग हो गया। हालांकि शुरुआत में कंपनी के जिम्मेदारों ने मामला को छिपाया, लेकिन जैसे ही अन्य श्रमिकों को वारदात की जानकारी लगी तो परिजनों को सूचना दे दी। सिर कटने की बात सुनकर परिजन आक्रोशित होकर सगमनिया माइंस में पहुंचकर बवाल करने लगे।

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देखते ही देखते मृतक के पक्ष से सैकड़ों लोग कंपनी को घेर लिया। बड़े बवाल की सूचना के बाद शहर के सभी थानों का बल मौके पर डाटा हुआ। परिजनों और कंपनी प्रबंधन की मुआवजा को लेकर बात चल रही है, जबकि कंपनी 18 लाख का चेक देने को तैयार है। परिजन 25 लाख का चेक, एक सदस्य को नौकरी और मृतक की पत्नी को पेंशन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। ये हादसा कोलगवां थाना क्षेत्र के बाबूपुर चौकी अंतर्गत सगमनिया माइंस का है।

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क्या है मामला

बाबूपुर चौकी प्रभारी गंगा सिंह ने बताया कि नरेश पाल​ निवासी छोटी बठिया माइंस में दैनिक वेतन भोगी श्रमिक था। जो रोजाना की तरह सगमनिया माइंस में सोमवार की सुबह 10 बजे साफ सफाई कर रहा था। वह बेल्ट के पास से गुजरते समय अचानक चपेट में आ गया। इससे सिर धड़ से अलग होते ही उसकी मौत हो गई। हालांकि हादसा होते ही कंपनी के सुरक्षाकर्मियों को पता चल गया। तो आनन फानन में अधिकारियों को सूचना देकर खून को साफ करने की कोशिश की। वहीं सिर के पास पड़े खून में धूल डालकर घटनास्थल को मिटा दिया। लेकिन किसी को भनक नहीं लगने दी।

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नहीं लौटा तो अन्य श्रमिकों ने पूछताछ शुरू की

नरेश पाल के साथियों का दावा है कि वे सभी एक साथ सफाई करने आते थे। सबका क्षेत्र बड़ा होता था, लेकिन हम लोग अपना काम कर खाली हो गए। फिर भी एक बजे तक नरेश नहीं लौटा तो शंका हुई। कुछ लोगों से खोज खबर ली तो अनहोनी का पता चला। तुंरत फोन के माध्यम से परिजनों को सूचना दी गई। वहीं परिजन और रिश्तेदार भी एकत्र हो गए। देखते ही देखते मृतक की ओर से सैकड़ों लोग पहुंचकर गेट में ताला जड़ दिया। साथ ही सभी लोग कंपनी के गेट पर बैठकर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुआवजा की मांग पर अड़ गए।

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छावनी में तब्दील कंपनी

शुरुआती दौर में हादसे की जानकारी बाबूपुर चौकी पुलिस को दी गई थी। लेकिन जब प्रदर्शनकारी नहीं मानें तो पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई। बड़े बवाल की जानकारी मिलते ही सीएसपी विजय प्रताप सिंह, कोलगवां कोतवाल, डीपीएस चौहान, सिटी कोतवाली टीआई एमएस उपाध्याय सहित आसपास के थानों के पुलिस बल को बुलाया गया है। खबर लिखते जानें तक शाम 5 बजे तक प्रदर्शन चलता रहा है।

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25 लाख नकद और नौकरी की मांग

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मृतक की मौत के बाद उसके परिवार के भरण पोषण के लिए 25 लाख नकद, एक सदस्य को परमामेंट नौकरी, मृतक की पत्नी को पेंशन की मांग को लेकर अड़े हुए है। जबकि कंपनी की ओर से सिर्फ 18 लाख का चेक दिया जा रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन के वरिष्ठ ​अधिकारियों का कोलकाता स्थित कंपनी के हेड आफिस में बात चल रही है।

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