MP : सरकार बोली- मरीजों के साथ ब्लैकमेलिंग ठीक नहीं, जूडा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) और सरकार के बीच मामला गहराता जा रहा है। सरकार और जूनियर डॉक्टर आमने- सामने हो गए हैं। इधर, सरकार डैमेज कंट्रोल के मूड में आ गई है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री का कहना है कि जूडा को ब्लैकमेलिंग छोड़कर हड़ताल खत्म करनी चाहिए। वहीं, जूडा भी मांगों को लेकर अड़ा हुआ है। इधर, मध्यप्रदेश हाई कोर्ट द्वारा दिए गए 24 घंटे भी शाम को खत्म हो जाएंगे।
गुरुवार को हाईकोर्ट के जूडा को 24 घंटे में हड़ताल खत्म करने के आदेश के बाद जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने पांच कॉलेज के फाइनल ईयर के 468 जूनियर डॉक्टरों का नामांकन रद्द कर दिया था। इससे नाराज करीब 3 हजार जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देकर हड़ताल तेज करने का ऐलान कर दिया।
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सरकार ने जूनियर डॉक्टरों से बातचीत कर मामले को जल्द खत्म करने की कोशिश शुरू कर दी है। सरकार की तरफ से कॉलेज प्रबंधन को जूनियर डॉक्टरों से बातचीत के निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार को गांधी मेडिकल काॅलेज (जीएमसी) में डीन और जूडा के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें जूडा को कोर्ट का सम्मान कर हड़ताल खत्म करने के लिए कहा गया है। हालांकि अभी बातचीत में संतोषजनक संकेत नहीं मिले हैं। जूडा ने सभी पदाधिकारियों से बातचीत कर पक्ष रखने के लिए समय मांगा है।
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कोर्ट ने हाई लेवल कमेटी बनाने के लिएकहा
गुरुवार को जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को कोर्ट ने अवैध करार दिया था। साथ ही, 24 घंटे में हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की बात कही थी। आदेश में कोर्ट ने हड़ताल खत्म नहीं होने पर सरकार को कानून के अनुसार कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही, कोर्ट ने जूडा के हड़ताल खत्म करने पर उनके साथ बातचीत के लिए हाई लेवल कमेटी बनाने की बात भी कही है। जिसमें सीएस, एसीएस, चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा आयुक्त रहेंगे। शर्त है कि जूड़ा हड़ताल समय सीमा में खत्म करेगा, तभी कमेटी बातचीत करेगी।
जूडा सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा
इधर, जूडा कॉलेज प्रबंधन के साथ बातचीत के बीच दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर रहा है। जूडा के एक पदाधिकारी का कहना है कि सरकार जूड़ा से बिना बातचीत करे कोर्ट गई है। अभी भी हमारी मांगों को लेकर आदेश जारी नहीं कर रही है। हम भी कानून विशेषज्ञों की राय लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी पर विचार कर रहे हैं।
हड़ताल को मिल रहा समर्थन
प्रदेश के जूनियर डाॅक्टर्स की हड़ताल को देश भर के कई राज्यों के मेडिकल एसोसिएशन और छात्रों का समर्थन मिल रहा है। इन संगठनाें का कहना है कि यदि सरकार जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर बातचीत की बजाय दमनकारी नीति अपनाती है, तो देश भर के जूनियर डाॅक्टर काम बंद कर हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।
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468 फाइनल ईयर के जूडा बर्खास्त
मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने फाइनल ईयर के 468 फाइनल ईयर के जूनियर डॉक्टरों के नामांकन निरस्त कर दिए है। इसमें रीवा 173, भोपाल 95, इंदौर 92, ग्वालियर 71 पीजी छात्रों के नामांकन रद्द किए गए हैं। नामांकन रद्द होने के बाद छात्र परीक्षा देने के पात्र नहीं होंगे। इनके एग्जाम का शेड्यूल मई माह में आ जाता है। इस बार कोरोना के कारण शेड्यूल जारी नहीं हो सका।
हड़ताल खत्म कर वापस लौटे जूडा- सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि हम हमेशा संवाद करते आए हैं। जूडा को हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। मैंने जूडा से 6 बार बातचीत की। जूडा सरकार और हाईकोर्ट की बात नहीं मान रहे हैं। जूडा की मरीजों के साथ ब्लैक मेलिंग ठीक नहीं है। उनको तुरंत हड़ताल खत्म कर काम पर वापस लौटना चाहिए।