MP : रीवा मेडिकल कॉलेज में थोक के भाव जूनियर डॉक्टरों का नामांकन रद्द कर किया बर्खास्त तो अन्य कॉलेजों में प्रबंधन ने छात्रों को बचाया, रीवा में एकतरफा कार्रवाई से उठ रहे सवाल
मध्य प्रदेश के ज्यादातर मेडिकल कॉलेजों में लास्ट ईयर के हड़ताली जूनियर डॉक्टर पर कार्रवाई की गई है। वहीं रीवा मेडिकल कॉलेज में थोक के भाव फस्ट ईयर, सेकंड ईयर और फाइन ईयर के जूनियर डॉक्टर को नामांकन रद्द व बर्खास्त कर दिया गया है। अब सवाल यह है कि एमपी के अन्य मेडिकल कॉलेजों में प्रबंधन ने जहां जूनियर डॉक्टर्स को बचाने का प्रयास किया। वहीं रीवा के श्याम शाह मेडिलक कॉलेज के डीन डॉ. मनोज इंदुलकर ने एकतरफा कार्रवाई की।
उठ रहे सवालों को लेकर डीन ने बेबाकी से जवाब दिया। कहा कि राज्य सरकार ने जूनियर डॉक्टर की लिस्ट मांगी थी। तो हमने सौंप दी। आगे का फैसला सरकार को ही करना है। हालांकि जूडा अध्यक्ष डॉ. रजनीश मिश्रा ने कहा कि सभी जूडा पर कार्रवाई करने से जूडा नेताओं को भविष्य के लिहाज से फायदा है। अन्य जगह सिर्फ जूनियर डॉक्टर्स के लीडरों व खासकर लास्ट ईयर के जूडा को टार्गेट किया है। वहीं पूरे मामले में जूडा यूनियन के प्रदेश पदाधिकारी आगे की रणनीति तय कर रहे है।
डीन डॉ. मनोज इंदुलकर से दैनिक भास्कर के सवाल
1- सवाल: सर अन्य जगहों की अपेक्षा रीवा मेडिकल कॉलेज में छात्रों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई हुई है क्यों!
जवाब: इसको एकतरफा कार्रवाई नहीं कह सकते है। सरकार ने लिस्ट मांगी और हमने सौंप दी।
2- सवाल: तो अन्य जगह के डीन इस तरह क्यो लिस्ट नहीं सौंपे। जवाब: ये उनका इंटरनल मामला है। वहां सिर्फ लास्ट ईयर के जूडा को टार्गेट किया गया है।
3- सवाल: अब सर इन जूडा का क्या होगा। जवाब: सरकार लगातार बैठकर निर्णय ले रही है। वहीं जूडा के पास अन्य विकल्प खुले है।
4- सवाल: रीवा एसएस मेडिकल कॉजेल द्वारा आंख मूंदकर लिस्ट सौंप दी गई। क्या कोई विचार नहीं किया गया। जवाब: सब सोच समझकर किया गया है। हमारे लिए सभी जूडा एक बराबर है।
5- सवाल: मेडिकल यूनिर्वसिटी जबलुपर में सबसे कम कार्रवाई की गई। वहां ऐसा क्यों हुआ है। जवाब: वहां पर यूनिर्वसिटी प्रबंधन के निजी विचार है। अन्य जगहों की अपेक्षा कम जूडा पर कार्रवाई करना अब क्या कह सकते है।
पांचवें दिन भी हड़ताल जारी
मध्य प्रदेश सरकार व हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी शुक्रवार को जूनियर डॉक्टर्स काम पर लौटने को तैयार नहीं हुए। वे मेडिकल कॉलेज कैंपस में ही अपनी छह सूत्री मांगों को लेकर अड़े हुए है। बीते दिन देर शाम सभी ने सामूहिक इस्तीफा सौंपते हुए कैंडल मार्च निकाला था। साथ ही कोरोना आपदा के दौरान कार्य करते समय शहीद हुए जूनियर डॉक्टर को याद किया गया।
अन्य संगठनों का जूडा को सपोट
6 सूत्रीय मांगों को लेकर पांच दिन से हड़ताल कर रहे जूडा का स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभिन्न संगठनों द्वारा समर्थन किया जा रहा है। बीते दिन नर्सेस एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष अंबिका तिवारी ने भी जूडा की मांगों का समर्थन किया है। साथ ही जूडा के पक्ष में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर ज्ञापन सौंपा है। समर्थन पत्र में लिखा है कि जूडा मेडिकल कॉलेज और रीवा में अस्पताल का मुख्य आधार है। कोरोना महामारी के दौरान इनकी सेवाएं सराहनीय रहीं। जूडा की सभी मांगे जायज है। ऐसे में जल्द निराकरण कर जूडा को अस्पताल के कार्यों पर लिया जाए।