REWA : 85 घंटे का रेस्क्यू पूरा : कैंसर के दर्द से हारकर युवती ने नहर में लगाई थी छलांग : SDRF की कड़ी मशक्कत के बाद शव बरामद
रीवा जिले के गोविंन्दगढ़ थाना अंतर्गत अमिलकी नहर से युवती का शव चार दिन बाद बरामद कर लिया गया है। यहां मंगलवार की शाम पैर फिसलने के कारण नहर में डूबने का मामला सामने आया था। लेकिन शुक्रवार की सुबह शव बरामद करने के बाद गोविंन्दगढ़ पुलिस ने मृतका के भाई से पूछताछ की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए।
भाई ने बताया कि उसको बचपन से ही कैंसर था। इसलिए दर्द से हारकर उसने सुसाइड कर लिया है। फ्री हाल नहर से शव बरामद करने के बाद पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई कर पीएम के लिए गोविंन्दगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेज दिया है। जहां पोस्ट मार्टम के बाद डेड बॉडी परिजनों को सौंप दी गई है।
गोविंन्दगढ़ थाना प्रभारी एसएस बघेल ने बताया कि मंगलवार की शाम करीब 5 बजे प्रियंका दाहिया पिता बाबूलाल दाहिया (18) निवासी अमिलकी की गांव के ही समीप निकलने वाली नहर में गिरकर बहने का मामला सामने आया था। जहां डायल 100 को सूचना मिली थी। इसके बाद थाने का बल गया, लेकिन रात हो जाने के कारण रेस्क्यू नहीं हो सका। ऐसे में बुधवार की सुबह नहर का पानी रोककर होमगार्ड के गोताखोरों की मदद से सर्चिंग की गई। फिर भी सफलता नहीं मिली।
इसी तरह गुरुवार को पूरा दिन सर्च ऑपरेशन चलता रहा। लेकिन नहर में पानी ज्यादा होने के कारण बाडी नहीं मिली। शुक्रवार की सुबह करीब 9 बजे जैसे ही नहर का पानी कम हुआ। उसी दौरान SDRF की टीम ने स्टीमर की मदद से 85 घंटे के बाद रेस्क्यू पूरा कर लिया। फिर डेड बॉडी को नहर के माइनर से 2 किमी. घूमाकर घटना स्थल के पास लगाया गया। जहां पर पंचनाम कार्रवाई के बाद पीएम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
टरबाइन के नीचे मिला शव
रेस्क्यू ऑपरेशन में कमांडेंट मधु राजेश तिवारी द्वारा गठित SDRF व होमगार्ड की टीम ने चौथे दिन कड़ी मशक्कत के बाद शव को बरामद किया है। इसके बाद शव को गोविंन्दगढ़ पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया है। बताया गया कि जहां से शव बरामद हुआ है वहां पर जान जोखिम में डालकर टरबाइन के नीचे उतरे जवानों को सफलता मिली है। इस कार्य में SDRF के शंभु पाण्डेय, विनीत शुक्ला, हीरा, सत्यनारायण, अनिल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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शरीर के कई अंगों से बह रही थी मावाद
आत्महत्या करने वाली प्रियंका दाहिया के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि वह बचपन से ही होनहार थी। इस साल वह 12वीं की कक्षा में पढ़ती थी। लेकिन कैंसर के कारण उसके शरीर के कई अंगों से मावाद बहती थी। जिससे वह दशकों से परेशान रहती थी। परिजन कई बार चित्रकूट आदि अस्पतालों में इलाज कराए पर सफलता नहीं मिली।