ALERT : राजस्थान में कप्पा वैरिएंट के 11 मामले मिले, चिकित्सा महकमे में मची खलबली
जयपुर। प्रदेश में दूसरी लहर के दौरान 90 प्रतिशत मामलों में डेल्टा और पिछले माह डेल्टा प्लस वैरिएंट के एक मामले की पुष्टि होने के बाद अब राजस्थान के 11 मामलों में कप्पा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। इसके बाद चिकित्सा महकमे में खलबली मच गई।
हालांकि राहत यह है कि विशेषज्ञों के अनुसार डेल्टा वैरिएंट और डेल्टा प्लस की तुलना में कप्पा वैरिएंट काफी हल्का और यहां तक कि कोविड एसिंप्टोमेटिक की तरह होता है। लेकिन अब लगातार वैरिएंट केस मिलने के बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड में है।
11 मरीजों में से 4-4 अलवर और जयपुर, 2 बाड़मेर और 1 भीलवाड़ा से है। लिए गए सैंपल में से 9 की रिपोर्ट दिल्ली स्थित आइजीआइबी लेब और 2 की एसएमएस स्थित जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन से प्राप्त हुई है।
अन्य वैरिएंट की तरह ही लक्षण:
कप्पा वैरिएंट में भी संक्रमितों में खांसी, बुखार, दस्त, स्वाद चला जाना, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। हालांकि, यह अलक्षणीय (म्यूटेंट्स) भी हो सकते हैं। इसके लिए मामूली लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से सलाह लें।
कप्पा कुछ हल्का वैरिएंट - चिकित्सा मंत्री:
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के अनुसार कप्पा डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले कप्पा मध्यम तरीके का है। हमें घबराने की बजाय अलर्ट रहना है। अनलॉक के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क का उपयोग करते रहना है। शर्मा ने आमजन से अभी भी पूर्ण अनुशासन के साथ कोरोना अनुकूल व्यवहार अपनाने की आवश्यकता जताई।
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एसिंपटोमेटिक की तरह है यह वैरिएंट:
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सुधीर भंडारी ने कहा कि कप्पा वैरिएंट एसिंपटोमेटिक की तरह होता है। यह मामूली वैरिएंट है और डेल्टा व डेल्टा प्लस की तुलना में काफी हल्का है। लेकिन हमें अलर्ट रहना चाहिए।
मामूली बदलाव से भी बनते हैं वैरिएंट:
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर मेडिसिन डॉ.रमन शर्मा के अनुसार कोविड वायरस में मामूली बदलाव आते रहते हैं। कप्पा वैरिएंट उसी तरह का है। घबराएं नहीं, बस सजग रहें।