REWA : खबर का असर : हरकत में आया प्रशासन, मेडिकल कालेज के डीन डॉ. मनोज इंदुलकर के अवैध बहुमंजिला भवन को गिराये जाने के निर्देश
( ग्राउंड एमपी 17 ऋतुराज द्विवेदी की रिपोर्ट ) रीवा शहर में नियम विरुद्ध तरीके से एक नाले के ऊपर खड़ी नर्सिंग होम की बिल्डिंग का मामला सामने आया था। उक्त बिल्डिंग रीवा श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनोज इंदुलकर की पत्नी के नाम पर है। जो 5 वर्ष से तैयार खड़ी है, फिर भी नगर निगम के जिम्मेदारों को नहीं दिखी है।
लोगों का कहना था की आखिर नगर निगम की जेसीबी गरीबों के झोपड़ो पर ही क्यों चलती है। बड़े अधिकारी निगम को क्यों नहीं दिखाई देते है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण डीन की बिल्डिंग है।
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नाले पर खड़ी नर्सिंग होम की बिल्डिंग का अगला और पिछला हिस्सा। |
आलीशान इमारत के नीचे बह रहा नाला
बता दें कि एसएएफ चौराहे से रानी तालाब की ओर जाने वाले भैरव मार्ग पर नर्सिंग होम के लिए आलीशान इमारत बन कर खड़ी है। जिसके नीचे से सार्वजनिक नाला बह रहा है। हर आने जाने वाला आदमी इस द्रश्य को देखकर हैरान है कि आखिर नगर निगम इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी चुप्पी क्यों साधे हुए। जबकि अक्सर जिला प्रशासन से लेकर नगर निगम के बड़े अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है। रीवा के वार्ड क्रमांक 41 में रानी तालाब के पास भैरों बाबा मार्ग में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनोज इंदुलकर का आलीशान बहुमंजिला भवन बना है, जिसकी नींव ही नाले के ऊपर रखी गई है, इनके बहुमंजिला भवन के नीचे से नाला गुजर रहा है, जो तस्वीर में साफ दिखाई दें रहा, कि नाले के ऊपर बनी यह बिल्डिंग कई सालों से बनकर यूं ही खडी है, गरीबों का मकान तोड़ने वाला नगर निगम और जिला प्रशासन को शायद यह अवैध किला नहीं दिख रहा, जिसे हम दिखा रहे।
आपको बता दें कि उक्त निर्माण ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियम के विरुद्ध था, हद तो यह है कि सुभाष चौराहा में अवैध निर्माण पाए जाने पर डायनामाइट से ब्लास्ट कर भवन गिरा दिया गया था।
विगत समय नालों के किनारे बने कई मकान तोड़े गए थे, लेकिन डॉक्टर साहब का किला (भवन) जो नाले के ऊपर ही खड़ा कर दिया गया है, जिसे तोड़ने में रीवा प्रशासनिक अमले का पसीना झूट रहा था.
निगमायुक्त ने तलब की जानकारी, एक्शन में आया प्रशासन
एसएस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनोज इंदुलकर की पत्नी के नाम पर बनी अवैध बिल्डिंग के बारे में जब रीवा न्यूज़ मीडिया के संचालक ऋतुराज द्विवेदी ने बात की तो निगमायुक्त मृणाल मीणा ने कहा कि पूरी जानकारी तलब कर ली गई है। कयास लगाए जा रहे है कि जल्द बड़ा एक्शन हो सकता है।
हरकत में आया प्रशासन
मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम के प्रशासक कलेक्टर इलैयाराजा टी एवं आयुक्त नगर निगम ने उक्त मामले की बारीकी से जांच कराई। कार्यपालन यंत्री एपी शुक्ला के द्वारा अवैध रूप से बनाये गये बहुमंजिला भवन की जांच शुरू की गई तो पाया गया कि बिल्डिंग अवैध है।
सवाल यह उठता है कि आखिर किसकी परमीशन पर उक्त बिल्डिंग का निर्माण कराये जाने की अनुमति प्रदान की गई। बहरहाल अनुमति जिसने भी दी हो जांच में भवन अवैध मिला जिसके बाद बिल्डिंग को गिराये जाने के निर्देश आयुक्त नगर निगम मृणाल मीणा के द्वारा दिये गये। बता दें कि नगर निगम की सख्ती को देखते हुए अवैध निर्माणकर्ता स्वयं अवैध बिल्डिंग को गिराने का निर्णय लिया।
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