REWA : एक सीख़ : ट्रैफिक सूबेदार ने पिता की पुण्यतिथि पर बांटे हेलमेट, कहा - अगर हादसे के समय होता हेलमेट तो आज पिता जी होते साथ
रीवा। ट्रैफिक सूबेदार अनिल सिंह कुशवाह ने पिता की पुण्यतिथि पर आम राहगीरों को हेलमेट बांटते हुए जागरूक करने का प्रयास किया। ट्रैफिक सूबेदार ने कहा कि बाइक चलाते समय हेलमेट में ही जिंदगी होती है। इसलिए हेलमेट अवश्य लगाएं। जो भूल आप कर रहे है। उसकी सजा आने वाले कल में आपके बच्चों को मिलेगी।
ऐसे में हेलमेट को जिंदगी का अहम हिस्सा मानकर हर पल यात्रा करते समय लगाए। क्योंकि हादसे बोल कर नहीं आते है। वह उसी दिन होता है जिस दिन आप जल्दबाजी में होते है। इसलिए सोच समझकर बाइक चलाएं। साथ ही स्पीट को कंट्रोल रखे। जिससे हादसा होने से पहले आपकी बाइक संभल जाए।
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पिता की भूल आज भी कसक रही परिवार को
अनिल सिंह कुशवाह ने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय राम विश्वास सिंह कुशवाह हमेशा हेलमेट लगाते थे। लेकिन 16 जुलाई 2010 का वह दिन कभी नहीं भूलता। उस दिन वह बिना हेलमेट के कारण बस की चपेट में आए और अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ दिए थे। उनकी एक भूल से आज हम भाई बहनों के सिर में पिता का साया नहीं है। आज भी परिवार वालों के मन में कसक है, शायद हेलमेट लगाए होते तो आज सभी के बीच होते।
11 साल पहले हमने पिता को खोया
उन्होंने बातचीत में कहा कि 11 साल पहले हमने अपने पिता को खोया है। लेकिन अब कोई राहगीर अपने बच्चों का साथ न छोड़े। इसी उददेश्य के साथ शुक्रवार की शाम हाइवे में बिना हेलमेट के चलने वाले राहगीरों को वितरण किया हूं। हालांकि हेलमेट वितरण करते समय कई बाइक सवार यातायात की वाहन चेकिंग समझकर इधर-उधर भाग रहे थे। फिर वे समझाइश देकर सभी को हेलमेट दिए।
एक हेलमेट, एक जिंदगी
जिस हेलमेट की वजह से राम विश्वास सिंह कुशवाह ने जिंदगी खो दी थी। आज उन्ही के बेटे को ऐसी वर्दी मिली कि ट्रैफिक नियमों के पालन की जिम्मेदारी है। जो दिनभर हेलमेट को लेकर ही लोगो को जागरूक करते है। अखिलेश ने कहा कि एक हेलमेट में एक जिंदगी है। यही वजह है कि अपने पिता की पुण्यतिथि में हर साल हेलमेट बांटते है।