REWA : कलेक्टर इलैयाराजा टी के स्थानांतरित होने से उनके चाहने वालों को लगा झटका, जनता ने कहा DM हो तो ऐसा...
( ग्राउंड एमपी 17 ऋतुराज द्विवेदी की रिपोर्ट ) रीवा. मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारीयों का तबादला किया है, जिसमे रीवा जिले के कलेक्टर इलैयाराजा टी का भी ट्रांसफर लिस्ट में नाम है. उनका ट्रांसफर अब जबलपुर डिस्ट्रिक में बतौर डीएम (District Magistrate) कर दिया गया है और रीवा में कलेक्टर की कुर्सी संभालने के लिए मनोज पुष्प का ट्रांसफर अलीराजपुर से किया गया है।
रीवा में 80% लोग हैं दुखी
रीवा जिले के लिए यह पहला वाकया है जब किसी बड़े प्रशासनिक अधिकारी के स्थानांतरण होने की खबर से पूरा जिला दुखी है। कम समय में अपनी अच्छी खासी पहचान बनाने वाले इलैया राजा टी रीवा के ऐसे पहले कलेक्टर माने जा रहे हैं। शहर को स्वच्छ, बेहतर, व्यवस्थित बनाने का अधूरा ही रहा। अचानक से स्थानांतरण आदेश पहुंचने से हड़कंप सा मच गया। जिला कलेक्टर इलैयाराजा टी के कार्यों की जितनी भी सराहना की जाए वह कम होगी चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो, चिकित्सा का क्षेत्र हो, नगर निगम, आबकारी, खनिज एक कुछ उदाहरण है जहां इन्होंने कम समय में काफी कसावट एवं सुधार किया है। यह कहा जाना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि जिला कलेक्टर के स्थानांतरण आदेश पहुंचने से जिले की जनता अपने को अनाथ महसूस कर रही है।
रीवा के कलेक्टर इलैयाराजा टी के स्थानांतरित होने से चाहने वालों को झटका लगा है ज़ाहिर है इलैयाराजा अपनी कार्यप्रणाली के लिए हमेशा सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। उन्होंने रीवा में खनिज माफिया, भू माफिया समेत कई अवैध कारोबारों पर कड़ा एक्शन लिया था। उनके कार्यकाल में जिले के अराजक तत्व भी बिल में घुस गए थे। अब इलैयाराजा टी जलबपुर जिले में बतौर कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं देंगे।
.... कहती है रीवा की जनता
बहुत ही कम ऐसे प्रशासनिक अधिकारी होते हैं, जिनके कार्यप्रणाली से जनता खुश होती है। उनमें से एक रीवा कलेक्टर के पद पर पदस्थ डॉ इलैयाराजा टी भी थे. इलैयाराजा टी की कार्यप्रणाली रीवा की जनता को काफी पसंद आ रही है। आए भी क्यों नहीं, तेज तर्रार युवा आईएएस और उनका काम करने का जोशीला अंदाज़ जो है।
शिक्षक सत्येंद्र सिंह तबादले की खबर सुनते ही नईगढ़ी से पहुंचे रीवा
शिक्षक सत्येंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया रीवा कलेक्टर जैसा मैंने अपने जीवन में आज तक न देखा, जो अपने कार्यालय से लेकर धरातल तक बखूबी अपने काम को अंजाम देते थे। मैं रीवा कलेक्टर इलैयाराजा टीम के स्थानांतरण की खबर सुनते ही नईगढ़ी से रीवा पहुंचा जहां शिक्षकों ने भी इस स्थानांतरण को लेकर दुख जताया है वहीं दूसरी ओर सत्येंद्र सिंह कहते हैं भिंड के काम में तो प्रसिद्ध ही थे वही रीवा में भी फिर से इलैयाराजा टी की जरूरत है, शिक्षकों, गरीबों और मसीहा से लेकर धरातल तक की लड़ाई लड़ने वाले ऐसे कलेक्टर को नहीं जाना चाहिए था। वही जनता की समस्याओं को बारीक़ी से समझना उस पर कड़ा एक्शन लेना रीवा कलेक्टर इलैयाराजा टी ही कर सकते है।
तीन पदों का प्रभार, फिर भी बाखूबी किया अपने दायित्वों का निर्वहन
2020 में कोरोना काल के दौरान रीवा में पदस्थ हुए डीएम इलैयाराजा टी के पास तीन पदों का प्रभार था। कलेक्टर होने के साथ साथ वे नगर निगम के प्रशासक और प्रभारी संभागायुक्त भी रहें हैं। तीनों पदों का दायित्व का बाखूबी निर्वहन भी किया।
जनता बोलती ...काम बोलता है
IAS इलैयाराजा टी ने कोरोना काल के दौरान रीवा कलेक्टर का कार्यभार सम्हाला था। DM के रूप में उनका काम जमीनी स्तर पर दिखने लगा। रीवा में जिस अंदाज में वे काम किये, बहुत ही कम ऐसे IAS रीवा की जनता ने देखा है। वे कार्यालय में बैठकर काम निपटाने की बजाय जमीनी स्तर पर कामों का निपटारा करना बाखूबी जानते हैं। हाल ही में उनके द्वारा लिए गए एक्शन उनकी कार्यप्रणाली के गवाह है।
अवैध निर्माणों, अतिक्रमणकारियों पर लगाया लगाम
शिवराज सरकार ने प्रदेश भर में एंटी माफिया अभियान चलाया है। उसका असर रीवा में भी दिखा। रीवा कलेक्टर नगर निगम के प्रशासक भी हैं, लिहाजा कलेक्टर इलैयाराजा टी, निगमायुक्त मृणाल मीणा और जिला पंचायत सीईओ स्वप्निल वानखेड़े की टीम इस मुहीम में रंग लाती दिख रही है।
किसी भी समय कर देते थे निरीक्षण
किसी भी समय वे कहीं पर भी निरीक्षण के लिए पहुँच जाते हैं। अधिकारियों कर्मचारियों से बात करने के पहले वे हितग्राहियों से मिलते हैं उनकी समस्या सुनते हैं और उसका निदान करने की कोशिश करते हैं। इसके चलते वे प्रशासन को अपनी जेब में रखने की बात करने वालों को खटक भी रहें हैं। जिसमें विभागों के अधिकारियों समेत अतिक्रमणकारी, माफिया भी शामिल हैं। फिलहाल जनता का सेवक तो ऐसे लोगों को खटकता ही है, चाहे वह जनप्रतिनिधि हो, नेता हो या फिर कोई अधिकारी-कर्मचारी।
तीनों अफसरों ने रीवा में अतिक्रमणकारियों और माफियाओं की नींद हराम कर दी
सालों से किए हुए कई अवैध अतिक्रमण ढहा दिए गए, तो कई ढहाने की तैयारी में हैं। ऐसे अतिक्रमणकारी बड़े रसूकदार और राजनितिक पकड़ वाले होते हैं। जिनकी आँखों में कहीं न कहीं ये अफसर खटक भी रहें हैं। हांलाकि खुद सीएम के आदेश होने के कारण कोई राजनैतिक हस्तक्षेप प्रशासनिक कार्यवाही पर नहीं होती है, बावजूद अतिक्रमणकारी और माफिया अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़तें।
अस्पतालों की बदली पूर्ण व्यवस्था
कलेक्टर इलैयाराजा को संभागायुक्त राजेश जैन के रिटायर होने के बाद कमिश्नर का भी प्रभार मिला है। इस पद में भी वे काफी एक्टिव दिख रहें हैं। कलेक्टर इलैयाराजा शुरू से ही जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरस्त करने के प्रयास में रहते थें। कमिश्नर के प्रभार की वजह से उन्होंने यह कर भी दिखाया, कलेक्टर रोजाना किसी भी समय संजय गाँधी अस्पताल, गाँधी मेमोरियल अस्पताल और जिला अस्पताल की विजिट लेते हैं। लोगों की परेशानियां सुनते हैं, अस्पताल प्रशासन को सुविधा और व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश देते हैं। अस्पताल की साफ़ सफाई और इलाज व्यवस्था पर उनका विशेष निर्देश होता है, जो धरातल में दिख भी रहा है। तीनों ही अस्पताल में सफाई व्यवस्था और डॉक्टरों की उपस्थिति दिख रही है।
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को किया कंट्रोल
कलेक्टर इलैया राजा टी ऑफिस से ज्यादा धरातल पर ज्यादा दिखते है। जहां रीवा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर भी पूर्ण लगाम लगाया है आज रीवा दिखता है और शहर का ट्रैफिक समझ आता है रीवा कलेक्टर इलैयाराजा टी के अथक प्रयास से हमारा रीवा स्वच्छ सुंदर और सुगम रहा है जहां लगातार पर्यावरण व स्वच्छता को लेकर लगातार कार्य किए जा रहे थे।
नशे पर भी लगाया अंकुश
रीवा कलेक्टर ने अपना प्रभार ग्रहण करते ही नशे पर जोरों सोरों से लगाम लगाई थी जहां रीवा जिला नशे के कारोबार में तेजी से बढ़ रहा था वही कलेक्टर इलैयाराजा टी की नजरों से कोई भी अपराधी या कोई भी नशे के कारोबार में लिप्त बच नहीं सका अवैध वसूली अवैध कारोबार पर भी इन्होंने काफी लगाम लगाया है।
जानिए रीवा के नए कलेक्टर मनोज पुष्प को
नवागत कलेक्टर मनोज पुष्प वर्ष 1996 बैच के राज्यज प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। आप विभिन्न पदों पर आसीन रहे। इसके उपरान्त वर्ष 2011 में आप भारतीय प्रशासनिक सेवा में आये। मनोज पुष्प इससे पूर्व मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर में मुख्य् महाप्रबंधक पद पर पदस्थ रहें है। मनोज पुष्प को राज्य शासन द्वारा 1 जून 2019 को मंदसौर कलेक्टर के रूप में पदस्थ किया गया है ।अब रीवा जिले के नए कलेक्टर मनोज पुष्प होंगे जो इससे पहले अलीराजपुर में पोस्टेड थे, जो जल्द ही रीवा की कमान संभालेगें।
अपने पद और कर्मठ स्वभाव के प्रति गंभीर अधिकारी हैं मनोज पुष्प
आपको बता दें कि IAS मनोज पुष्प एक गंभीर और कर्मठ स्वभाव के अधिकारी हैं, जहां-जहां उन्होंने अपनी सेवाए दी हैं ववहां उन्होंने अपराध और माफिया राज में लगाम लगा दी थी। मनोज पुष्प की कार्यप्रणाली तब सुर्ख़ियों में आई थी पिछले साल मार्च में उन्होंने अपनी अस्वस्थ मां को हॉस्पिटल में वेंटिलेटर में छोड़ कर कोविड प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग की बैठक में शामिल होने के लिए गए थे। उन्होंने यह बात किसी को भी नहीं बताई थी।
मां के दुःखद निधन खबर पर भी नहीं छोड़ी बैठक
जब वो बैठक में गंभीर मामलों में मीटिंग ले रहे थे तभी उनकी पत्नी ने उन्हें फोन में मैसेज कर मां के दुःखद निधन की जानकारी दी थी. लेकिन IAS मनोज पुष्प VC ख़त्म होने तक बैठक छोड़कर नहीं गए. अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद मनोज पुष्प ने अपनी मां स्व-स्नेह प्रभा का अंतिम संस्कार किया।
इतना ही नहीं कोरोना के माहौल में दुःख व्यक्त करने आने वाले लोगों को भी घर आने से रोक दिया था और घर के बाहर कोई शोक मानाने ना आए का पोस्टर लगा दिया था क्योंकी अगर कलेक्टर स्वयं शोक में बेथ जाते तो कोरोना के वक़्त उनके जिले की हालत बिगड़ने लगती।