REWA : दो साल बाद महाशिवरात्रि पर उमड़ी जबरदस्त भीड़ : धूमधाम से निकाली भगवान शिव की बारात
रीवा। भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाये जाने वाले महाशिवरात्रि पर्व की धूम मंगलवार की अल सुबह से ही शुरू हो गई। शिव मंदिरो में हर-हर महादेव के नारे सुबह से ही गूँजने लगे। भक्तों ने भोले नाथ का प्रिय फूल, बेलपत्र, दूध आदि से पूजन करके सुख-समृद्धि के लिये कामना की।
इकलौते भगवान महामृत्युंजय मंदिर में भक्तों की सुबह से ही भीड़ रही। लम्बी लाइनों में खड़े होकर भक्तों ने पूजा-अर्चना की। इसी तरह देवतालाब शिव मंदिर, बिरसिंहपुर सहित अन्य प्रसिद्ध शिव मंदिरो में हजारों की तादात में भक्त पहुँचे हैं।
डीजे की धुन पर निकली भव्य शिव बारात
शिव बारात आयोजन समिति द्वारा भव्य शिव बारात शहर में निकाली गई। बैजू धर्मशाला से गाजे बाजे के साथ शिव बारात प्रारंभ होकर खन्ना चौराहा, व्यंकट रोड़, स्टेच्यू चौराहा, सांई मंदिर, चक्रधर सिटी, रसिया मोहल्ला, शिल्पी प्लाजा B ब्लाक से होते हुए स्वागत भवन, प्रकाश चौराहा, स्टेच्यू चौराहा, सिन्धी चौराहा, फोर्ट रोड़, एसके स्कूल से मुड़कर श्रमकल्याण केन्द्र के पास स्थित पचमठा आश्रम पहुंची। बारात का भव्य स्वागत किया गया।
इस दौरान शिव-पार्वती के स्वरूप धारियों का विवाह भी करवाया गया। आयोजन समिति ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी काशी विश्वनाथ की तर्ज पर बारात निकाली गई।
वैदिक रीति से हुआ शिव और पार्वती का विवाह
बताया गया कि पचमठा मंदिर में वैदिक रीति से भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न कराया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। बैजू धर्मशाला में बारात की अगवानी पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल और कलेक्टर मनोज पुष्प ने की। शिव बारात में लगने वाले जाम से बचने के लिए जगह जगह पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार दिखे. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शहर में मंगलवार शाम दो स्थानों से भोलेबाबा की भव्य बारात निकाली गई। जिसमें हजारों लोग शामिल हुए।
1 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व रीवा जिले में धूमधाम से मनाया जा रहा है। देवतालाब शिव मंदिर और महामृत्युंजय शिवलिंग में भक्तों की आस्था उमड़ी हुई है। यहां सुबह 4 बजे से जल चढ़ाने वालों की भारी संख्या में भीड़ लगी हुई है। सभी भक्त बारी-बारी से भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर जल, पुष्प, और धतूरा चढ़ा रहे है।
इसी तरह मनकामेश्वर महादेव मंदिर, गुढ़ स्थित भैरवनाथ शिव मंदिर में लोग दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे है। इधर मंदिर में भक्तों की भीड़ को देखते हुए एक दिन पहले ही जिला प्रशासन ने तैयारियां पूर्ण कर ली थी। भीड़ को देखते हुए मंदिरों में जगह-जगह शिव भक्तों की टोली व पुलिस बल का इंतजाम किया गया है।
देवतालाब शिव मंदिर का इतिहास
देवतालाब स्थित शिव मंदिर क्षेत्र में आस्था का केन्द्र बना हुआ है। वैसे तो यहां रोजाना हजारों भक्त आते है। लेकिन महाशिवरात्रि, अधिकमास और सावन सोमवार में भक्तों की आस्था देखते ही बनती है। मंदिर के पुजारियों ने बताया कि देवतालाब मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने रातों-रात कर दिया था। कहा जाता है कि पहले यहां मंदिर नहीं था। लेकिन दूसरे दिन भक्तों को विशालकाय मंदिर दिखा तो क्षेत्र की प्रचार हुआ।
श्रद्धालु बताते है कि देवतालाब शिव मंदिर का लिंग काफी रहस्यमयी है। पुजारियों का दावा है कि यह लिंग दिन में चार बार रंग बदलता है। एक प्रकार से कहा जाए तो देवतालाब, तालाबों का नगर है। यहां मंदिर के आसपास कई तालाब है। शिव मंदिर परिसर वाले तालाब को शिव-कुंड के नाम से जानते है। इस कुंड से जल भरकर ही श्रद्धालु भोलेनाथ के पंच शिवलिंग पर जल चढ़ाते है। कहा जाता है कि शिव लिंग के नीचे शिव का एक दूसरा मंदिर है, जहां चमत्कारिक मणि मौजूद है।
1001 छिद्रों वाला महामृत्युंजय शिव मंदिर
रीवा शहर के किला स्थित महामृत्युंजय शिव मंदिर भक्तों के बीच आस्था का केन्द्र बना हुआ है। यहां बसंत पंचमी और शिवरात्रि को बड़ा मेला लगता है। शिवलिंग की खासियत यह है कि महामृत्युंजय रूप में है। अर्थात 1001 छिद्रों वाला शिवलिंग है। वैसे तो यहां रोजाना श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, लेकिन हर सोमवार और अधिकमास के महीने में भगवान की एक झलक पाने के लिए भक्त खुद को नहीं रोक पाते है।
मंदिर के पुजारियों का दावा है कि रीवा जिले में दुनिया का एकमात्र शिव मंदिर है, जहां भगवान शिव के मृत्युंजय रूप की पूजा होती है। मान्यता है कि शिव आराधना करने से आयु लंबी होती है। आने वाले संकट दूर होते हैं। शिवालय का महात्म्य द्वादश ज्योतिर्लिंगों के समतुल्य माना जाता है। यहां विराजमान शिवलिंग की बनावट संसार के बाकी अन्य
मंदिरों में सुबह से चला पूजा, अर्चना का दौर
महाशिवरात्रि पर जिलेभर के मंदिरों में सुबह से ही पूजा, अर्चना का दौर शुरू हो गया था। यह सिलसिला शाम तक चला। प्राचीन शिवालयों में भीड़ काफी अधिक नजर आई।