MP : यहाँ मिलती है एक लाख में सुंदर दुल्हन, सुंदरता देखकर मोहित हो जाते हैं कुंवारे भी फिर...

 



जबलपुर। हनुमानताल पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड के जरिए शपथ पत्र के आधार पर एक युवती की शादी कराकर दमोह निवासी युवक से एक लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के चार गुर्गों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत प्ररकण दर्ज किया गया है। एक आरोपी अभी भी फरार है। हनुमानताल सीएसपी अखिलेश गौर ने बताया कि 25 जुलाई की रात सिंधी कैंप पुलिस चौकी के पीछे रहने वाली पूजा कश्यप ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी बहन दीपिका रैकवार (31) का पति से तलाक हो गया है। वह उसके साथ रहती है। दीपिका 15 जुलाई को सुबह 10 बजे सिलाई का काम लेने गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी।

युवती की शादी कराने वाले गिरोह के चार गुर्गे गिरफ्तार दमोह के एक युवक से एक लाख में किया था सौदा

उसने पुलिस को बताया कि दीपिका ने फोन पर स्वयं को ससना तेंदूखेड़ा जिला दमोह में किसी गौरीशंकर के कब्जे में होना बताया। इसकी जानकारी एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा, एएसपी अमित कुमार को दी गई। गुम इंसान का मामला दर्ज कर थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी की टीम ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस टीम ने गौरीशंकर के घर से दीपिका को दस्तयाब किया। दीपिका ने बताया कि डाल सिंह ठाकुर नाम के व्यक्ति ने गौरीशंकर से पैसे लेकर उसकी शादी कराई थी।

ऐसे हुआ खुलासा
डालसिंह लोधी ने पूछताछ में बताया कि दीपिका के जीजा दिनेश कश्यप ने जित्तू सोनी के माध्यम से फर्जी तरीके से शादी करवाने की साजिश रची थी। उसने अपने साथी शिवा दाहिया के माध्यम से अंजली दुबे के नाम से दीपिका का फर्जी आधार कार्ड बनवाया। साजिश के तहत दोस्त बबलू यादव के साथ गौरीशंकर को दिखाया। दिनेश कश्यप और जित्तू सोनी के साथ दीपिका 15 जुलाई को तेंदूखेड़ा पहुंची। 

डालसिंह ने लडक़े पक्ष से 94 हजार रुपए लिए, जिसे सभी ने आपस में बांट लिए। जांच में पता चला कि दिनेश कश्यप ने अपनी साली दीपिका रैकवार, जित्तू सोनी, डालसिंह ठाकुर, बबलू यादव के साथ फर्जी तरीके से गौरीशंकर की शादी कराई है। पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर चार आरोपियों डाल सिंह ठाकुर, बबलू यादव, जितेंद्र सोनी उर्फ जित्तू, दीपिका रैकवार को गिरफ्तार कर लिया। फरार दिनेश कश्यप की तलाश जारी है।

फर्जी आधार कार्ड बनाया
गौरीशंकर तिवारी ने पूछताछ में बताया कि उसका विवाह नहीं हो रहा था। उसने डालसिंह ठाकुर नाम के व्यक्ति से सम्पर्क किया। डालसिंह ने उसे बताया कि अंजली दुबे नामक युवती के परिवार को एक लाख रुपए की जरूरत है। यदि वह एक लाख रुपए दे तो उसका विवाह हो जाएगा। इसके बाद डालसिंह ने युवती को तेंदूखेडा बुलाया। युवती ने अपना नाम अंजली दुबे बताया। युवती की रजामंदी के बाद 15 जुलाई को तेंदूखेडा में शपथ पत्र के आधार पर गांव के मंदिर में उसकी शादी हुई। शादी के चार दिन बाद युवती ने दूध में नींद की गोली मिलाकर भागने की कोशिश की। संदेह होने पर गौरीशंकर ने युवती के परिजन को बताया। पैसे देकर युवती को ले जाने के लिए कहा।