Saudi Arabia largest Hajj yatra : इतिहास की सबसे बड़ी हज यात्रा, इन पांच योग्य बातों का रखें ध्यान, जानिए क्या है हज के पीछे की कहानी ?

 

इस्लाम के 'पांच स्तंभों' (5 Fundamentals) में से एक, 'हज' दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा वर्तमान सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का तक की जाने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का की हज यात्रा में 25 लाख से ज्यादा मुसलमान भाग लेंगे। सऊदी हज और उमरा मंत्रालय के एक अधिकारी ने अल जज़ीरा को बताया, 'इस साल, हम इतिहास की सबसे बड़ी हज यात्रा देखेंगे।' इस बार हज 26 जून से शुरू होकर 1 जुलाई को खत्म होगा। दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक सभाओं में से एक, हज वर्षों की महामारी-प्रेरित प्रतिबंधों (after Covid restrictions) के बाद पूरी क्षमता से लौट रहा है। प्रत्येक मुसलमान - जो शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हो को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार हज करना आवश्यक है। मान्यता है कि इसका उद्देश्य पापों को मिटाना और हाजियों (तीर्थयात्रियों) को खुदा (भगवान/अल्लाह) के करीब लाना है। आइए समझते हैं, हज से जुड़ी जानने योग्य पांच बातें -

1 - हज कब होता है? (When does Hajj take place?)

हज हर साल मुस्लिम कैलेंडर के आखिरी महीने जू अल-हिज्जा की 8वीं और 13वीं तारीख के बीच किया जाता है। चूँकि यह एक चंद्र कैलेंडर (चांद की तिथियों पर आधारित) है जिसमें वर्ष ग्रेगोरियन वर्ष (मौजूदा कैलेंडर) से लगभग 11 दिन छोटा होता है। यही वजह है कि हज के लिए ग्रेगोरियन तारीख साल-दर-साल बदलती रहती है। हर साल हज पिछले साल की तुलना में लगभग 10 या 11 दिन पहले आता है। दरअसल, लगभग 33 वर्षों में एक बार, हज का मौसम एक ग्रेगोरियन वर्ष में दो बार पड़ता है। आखिरी बार ऐसा 2006 में हुआ था।

2 - हज के पीछे की कहानी क्या है? (What is the story behind Hajj?)

हज की कहानी इस्लाम धर्म के महत्वपूर्ण रियासत मक्का की जुड़ी हुई है। हज्ज एक पवित्र यात्रा है जो मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा वार्षिक रूप से की जाती है। हज का शाब्दिक अर्थ है 'किसी स्थान के लिए प्रस्थान करना'। पवित्र कुरान के अनुसार, इस तीर्थयात्रा (हज) का पता लगभग 4000 साल पहले पैगंबर इब्राहिम (यहूदी-ईसाई धर्मग्रंथों में अब्राहम) से लगाया जा सकता है। जब अल्लाह ने इब्राहिम को मक्का में ईश्वर का घर (काबा के वर्तमान स्थान पर माना जाता है) बनाने का आदेश दिया, तो इब्राहिम ने ईश्वर के इस घर की हज (तीर्थयात्रा) करने की परंपरा शुरू की।

इस परंपरा को इब्राहिम के बाद उनके बेटे इस्माइल और फिर इस क्षेत्र में बसने वाली विभिन्न जनजातियों द्वारा जारी रखा गया। हालाँकि, सदियों से, इब्राहिम का शुद्ध एकेश्वरवाद धीरे-धीरे 'कमजोर और बदनाम' हो गया था, बुतपरस्त मान्यताओं और मूर्तिपूजा ने काबा के साथ-साथ उससे जुड़ी तीर्थयात्रा में भी जगह बना ली थी।

पैगंबर मुहम्मद के जन्म (लगभग 570 ईस्वी) के समय तक, "पुराना धर्म" काफी हद तक भुला दिया गया था। इस प्रकार, 630 ईस्वी में, जब मुहम्मद और उनके अनुयायी मक्का पर विजय प्राप्त करने में सफल हुए, तो उन्होंने सभी मूर्तिपूजक मूर्तियों को नष्ट कर दिया और पवित्र स्थल को फिर से स्थापित किया।

632 में, अपनी मृत्यु के वर्ष, पैगंबर मुहम्मद ने काबा की अपनी पहली और एकमात्र तीर्थयात्रा पूरी की। इसे मुहम्मद सा. की 'आखिरी तीर्थयात्रा' (farewell pilgrimage) के रूप में जाना जाता है। इसने हज के लिए नियम और संस्कार निर्धारित किए, जैसा कि आज भी जाना जाता है और इसका पालन किया जाता है। सीधे तौर पर यह सकते हैं कि हज यात्रा का जो वर्तमान स्वरुप है उसकी शुरुआत इस्लाम के प्रवर्तक पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) द्वारा की गई थी।

3 - हज यात्रा के दौरान क्या होता है? (What happens during the Hajj pilgrimage?)

हज में पांच से छह दिनों की अवधि में मक्का और उसके आसपास होने वाले अनुष्ठानों (रीति-रिवाज अनुसार धार्मिक प्रक्रियाएं) की एक श्रृंखला शामिल होती है। हज का प्रारंभ मक्का के शहर से होता है, जहां स्थित है इस्लाम की सबसे पवित्र मस्जिद, काबा शरीफ़। काबा शरीफ़ एक पत्थर की घुमावदार इमारत है, जिसे अब्राहम (इब्राहिम) और उनके पुत्र इस्माइल के द्वारा स्थापित किया था।

मक्का के करीब पहुंचने पर, तीर्थयात्री आध्यात्मिक शुद्धता की स्थिति में प्रवेश करते हैं और जो परिधान पहनते हैं उसे इहराम कहा जाता है। यह भौतिक प्रतीकों को छोड़कर, सांसारिक सुखों को त्यागकर और आंतरिक स्व पर ध्यान केंद्रित करके उनकी तीर्थयात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। प्रत्येक हज यात्री इहराम (सफ़ेद परिधान) पहनता है और सौंदर्य प्रसाधन और इत्र यानी किसी भी तरह के मेकअप /सुगंध आदि का त्याग कर देता है।

तीर्थयात्रा का पहला दिन तवाफ की रस्म से शुरू होता है जिसमें तीर्थयात्री नमाज पढ़ते हुए मक्का में काबा की सात बार वामावर्त (anti clock wise) परिक्रमा करते हैं। फिर वे सई करते हैं - इस्लामी परंपरा के अनुसार हाजरा द्वारा अपने बेटे, इस्माइल के लिए पानी की खोज को दोहराते हुए। ये दो गतिविधियां मक्का की ग्रैंड मस्जिद (दुनिया की सबसे बड़ी) के अंदर होती हैं, जिसमें काबा और सफा और मरवा की पहाड़ियां शामिल हैं।

अगले दिन, तीर्थयात्री मक्का से लगभग 20 किमी पूर्व में माउंट अराफात की ओर जाते हैं, जहां पैगंबर मुहम्मद ने अपना अंतिम उपदेश दिया था। हजारों लोग जबल अल-रहमा या दया के पहाड़ नामक पहाड़ी पर चढ़ते हैं, जहां धर्मोपदेश दिया गया था, और खुदा (भगवान) से अपने सांसारिक पापों के लिए क्षमा मांगते हैं। इसे तीर्थयात्रा का आध्यात्मिक शिखर माना जाता है।

सूर्यास्त के समय, तीर्थयात्री 9 किमी पश्चिम में मुज़दलिफ़ा की ओर बढ़ते हैं। यहां वे रात बिताते हैं और अगले दिन जमराह के लिए कंकड़ उठाते हैं। इस अनुष्ठान या प्रक्रिया में हज यात्रियों को मीना की घाटी में प्रतीकात्मक रूप से शैतान को पत्थर मारते हुए देखा जाता है, जहां मुसलमानों का मानना है कि इब्राहिम को अपने बेटे की बलि देने के अल्लाह के आदेश की अनदेखी करने का प्रलोभन दिया गया था।

हज यात्रा काबा की अंतिम परिक्रमा और मीना में जमराह के साथ समाप्त होती है। पुरुष अक्सर अपना सिर मुंडवाते हैं और महिलाएं बालों का एक गुच्छा काटती हैं, जो नवीनीकरण का संकेत है। हज के अंतिम दिन ईद अल-अजहा (ईदुज्जुहा) ) के साथ भी मेल खाते हैं, जो पैगंबर इब्राहिम के विश्वास की परीक्षा की याद दिलाता है। हज का मुख्य उद्देश्य इस्लाम धर्म के लोगों को ताकत और एकता की भावना देना है। हज की पवित्र यात्रा को आयोजित करने के लिए सभी मुस्लिम एक साथ आते हैं और उन्हें साझा धार्मिक आदर्शों और संस्कृतियों को पालन करने का मौका मिलता है।

4 - वर्तमान में हज का क्या स्वरूप है? (What does Hajj look like today?)

सदियों से चली आ रही हज यात्रा में आज दुनिया भर में तीर्थयात्रियों की सबसे बड़ी वार्षिक भीड़ देखी जाती है। यह इसे एक विशाल लॉजिस्टिक ऑपरेशन बनाता है। सऊदी अरब साम्राज्य का हज और उमरा मंत्रालय तीर्थयात्रा के लिए सुविधाओं के आयोजन का प्रभारी है। पिछले कुछ वर्षों में, सऊदी अधिकारियों ने बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए अरबों रुपए खर्च किए हैं ताकि हज यात्रियों की बढ़ती संख्या को समायोजित किया जा सके।

हालांकि, हज यात्रियों की संख्या अभी भी नियंत्रित है। हर साल सऊदी अरब देश-वार कोटा निर्धारित करता है जो किसी भी देश से यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या निर्धारित करता है। हालांकि यह काफी हद तक किसी देश में मुस्लिम आबादी के आकार पर आधारित है, यह राजनयिक महत्व का भी मामला है।

आवंटन का आकार अक्सर सऊदी अरब और उक्त देश के बीच साझा संबंधों का प्रतीक होता है। इस वर्ष, भारत को कुल 175,025 तीर्थयात्रियों का आवंटन प्राप्त हुआ है, जो इसके इतिहास में सबसे बड़ा है। तीर्थयात्री अक्सर मक्का की यात्रा करने के लिए वर्षों तक बचत करते हैं और अधिकांश लोग ट्रैवल एजेंटों की मदद से यात्रा करते हैं जो यात्रा, आवास और भोजन सहित पूरी यात्रा का आयोजन करते हैं।

5 - सऊदी अरब के लिए हज का क्या महत्व है? (What is the significance of Hajj for Saudi Arabia?)

सऊदी अरब साम्राज्य के लिए, हज यात्रा का आयोजन गर्व और legitimacy दोनों का स्रोत है। मक्का और मदीना में पवित्र मस्जिदों का प्रबंधन और इस प्रकार हज पर नियंत्रण, रियाद में राजशाही को ऐसी वैधता देता है जो इस्लामी दुनिया का नेता होने का दावा करने वाले किसी अन्य देश में नहीं है, खासकर सुन्नी अरबों के बीच।

इसके अलावा, तेल निर्यात के बाद हज सऊदी अरब के सबसे बड़े धन निर्माताओं में से एक है। वार्षिक आधार पर यात्रा करने वाले हाजियों की भारी संख्या को देखते हुए, इससे देश को अरबों डॉलर का राजस्व कमाने में मदद मिलती है। कुछ अनुमानों के अनुसार, 2022 में हज से संबंधित राजस्व 150 बिलियन डॉलर से अधिक था।

सऊदी अरब में हज का एक विशेष महत्व है क्योंकि यहां स्थित है मुस्लिमों की पवित्रतम स्थलों में से एक, जैसे कि मक्का और मदीना। हज, सऊदी अरब के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक महत्व रखता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं जिनके कारण सऊदी अरब में हज को महत्वपूर्ण माना जाता है -

मक्का की पवित्रता: मक्का सऊदी अरब में स्थित है और इसलामी धर्म की सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। काबा शरीफ़, जिसे मुस्लिम पर्यटकों की ओर से हज के दौरान पूजा जाता है। यह इस्लाम का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। यहां ख़ुदा के आदेश के अनुसार हजरत इब्राहिम और हजरत इस्माइल ने काबा की स्थापना की थी। इसलिए, सऊदी अरब के लोगों के लिए हज का सीधा संबंध मक्का के पवित्रतम स्थल के साथ जुड़ा हुआ है।

आर्थिक महत्व: हज यात्रा/कार्यक्रम सऊदी अरब के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। हज सीजन में लाखों मुस्लिम पर्यटक सऊदी अरब में आते हैं, जिससे पर्यटन उद्योग और सामरिक गतिविधियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे होटल, रेस्तरां, और वस्त्र व्यापार को बढ़ावा मिलता है और यह अवसर स्थानीय व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण रोजगार सृजित करता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: हज उम्मत-ए-मुस्लिमा के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इसलामी धर्म के अनुयाय हज के माध्यम से काबा शरीफ़ की पूजा करते हैं, तवाफ़ करते हैं, और अरफ़ात में वुकूफ़ करते हैं। यह उन्हें आत्मानुभूति, धार्मिक उन्नति, और एकता का अनुभव कराता है। सऊदी अरब में हज के दौरान विभिन्न आर्थिक, सांस्कृतिक, और धार्मिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जिससे उम्मत-ए-मुस्लिमा के सदस्यों के लिए सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनती है।
इन सभी कारणों से सऊदी अरब में हज का एक महत्वपूर्ण स्थान है और यहां के लोगों के लिए आर्थिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है।

इस्लाम के पांच स्तंभ/ अरकान (5 Fundamentals )
इस्लाम की बुनियाद पांच अरकानों पर टिकी है।
1 - तौहीद (कलमा पढ़ना)
2 - नमाज अदा करना
3 - रोजा रखना
4 - जकात अदा करना
5 - हज करना