Rewa के मऊगंज में मंदिर से लगी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर बवाल, विधायक बोले; जब तक अतिक्रमण नहीं हटा देता, अन्न ग्रहण नहीं करूंगा

 

रीवा में दो दिन तक नजरबंद रहे मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल गुरुवार रात को पुलिस से झड़प कर भाग गए। वे समर्थकों के साथ सीधे देवरा गांव के महादेवन मंदिर पहुंच गए। जहां पुलिस ने उन्हें दोबारा हिरासत में ले लिया।  बताया जा रहा है कि विधायक की दोपहर में ही जमानत हो गई थी। इस बात की आशंका थी कि उनके बाहर निकलते ही दोबारा विवाद की स्थिति बन सकती है इसलिए पुलिस उन्हें रिहा नहीं कर सकी थी।

पुलिस और प्रशासन ने विधायक से कहा कि 15 दिन तक महादेवन मंदिर न जाएं। इतना सुनते ही वे कुर्सी से उठ गए और समर्थकों से कहा- चलो देवरा। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और अधिकारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन रोक नहीं पाए। उन्होंने कहा- मैं मुक्त होकर सीधा महादेवन मंदिर जा रहा हूं। जहां पहुंचकर मैं अतिक्रमण को गिराने का काम करूंगा। पिछली बार जो काम अधूरा रह गया है, उस काम को हर हाल में पूरा करके रहूंगा।

जब तक अतिक्रमण नहीं हटा देता, अन्न ग्रहण नहीं करूंगा गुरुवार रात को हुए इस घटनाक्रम से पहले मीडिया ने विधायक पटेल से बात की। उन्होंने कहा कि जब तक मौके पर जाकर अतिक्रमण को गिरा नहीं देता, तब तक अन्न का एक दाना ग्रहण नहीं करूंगा। मैं यहां से छूटते ही अतिक्रमण हटाने हथौड़ा लेकर जाऊंगा।

विधायक का कहना है कि जब तक वे अपनी प्रतिज्ञा पूरी नहीं करेंगे, केवल पानी और जूस ही ग्रहण करेंगे। विधायक की इस कसम ने पुलिस और प्रशासनिक महकमे की चिंता बढ़ा दी है। पुलिस ने मामले में मऊगंज विधायक के खिलाफ बीएनएस की धारा 126,135 और170 के तहत केस दर्ज किया है।

उन्होंने कहा- प्रभारी मंत्री लखन पटेल रात में मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने मुझसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। मैंने उनसे कहा है कि मैं तब तक नहीं मानने वाला, जब तक की अतिक्रमण को गिरा नहीं दिया जाता। उन्होंने मुझसे कुछ खाने का आग्रह किया तो मैंने बताया कि मैं कुछ खा नहीं सकता। मैं प्रतिज्ञाबद्ध हूं। मैं केवल वही खा सकता हूं जो कोई व्यक्ति पूजा और व्रत के समय खाता है इसलिए बाद में मूंगफली मंगवाई गई, जिसके बाद मैंने मूंगफली के दो-चार दाने खाए। मैंने चने नहीं खाए।

चने खाने की बात अफवाह है, अगर चने खाता तो संकल्प टूट जाता। प्रभारी मंत्री पटेल ने मुझसे कहा कि अतिक्रमण को गिराने के लिए आप थोड़ा समय दे दीजिए। मैंने प्रभारी मंत्री से कहा कि मैं बिल्कुल भी समय नहीं देने वाला हूं। पर्याप्त समय दे चुका हूं। अब इससे अधिक समय देने का सवाल ही नहीं उठता।

सोशल मीडिया में मुझे किया जा रहा बदनाम विधायक ने कहा- मेरे बारे में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है कि मैंने रामायण फाड़ी है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मैं सनातनी था, सनातनी हूं और सनातनी रहूंगा। मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। कलेक्टर, एसपी और तमाम प्रशासनिक लोग मिलकर योजनाबद्ध तरीके से आरोप लगवा रहे हैं। इस तरह की बात पहले भी सुनने में आई थी, जिसमें मुझे सनातन विरोधी बताया गया था। जिसकी शिकायत मैंने और मुझसे जुड़े लोगों ने थाने में कई दफा करवाई है। इसके बाद भी अगर मुझ पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं तो मैं उसे अपने खिलाफ चल रही साजिश ही बताऊंगा।

घटना के लिए पूरी तरह से प्रशासन जिम्मेदार विधायक प्रदीप पटेल ने बताया कि 17 नवंबर से लगातार अनशन चल रहा था। विवादित बाउंड्री को गिराए जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन कोई भी अधिकारी और कर्मचारी और न ही एसपी-कलेक्टर मौके पर पहुंचे, जिसकी वजह से लोग नाराज थे। अगर लगातार अनशन चल रहा था तो प्रशासनिक टीम को वहां पर पहुंचकर लोगों से बातचीत करनी चाहिए थी। उनकी समस्या को जानना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिस वजह से खुद ही लोगों ने समस्या का निदान करने की कोशिश की। इस घटना के लिए पूरी तरह से प्रशासन जिम्मेदार है।

विधायक के घर पहुंचा गिरफ्तारी का नोटिस पटेल ने कहा- मऊगंज में दो पक्षों की हिंसा के बाद मेरे घर गिरफ्तारी का नोटिस पहुंचा दिया गया। नोटिस में साफ तौर पर लिखा है कि विधायक को गिरफ्तार किया जाता है। अर्जुन पटेल पिता रामस्वरूप पटेल के नाम से सूचना जारी की गई है, जिसमें स्पष्ट लिखा गया है कि विधायक प्रदीप पटेल पिता छोटे लाल पटेल को मऊगंज में हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार कर अस्थाई जेल सामुदायिक भवन पुलिस लाइन भेजा जा रहा है। जिसमें बकायदा शाहपुर थाना प्रभारी के हस्ताक्षर भी किए गए हैं।

विधायक बोले- प्रशासन ने कराई पत्थरबाजी मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि प्रशासन ने हमारे साथ धोखा किया है। प्रशासन ने पहले से ही दूसरे पक्ष की ओर से ट्रक भरकर पत्थर रखवा दिए थे। जैसे ही हम अतिक्रमण गिराने पहुंचे तो दूसरे पक्ष ने हम पर धावा बोल दिया। हम प्रशासन की चाल को समझ नहीं पाए और साजिश का शिकार हो गए। हमें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि दूसरी तरफ के लोग इतनी तैयारी से आए हैं। हर हाथ में पत्थर हैं। अगली बार हम भी सब्बल और हथौड़ा लेकर जाएंगे।

रीवा पुलिस लाइन स्थित सामुदायिक भवन में विधायक पटेल को नजरबंद किया गया है।

वहां जो आवास बने हैं, उन्हें दूसरी जगह पट्‌टे दिए गए विधायक ने कहा- मुझे गिरफ्तारी के बारे में नहीं बताया गया है। यह भी नहीं बताया गया है कि मुझे यहां क्यों रखा गया है? जिन लोगों ने वहां आवास बना रखे हैं, उन्हें दूसरी जगह पट्टा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें 15 दिन में हटाने का आदेश दिया था, लेकिन तीन माह बीत गए। प्रशासन ने उन्हें नहीं हटाया। मजबूरन मुझे अतिक्रमण गिराना पड़ा। मैं जैसे ही यहां से छूटूंगा, सीधे अतिक्रमण गिराने जाऊंगा। साथ में 500 लोगों को भी ले जाऊंगा।

नाई नहीं मिला तो खुद ही शेविंग की विधायक प्रदीप पटेल को मौके पर नाई नहीं मिला तो उन्होंने खुद ही शेविंग की। बताया गया कि विधायक सप्ताह में एक दिन नाई के यहां पहुंचते थे या फिर नाई को अपने घर पर बुलाते थे। इसे लेकर विधायक का कहना है कि पता नहीं मुझे यहां कब तक रखा जाएगा। इसका कोई ठिकाना नहीं है। मुझे यहां पर क्यों रखा गया है। इसकी जानकारी भी मुझे नहीं है, जिस वजह से मैंने खुद ही शेविंग की।

रीवा पुलिस लाइन स्थित सामुदायिक भवन के बाहर पुलिस तैनात है।

आश्वासन के बाद भी वादा पूरा नहीं किया विधायक ने कहा- अतिक्रमण हटाने के लिए हिंदू समाज लगातार प्रशासन से मांग करता रहा। कई बार आश्वासन भी दिया गया। मगर इसे पूरा नहीं किया गया। 17 नवंबर को इसी मांग को लेकर स्थानीय लोग फिर धरने पर बैठे थे। 19 नवंबर को मैं हाल जानने के लिए मौके पर पहुंचा।

उसी दौरान समुदाय विशेष के लोगों ने एसपी-कलेक्टर और सभी अधिकारियों के सामने हम पर पथराव कर दिया। मैं झारखंड चुनाव में प्रचार करने गया था। मैंने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया था कि मैं झारखंड से मऊगंज आते ही मौके पर जाऊंगा। हमारी गलती नहीं है। दूसरे पक्ष ने योजनाबद्ध तरीके से हम पर पथराव किया।

विधायक का आरोप- पाकिस्तानी झंडे लगाए गए थे विधायक प्रदीप पटेल ने आरोप लगाया कि मौके पर पाकिस्तानी झंडे लगाए गए थे। वहां पर पाकिस्तान के झंडे बेचे जा रहे हैं। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के नारे लगाए जा रहे। कई लोगों पर मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। मैं हिंदू समाज के साथ मिलकर इस लड़ाई को लडूंगा। पुलिस और प्रशासन के लोग ही बता सकते हैं कि आखिरकार मेरे ऊपर क्या मुकदमा लगाया गया। मुझे क्यों नजरबंद करके रखा गया? कांग्रेस क्या कह रही है, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।

मामले की जांच करने के लिए भोपाल से एडीजी अनिल सोनकर मऊगंज पहुंचे थे।

भोपाल से जांच करने पहुंचे एडीजी मामले की जांच करने के लिए भोपाल से एडीजी अनिल सोनकर मऊगंज पहुंचे। उन्होंने न केवल मंदिर परिसर, बल्कि आसपास के इलाकों का मुआयना कर घटना की जानकारी जुटाई। उनके साथ संभाग के कमिश्नर बीएस जामोद, रीवा आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार, मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर भी थीं।

गांव में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर एएसपी, डीएसपी, एसडीओपी, थाना प्रभारी सहित 30 अधिकारियों एवं 300 जवानों की तैनाती की गई। रास्ते पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। देवरा गांव में बाहरी लोगों से पूछताछ की जा रही है। वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

आमरण अनशन से विवाद की शुरुआत मऊगंज के देवरा गांव में 17 नवंबर को सुबह करीब 11 बजे से हिंदू नेता संतोष तिवारी मंदिर के पास कब्जा हटाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे। उनका कहना था कि 9 एकड़ जमीन में से 90 फीसदी जमीन पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कब्जा कर रखा है। इसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाना चाहिए।

दो दिन तक जब प्रशासन ने कब्जा नहीं हटाया, तो मंगलवार शाम करीब 4 बजे भाजपा कार्यकर्ता जेसीबी लेकर पहुंच गए। थोड़ी देर बाद विधायक प्रदीप पटेल भी वहां पहुंचे। विधायक ने कहा कि प्रशासन की बात पर अब भरोसा नहीं है। खुद अतिक्रमण हटाएंगे।

दोनों ओर से जमकर पथराव, नारेबाजी अतिक्रमण हटाने की जानकारी मिलते मुस्लिम समुदाय के लोग भी मौके पर जमा हो गए। विवाद बढ़ा तो दोनों ओर से पत्थर फेंके गए। आगजनी भी हुई। नारेबाजी होने लगी। पत्थरबाजी में तीन लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। सूचना पर कलेक्टर-एसपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया। फोर्स ने भीड़ को खदेड़ दिया। विधायक प्रदीप पटेल को नजरबंद कर लिया गया।