MP Election Seats Analysis 2023 : जानिए रीवा संभाग के जिलों में कहां, क्या स्थिति

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। । मतदान के लिए केवल एक दिन शेष बचा है। चुनावी सरगर्मियां अपने पूरे चरम पर हैं। भारतीय जनता पार्टी से लेकर कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं ने विंध्य के कोने कोने में जाकर मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की है लेकिन जमीनी हकीकत की तरफ ईमानदारी से ध्यान दिया जाए तो मतदाताओं के रुझान को देखते हुए इस बार भारतीय जनता पार्टी की हालत पतली नजर आ रही है।

रीवा एवं मऊगंज जिले के मतदाताओं के रुझानों की माने तो त्यौंथर एवं रीवा और गुढ़ विधानसभा क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कहीं भी फाइट में नजर नहीं आ रहे हैं। तमाम सोशल मीडिया एवं टीवी सर्वे की रिपोर्ट में विंध्य क्षेत्र में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है लेकिन हकीकत तो 3 दिसंबर को दोपहर बाद ही समझ में आ जाएगी। लेकिन राजनीति से जुड़े लोगों की माने तो इस बार विंध्य क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी को काफी नुकसान होता नजर आ रहा है।

आज 15 तारीख की बात की जाए तो मतदाताओं का रुझान 50-50 नजर आ रहा है। लेकिन राजनीति से जुड़े लोगों की माने तो भारतीय जनता पार्टी का बेस कार्डर ज्यादा मजबूत है। इन्हें मतदाताओं को घर से बाहर निकालने की महारत हासिल है, हो सकता है इसलिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र शुक्ला 2000 वोटो से विजय हासिल कर सकते हैं।  लेकिन हार -फिलहाल की बात की जाए तो मामला टक्कर का नजर आ रहा है।

यह अलग बात है कि ऊंट किस करवट बैठता है यह तो 3 दिसंबर की दोपहर के बाद ही समझ में आ जाएगा फिलहाल जिस प्रकार की चुनावी फिजा चल रही है उसे देखकर यह कहना मुश्किल नहीं है की इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गज धूल फांकते नजर आएंगे। कहीं ऐसा ना हो कि भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े प्रत्याशियों की जमानत तक ना जप्त हो जाए।

रीवा और शहडोल संभाग के नौ जिलों में पिछले 10 दिनों में हवा का रुख बदला है। सात सीटों पर कांटे का मुकाबला है। इनमें से अधिकतर जगह त्रिकोणीय संघर्ष है। रीवा और शहडोल संभाग की सीटों का दौरा कर राजनीतिक समीकरण समझे। रीवा जिले के नागौद और सिरमौर में बसपा मजबूती के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है। त्योंथर में ब्राह्मणों के एकतरफा ध्रुवीकरण और बसपा के उभार ने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है।

जानिए रीवा संभाग के जिलों में कहां, क्या स्थिति

रीवा : बढ़त खो रही कांग्रेस, फायदा बसपा को
2018 के चुनाव में भाजपा ने सभी छह सीटें जीती थीं। रीवा सीट को छोड़कर इस बार माहौल थोड़ा बदला है। त्योंथर में ब्राह्मण और कुर्मी एकजुट हो रहे हैं। कांग्रेस से भाजपा में गए सिद्धार्थ तिवारी की वजह से भाजपा को बढ़त दिख रही है। सेमरिया, गुढ़ में कांग्रेस की मजबूत स्थिति है। सिरमौर सीट पर बसपा मजबूत दिख रही है। एंटी-इनकंबेंसी के बावजूद कांग्रेस फायदा उठाने की स्थिति में नहीं है।

मऊगंज : भतीजे की चुनौती को ‘लाड़ली बहना’ से निपटने का प्रयास
मऊगंज में भाजपा ने नए जिले को बड़ा मुद्दा बनाया है। इसके जरिए एंटी-इनकंबेंसी की हवा को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। देवतालाब से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को भतीजे पद्मेश गौतम से चुनौती मिली है। जिला पंचायत चुनाव में गिरीश के बेटे को पटखनी देकर पद्मेश ने अपनी ताकत दिखाई है। इस चुनौती को गिरीश गौतम लाड़ली बहना स्कीम के जरिए पाटने की कोशिश कर रहे हैं। मऊगंज में भाजपा विधायक से नाराज लोग कांग्रेस के साथ दिख रहे हैं।