REWA को मिली एक और नई सौगात : आधुनिक एडवेंचर के साथ Eco park का हुआ लोकार्पण

 

रीवा शहर के ईको-पार्क का 24 सितंबर की शाम साढ़े पांच बजे लोकार्पण हो गया है। यहां पर्यटन गतिविधियों को नई गति प्रदान करने के उद्देश्य से बीहर नदी के टापू में 5.20 हेक्टेयर भूमि पर पार्क विकसित हुआ है। यह पर्यटन के क्षेत्र रीवा के लिए नई सौगात है। सैर-सपाटे की गतिविधियों के साथ ईको-पार्क में आधुनिक एडवेंचर की गतिविधियां सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करेंगी। मुख्य अतिथि के तौर पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम उपस्थित हुए।

कहा कि रीवा के लिए आज का दिन एतिहासिक दिन है। जब ईको-पार्क जैसी अनुपम सौगात मिल रही है। रीवा अब बदल गया है। हरित, उद्योग के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में रीवा समृद्धशाली हो रहा है। पहले के रीवा और आज के रीवा में बड़ा परिवर्तन है। रीवा को उंचाईयों तक पहुंचाने में मंत्री राजेन्द्र शुक्ल का बिना किसी भेदभाव व बिना भय का प्रयास है। वह रीवा के शिल्पकार हैं। अब रीवा में पर्यटन गतिविधियों के ब्राांडिंग की जरूरत है।

ईको-पार्क की परिकल्पना एवं विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पीएचई एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। यह बात शहर के वरिष्ठ समाजसेवी पंडित रामसागर शास्त्री ने बताई थी।जब मैं पहली बार विधायक बना था। तब से मन में यह परिकल्पना थी। कैसे टापूओं को पर्यटन के लिए विकसित किया जायं।

आज यह काम पूर्ण होकर मूर्तरूप में सबके सामने है। ईको-पार्क का निर्माण निजी पूंजी निवेश से किया गया है। जिसमें नगर निगम एवं वन विभाग का सहयोग रहा है। नैसर्गिक व प्राकृतिक सौन्दर्य को विकसित कर बनाये गए ईको-पार्क में शहर के लोगों की बड़ी संख्या में उपस्थिति यह दर्शाती है कि जनता को बेसब्री से इंतजार था। आने वाले समय में दूसरे भाग में वेलनेश सेंटर सहित अन्य गतिविधियां बनायी जायेगी।

इन अतिथियों ने किया संबोधित

नगर निगम स्पीकर व्यंकटेश पाण्डेय ने कहा कि मंत्री शुक्ल के दृढ़ संकल्प से ही रीवा का विकास हो रहा है। कार्यक्रम को पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह, जिपं अध्यक्ष नीता कोल ने भी संबोधित किया। इस दौरान पूर्व महापौर वीरेन्द्र गुप्ता एवं रावेन्द्र मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व स्वागत उद्बोधन देते हुए डीएमओ अनुपम शर्मा ने बताया कि 5.2 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित विश्व स्तरीय ईको-पार्क के निर्माण में ईको टूरिज्म बोर्ड व वन विभाग का भी सहयोग है।