REWA : कांग्रेसी नेताओं का पार्टी से हो रहा मोह भंग, पिछले कुछ महीनो में हजारों कांग्रेसियों ने थामा भाजपा का दामन

 

रीवा। देश में लोकसभा चुनाव के महाभारत की शुरुआत हो चुकी है। पूरे देश में अलग-अलग चरणों में होने वाले मतदान की तिथियां भी घोषित हो चुकी है। नेताओं के नामांकन पत्र दाखिल होने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। मध्य प्रदेश में भी चुनावी सरगर्मियां धीरे-धीरे चरम पर पहुंच रही हैं। बात अगर रीवा लोकसभा सीट की की जाए तो इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने अपने दो बार के सांसद रहे जनार्दन मिश्रा पर भरोसा जताया वहीं कांग्रेस में कभी भाजपा नेता रहे अभय मिश्रा जो कि वर्तमान में कांग्रेस पार्टी से सिमरिया विधानसभा सीट से विधायक हैं उनकी पत्नी नीलम मिश्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है।

इन दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद खासकर कांग्रेस पार्टी में भगदड़ सी मच गई है। पिछले 1 महीने से लगभग एक दर्जन से अधिक बड़े नेताओं के साथ-साथ हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन थामा है और यह सिलसिला रुकने का नाम ही ले रहा। 2 अप्रैल को मुख्यमंत्री के रीवा दौरे के दौरान कांग्रेसी नेता मुजीब खान एवं सुबोध पांडे ने भी भारतीय जनता पार्टी का दमन थाम लिया।

 हालांकि मुख्यमंत्री के एक दिन के दौरे के पहले सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के नेता एवं कांग्रेस ग्रामीण के अध्यक्ष त्रियुगी नारायण ने भी अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान वे भी भारतीय जनता पार्टी का दमन थाम सकते हैं लेकिन अभी उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी में इन दोनों भगदड़ मची हुई है उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को कार्यकर्ताओं का टोटा बढ़ सकता है।