REWA : पी एस्कायर के सरपरस्ती में फल फूल रहा नशे का अवैध कारोबार, मठाधीशो को पुलिस का अभय दान नौसिखिया बन रहे बलि का बकरा

 

REWA NEWS : रीवा विंध्य ही नहीं पूरे प्रदेश में अवैध नशे के कारोबार को पी स्क्वेयर की सरपरस्ती हासिल है इसीलिए यह कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। इस कारोबार से जुड़े पुराने एवं घाघ कारोबारी जहां रातों-रात मालामाल हो रहे हैं वही दूसरी ओर इन दिनों नशे का शिकार युवा पीढ़ी हो रहे है और धीरे धीरे कर अपराध के दलदल में समाधि जा रही है।

नशे के आदि नवयुवक इन घाघ कारोबारियों के हाथों की कठपुतली बनकर अपना वर्तमान एवं भविष्य तो बर्बाद कर ही रहे हैं अपने परिवार की प्रतिष्ठा को भी मिट्टी में मिला रहे हैं देखने एवं सुनने में यह भी लगातार आ रहा है कि इस धंधे से जुड़े पुराने महारथियों का कारोबार अनवरत जारी है जिनको पुलिस एवं पत्रकारों का संरक्षण प्राप्त है।

वही पुलिस भी अपनी वाह वाही लूटने के लिए इस घोर गोरखधंधे में नए जुड़े लोगों को अपना शिकार बना कर पत्रकार वार्ता आयोजित कर खुद अपनी पीठ थपथपा लेती है जबकि हकीकत यह है कि इस कारोबार से जुड़े मठाधीशो से बगावत करने वाले ही पुलिस का शिकार होते हैं। सूत्रों की माने तो इस अवैध नशे के कारोबार से जुड़े घाघ कारोबारियों के इशारे पर ही पुलिस द्वारा कार्यवाही की जाती है

कबाड़ी मोहल्ला एवं बांस घाट इस अवैध कारोबार की बड़ी मंडी है

पूरे दिन में नशीली कफ सिरप एवं गोलियों का कारोबार इन दिनों उफान पर है। शहर का शायद ही ऐसा कोई कोना होगा जहां आसानी से कफ सिरप बिकती ना मिल जाए किंतु कभी कभार ही शहर के अंदर छुटपुट कार्रवाई या देखने को मिलती हैं जबकि बाणसागर एवं कबाड़ी मोहल्ला, बांसघाट, बिछिया,  सिरमौर चौराहा, कुठुलिया इटोरा सहित अन्य इलाकों में खुलेआम यह कारोबार किया जा रहा है।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिविल लाइन थाने के बगल में स्थित कंट्रोल रूम से महज कुछ कदम की दूरी पर स्थित बांसघाट मोहल्ले में मनीष लोनिया एवं कूपू लोनिया द्वारा काफी लंबे समय से कोरेक्स सिरप का काम खुलेआम किया जा रहा है।

शहर में जगह-जगह बिकने वाली ज्यादातर कफ सिरप इन्हीं दोनों तस्करों द्वारा विक्रेताओं को उपलब्ध कराई जाती है। इन दोनों नशे के तस्करों के खिलाफ कार्यवाही इसलिए नहीं हो पाती की इन दोनों के ऊपर शहर के विभिन्न थानों में पदस्थ आरक्षक एवं पत्रकार मंडलियों का संरक्षण है।

सूत्रों की माने तो इस नशे के सौदागर द्वारा पुलिस एवं पत्रकारों को हर माह माह मोटी रकम दी जाती है इसीलिए जब कोई भी व्यक्ति या जागरूक इंसान इन आरोपियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने की कोशिश करता है तो पुलिस आरक्षक ऐसे लोगों को धमकी देकर चुप कराने से भी पीछे नहीं हटते।