REWA : कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ल की पत्रकार वार्ता में पहुंचे तीन सैकड़ा से भी अधिक पत्रकार

 

चाटुकार पत्रकारों से घिरे रहे मंत्री, वरिष्ठ पत्रकार इधर-उधर देखे गए टहलते

रीवा। शिवराज मंत्रिमंडल में महज डेढ़ महीना के लिए कैबिनेट मंत्री का पद संभालने वाले रीवा के चहेते विधायक राजेंद्र शुक्ल द्वारा आज दोपहर 1:00 बजे से होटल सेलिब्रेशन में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया था।

निर्धारित समय पर मंत्री जी होटल सेलिब्रेशन पहुंचे जिस हाल में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया था वह हाल मंत्री जी के पहुंचने के पूर्व ही खचाखच भर चुका था। पत्रकार वार्ता शुरू होने के बाद कई ऐसे वरिष्ठ पत्रकार भी पत्रकार वार्ता में शामिल होने पहुंचे जिन्हें हाल में बैठने की जगह तक नसीब नहीं हुई। ऐसे वरिष्ठ पत्रकार हाल के बाहर इधर-उधर टहलते देखे गए। पत्रकार वार्ता समाप्त होने के बाद कैबिनेट मंत्री द्वारा दिए गए सहभोज में भी यही आलम देखने को मिला, जिस हाल में भोजन की व्यवस्था की गई थी वहां भी अव्यवस्था नजर आई। हाल खचाखच भरा हुआ था लोगों के बैठने तक की जगह नहीं थी। किसी तरह वहां मौजूद पत्रकार साथियों द्वारा अपने प्लेट में खाना निकालने में कामयाब हो पाए। वहीं दूसरी ओर हाल के बाहर भी कई ऐसे वरिष्ठ पत्रकार खड़े देखे गए जो आपस में चर्चा कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर जिस हाल में भोजन चल रहा था उस हाल में कैबिनेट मंत्री के साथ कुछ चाटुकार पत्रकार बैठकर गपशप मार रहे थे और भोजन का आनंद ले रहे थे।

पत्रकार वार्ता में उमड़ती है बिन बुलाए पत्रकारों की भीड़

एक जमाना था जब किसी भी जनप्रतिनिधि या समाजसेवियों द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन किया जाता था तो ससम्मान सभी पत्रकारों को व्यक्तिगत तरीके से फोन कर दो-तीन दिन पहले सूचित कर दिया जाता था और पत्रकार वार्ता वाले दिन भी फोन में व्यक्तिगत आमंत्रण दिया जाता था किंतु जब से सोशल मीडिया में वाले पत्रकारों की शहर में बाढ़ सी आ गई है और लोग अब व्हाट्सएप में पत्रकारिता करने लगे है। ऐसे पत्रकार केवल कॉपी पेस्ट करके पत्रकार बने हुए हैं। इसलिए जब किसी एक ग्रुप में किसी के पत्रकार वार्ता की खबर छपती है तो कॉपी पेस्ट होकर वह खबर सैकड़ो सोशल मीडिया पत्रकारों के बीच पहुंच जाती है और इसे स्वयंभू पत्रकार बिना बुलाए पत्रकार वार्ता में पहुंचने में नहीं हिचकिचाते हैं। इसीलिए आजकल जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवियों द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन ही बहुत कम किया जाता है।