Rewa News : दो सगे भाई-बहन समेत 4 बच्चों की मौत,घर का चिराग बुझ गया, 6 बहन बांधती थी राखी

 

Rewa News : रीवा के गढ़ में शनिवार को दीवार गिरने से दो सगे भाई-बहन समेत 4 बच्चों की मौत हो गई। दीवार सनराइज पब्लिक स्कूल से सटकर बनी थी। उसी के बगल से बने रास्ते पर रोज स्कूली बच्चे गुजरते थे। पुलिस ने इस मामले में मकान मालिक दो भाइयों को गिरफ्तार किया है। 20 साल पुरानी, 30 फीट लंबी और 7 फीट ऊंची यह दीवार लंबे समय से जर्जर थी। मई में भी इसका एक हिस्सा ढह चुका था। मकान मालिक से कई बार कहे जाने के बावजूद न तो इसे ढहाया गया, न ही इसकी मरम्मत की गई। जिस मकान की यह दीवार थी, वह दो भाइयों जगदीश नामदेव और सतीश नामदेव का है। दोनों भाइयों के बीच विवाद था कि इस दीवार को कौन हटाएगा। अब पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

हादसे में इन बच्चों की गई जान

अंशिका गुप्ता (5) पिता सुरेंद्र गुप्ता (एलकेजी)
मान्या गुप्ता (7) पिता वीरेंद्र गुप्ता (2nd क्लास)
सिद्धार्थ गुप्ता (5) पिता वीरेंद्र गुप्ता (एलकेजी)
अनुज प्रजापति पिता इंद्रपाल प्रजापति

एक बच्ची को रेफर किया गया

रक्षा गुप्ता (7) पिता सुरेंद्र गुप्ता (4th क्लास)
हादसे में अन्य 4 बच्चे घायल हुए हैं।
हादसे में अन्य 4 बच्चे घायल हुए हैं।

घर का चिराग बुझ गया, 6 बहन बांधती थी राखी

हादसे में वीरेंद्र गुप्ता के बेटे सिद्धार्थ और बेटी मान्या की भी मौत हुई है। सिद्धार्थ तीन बहनों का इकलौता भाई था। चाचा सुरेंद्र गुप्ता का भी कोई बेटा नहीं है। उनकी तीनों लड़कियां भी सिद्धार्थ को ही राखी बांधती थीं। सुरेंद्र कॉस्मेटिक तो वीरेंद्र किराना दुकान चलाते हैं। परिवार संयुक्त है।

सुरेंद्र की बेटी अंशिका भी दीवार के मलबे के नीचे दबी थी। उसकी भी जान चली गई। दूसरी बेटी रक्षा घायल है। वीरेंद्र और सुरेंद्र के तीन-तीन बेटियां होने के बाद घर के लोग चाहते थे कि एक बेटा भी हो जाए। रक्षा बंधन के त्योहार पर घर की बेटियां उसे राखी बांध सके। कई मंदिरों में मन्नत मांगी, कई जगह अनुष्ठान कराए। पांच साल पहले सिद्धार्थ का जन्म हुआ।

बेटे की मौत, पत्नी की हालत गंभीर

हादसे में अपने 5 साल के बेटे अनुज को खोने वाले इंद्रपाल प्रजापति ने बताया, 'पत्नी रानी प्रजापति बेटे को लेने के लिए स्कूल गई थी। दोनों दीवार के नीचे दब गए। बेटे को खो दिया। पत्नी की हालत गंभीर है।'

सिर से पैर तक मलबे में दब गए थे बच्चे

हादसा सरकारी आयुष डिस्पेंसरी के ठीक पीछे हुआ। यहां की कंपाउंडर अपर्णा ने बताया, 'हम लोग लंच करने के बाद बैठे हुए थे। अचानक जोर की आवाज आई। ऐसा लगा कि कोई भारी भरकम चीज गिरी है। बाहर जाकर देखा तो दीवार गिर चुकी थी। हम तेजी से भागकर वहां पहुंचे। मौके पर मौजूद पैरेंट्स से पूछा कि कोई मलबे के नीचे दबा तो नहीं। उन्होंने बताया कि कुछ बच्चे दबे हैं।

हम तुरंत भागते हुए मेन रोड पर गए। चिल्लाकर लोगों को इकट्‌ठा। आसपास के दुकान वाले और रास्ता चलते लोग आए। सभी लोगों ने मलबा हटाकर बच्चों को बाहर निकाला। बच्चों की हालत इतनी गंभीर थी कि स्थानीय स्तर के डॉक्टर उनका इलाज नहीं कर सकते थे। एक बच्ची थोड़ी-बहुत बातचीत कर रही थी। बाकी कोई भी बच्चा बोलने की हालत में नहीं था।

पीसीसी चीफ ने की न्यायिक जांच की मांग

रीवा में दीवार गिरने से चार बच्चों की मौत पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा- पूरे मध्यप्रदेश में स्कूलों की हालत जर्जर है। रीवा में दीवार ढहने के मामले की प्रशासन, स्कूल या सरकार के किसी नुमाइंदे ने सुध नहीं ली। यह दुर्घटना नहीं, हत्या थी। इसकी जिम्मेदार सरकार है, शिक्षा विभाग है। मैं चाहता हूं कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। सरकार को स्कूली शिक्षा पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।