Rewa News : शासकीय चिकित्सकों पर प्रशासन की वक्र दृष्टि, ड्यूटी पर लापरवाही करने वाले चिकित्सकों पर होगी सख्त कार्यवाही

 

रीवा कलेक्टर और श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय के डीन ने लापरवाह डॉक्टरों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। दरअसल डॉक्टरों पर आरोप है कि मरीजों को अलग-अलग सरकारी अस्पतालों से निजी अस्पतालों में भेजा जाता है। ज्यादातर डॉक्टरों के अपने निजी अस्पताल हैं, जहां मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी फीस ली जाती है।

डॉक्टर सरकारी आवास में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे
रीवा का संजय गांधी अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी है। इसके साथ ही कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय भी है। जहां डॉक्टरों को ड्यूटी के समय प्राइवेट प्रैक्टिस करने की पूरी तरह से मनाही है। लेकिन मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि लंबे समय से डॉक्टर नियमित रूप से अपने सरकारी आवास में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं।

सड़क के किनारे अपने-अपने बोर्ड लगाए
बाकायदा इसके लिए उन्होंने सड़क के किनारे लाइन से अपने-अपने बोर्ड लगा रखे हैं। जबकि अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन का सख्त आदेश है कि कोई भी डॉक्टर सरकारी आवास के बाहर इस तरह के बोर्ड नहीं लगा सकते।

क्या कहते हैं सरकारी आदेश
रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल और श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय के डीन सुनील अग्रवाल का कहना है, सरकारी कॉलोनी में डॉक्टरों के द्वारा लगाए गए बोर्ड पूरी तरीके से गलत हैं। उनके द्वारा अस्पताल की ड्यूटी के समय में प्रैक्टिस करना भी गलत है। हम लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं, जल्द ही कार्रवाई करेंगे। बताया गया कि पहले भी जिम्मेदारों ने प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने की कोशिश की थी। लेकिन कुछ खास कामयाबी नहीं मिल पाई थी।