Rewa News : मिलावट मुक्त अभियान में बड़े व्यापारियों को अभयदान, छोटे व्यापारियों पर कार्रवाई कर लूटी जा रही झूठी वाह-वाही
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। त्योहारों का सीजन आते ही कुंभकरणी नींद में सोने वाले खाद्य सुरक्षा प्रशासन की नींद अचानक टूटी और शहरी इलाके के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में मिलावट से मुक्त अभियान के अंतर्गत कई दुकानों में छापेमारी कर सैंपलिंग की जा रही है। सबसे बड़ी मजेदार बात यह है कि खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा कार्यवाही के नाम पर फिलहाल छोटे-छोटे व्यापारियों को निशाना बनाया जा रहा है जबकि शहर में ही लगभग एक दर्जन से अधिक ऐसे बड़े मिष्ठान विक्रेता है जिनके शहर के ही अलग-अलग मोहल्ले में बड़े-बड़े कारखाने हैं जहां पर दीपावली के त्यौहार को देखते हुए मिठाई का निर्माण कर स्टोर किया जा रहा है। इन बड़े व्यापारियों के कारखाने पर खाद्य सुरक्षा प्रशासन की कभी गाज नहीं गिरती। होली, दिवाली,राखी जैसे त्योहारों के समय खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अधिकारियों की नींद अचानक टूटती है और इनके द्वारा छोटे-छोटे व्यापारियों के यहां दबिश देकर सैंपलिंग की जाती है और बाद में छोटी-मोटी राशि का आर्थिक जुर्माना कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली जाती है।
शहर के कई मोहल्लों में है बड़े-बड़े कारखाने
शहर में कई बड़े मिष्ठान व्यापारी हैं जिनकी तूती बोलती है जैसे कोठी कंपाउंड परिसर स्थित जय डेयरी, प्रकाश चौराहे पर स्थित लक्ष्मी मार्केट में बंगाल स्वीट्स एवं अशोक मिष्ठान भंडार इसके अलावा गोप स्वीट्स के नाम से शहर में आधा दर्जन से भी अधिक दुकान संचालित हैं। इसके अलावा शहर के कई मोहल्ले में विभिन्न प्रकार की नमकीन एवं चिप्स,पापड़ बनाने के कारखाने धड़ल्ले से चल रहे हैं। जहां पर साफ सफाई का अभाव तो होता ही है इन खाद्य सामग्रियों में घटिया प्रकार के तेल एवं अन्य सामानों का उपयोग किया जाता है जिन्हें प्लास्टिक के रंग बिरंगी थैलों में भरकर विभिन्न नाम से शहर के छोटी-मोटी किराने की दुकान, पान की गोमतीयों से लेकर बड़े-बड़े शोरूमों तक में सप्लाई किया जाता है। इस प्रकार की खाद्य सामग्री आमजन के सेहत के लिए हानिकारक है बावजूद इनके इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
कहां-कहां है कारखाने
शहर में बड़े मिष्ठान व्यापारी जैसे बंगाल स्वीट्स, अशोक मिष्ठान भंडार, जय डेयरी, गोप स्वीट्स, शिवम मिष्ठान भंडार, कामधेनु डेयरी सहित कई नामी गिरामी दुकान एवं शोरूम संचालित हो रहे हैं जिनके कारखाने अलग-अलग मोहल्लों में स्थित है। जैसे बंगाल स्वीट्स का कारखाना अमहिया स्थित रिफ्यूजी कॉलोनी के पीछे खुद के निज निवास में संचालित होता है जहां पर वर्तमान समय में दिन-रात 24 घंटे आधा सैकड़ा से अधिक कर्मचारी मिठाई एवं अन्य सामग्री बनाने में जुटे रहते हैं इसी तरह धर्म नाले के पास स्थित एक कॉलोनी में जय डेयरी का कारखाना संचालित होता है वहां पर भी दिवाली के त्यौहार मद्देनजर सैकड़ो की संख्या में कर्मचारी 24 घंटे मिठाई एवं अन्य सामग्री बनाने में जुटे रहते हैं जिनको स्टोर कर दिवाली के त्यौहार में बिक्री के लिए रखा जा रहा है। प्रकाश चौराहा स्थित अशोक मिष्ठान भंडार का कारखाना रानीगंज में एवं पुराने दुकान के पीछे संचालित किया जाता है इसी तरह गोप स्वीट्स का कारखाना नगरिया मोहल्ले के साथ-साथ पीली कोठी कंपाउंड परिसर में धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है इसके अलावा उद्योग विहार क्षेत्र में कई छोटे बड़े नमकीन, बिस्कुट केक-बेकरी एवं अन्य तरह के छोटे-बड़े गुमनाम कारखाने संचालित हो रहे हैं किंतु ऐसे कारखाने के ऊपर कभी भी खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अधिकारियों की गाज नहीं गिरती है।
मिलावटी मिठाईयां का भी किया जाता है जमकर उपयोग
शहर में स्थित छोटी-मोटी मिठाई की दुकानों से लेकर बड़ी-बड़ी दुकानों में कटनी एवं उत्तर प्रदेश से रेडीमेड मिठाइयां त्योहारों के समय जमकर मंगाई जाती हैं। सूत्रों की माने तो कटनी से हर त्योहार में लगभग 100-150 कुंटल से अधिक मिल्क केक स्थानीय व्यापारियों द्वारा लगभग ₹200 किलो कि दर से मंगवाकर 450 रुपए प्रति किलो कि दर से धड़ल्ले से बेचा जाता है। इसी तरह छेने की मिठाइयां उत्तर प्रदेश से भारी तादाद में त्योहारों के समय सस्ती कीमत में मंगाकर दुगने से तिगने दामों में बेचकर स्थानीय व्यापारी मोटी कमाई करते हैं। संभवतः इस मोटी कमाई का कुछ हिस्सा खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अधिकारियों के पास ईमानदारी से पहुंच जाता है इसलिए त्योहारों के समय बड़े-बड़े शोरूम संचालकों के यहां खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा कभी कोई कार्रवाई नहीं की जाती। वहीं छोटे-मोटे दुकानदारों के ऊपर कार्यवाही कर झूठी वाह वाही लूटने का सिलसिला पिछले कई वर्षों से अनवरत जारी है।