Rewa News : रजिस्ट्री कार्यालय में भ्रष्टाचार का बोल बाला, प्रतिदिन होती है सैकड़ो फर्जी रजिस्ट्री, कार्यालय में अनाधिकृत व्यक्तियों का अच्छा खासा दबदबा

 

दो-चार, नहीं बल्कि 10 से 50 निजी व्यक्ति हर रोज करते हैं पंजीयन कार्यालय के कंप्यूटर से छेड़छाड़

कार्यालय की गोपीनय जानकारियां भी हो रही लीक

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। कहने को तो शासकीय कार्यालय में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी जनता के सेवक के रूप में काम करते हैं। किंतु शायद ही ऐसा कोई शासकीय कार्यालय होगा जहां पर काम करवाने गए जनता जनार्दन को बिना अतिरिक्त सेवा शुल्क दिए कोई काम आसानी से हो जाता हो। जो व्यक्ति सेवा शुल्क नहीं देता है उसको कागजी कार्यवाही के लिए इस टेबल से उस टेबल तक भटकना पड़ता है। तब भी महीनों भटकने के बाद भी उसके काम पूरे होने की कोई गारंटी नहीं है।

हम बात कर रहे हैं कलेक्ट्रेट परिसर पर स्थित रजिस्ट्री कार्यालय की जहां पर कोई सामान्य व्यक्ति अगर खुद ही अपने कागजात पूरे कर स्लॉट बुक करने के बाद रजिस्ट्री करने का प्रयास करें तो कार्यालय में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी कोई न कोई त्रुटि निकाल कर उस व्यक्ति को परेशान कर डालते हैं और उसकी रजिस्ट्री नहीं हो पाती। वहीं अगर कोई व्यक्ति दलालों के माध्यम से रजिस्ट्री करवाना चाहता है तो आनन फानन में स्लॉट भी बुक हो जाता है और महज कुछ घंटे की माथा पच्ची के बाद आसानी से रजिस्ट्री भी हो जाती है। कार्यालय में पदस्थ अधिकारी ना तो गवाहों से कोई पूछताछ करते हैं ना ही किसी प्रकार की कोई जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं केवल गवाह की फोटो खींचकर एवं हस्ताक्षर करवाकर पूरी प्रक्रिया को अंजाम दे दिया जाता है। प्रति रजिस्ट्री में ऊपर से लेकर नीचे तक सबका प्रतिशत के हिसाब से हिस्सा फिक्स रहता है। जिसका हिसाब किताब कार्यालय बंद होने के बाद लगभग 10 बजे तक होता है।

कलेक्ट्रट स्थित इन दिनों पंजीयन कार्यालय में खुलेआम अफसरों की तानाशाही उजागर हो रही है, जिसमें मनमानी तरीके से वहां तैनात रजिस्ट्री आफिसर द्वारा प्रायवेट व्यक्तियों से रजिस्ट्री के कार्य कराए जा रहे हैं। जबकि रजिस्ट्री का कार्य करने वाले प्रायवेट कर्मचारियों को कार्यालय में ना तो आउटसोर्स कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति किया गया है और न ही उनकी संविदा नियुक्ति है। बावजूद इसके वह रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारी बनकर वहां रखे कंप्यूटरों से छेड़छाड़ करते हैं और फर्जी जमीनों की रजिस्ट्री में सांठगांठ करते हैं। वहीं कार्यालय की जिम्मेदारी सम्हालने वाली जिला पंजीयक अधिकारी संध्या सिंह मौन साधना में लीन होकर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की करतूते देख रही है।

फर्जी रजिस्ट्री से बढ़ी आमजन की परेशानी
दरअसल पंजीयन कार्यलय से आए दिन जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री के मामले सामने आते हैं, जिसमें किसी भी अन्य की प्रायवेट जमीन या फिर शासकीय जमीन का फर्जी आधार कार्ड बनाकर भूमि स्वामी तैयार किया जाता है और उसे किसी अनजान व्यक्ति को बेच दिया जाता हैं और फिर भूमि खरीदने वाला वह अनजान शख्स अपने रजिस्ट्री के कागज लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने लगता है। उसको उस जमीन का नक्शा खसरा सहित ऋण पुस्तिका नहीं मिल पाती। इस खेल में पंजीयन कार्यालय में तैनात इन्हीं प्रायवेट व्यक्तियों की सांठ गांठ होती है जो रजिस्ट्रार तक मोटी रकम पहुंचाते हैं।

प्राइवेट व्यक्ति करते हैं रजिस्ट्री के सारे काम
बताया जा रहा है कि पंजीयन कार्यालय में फर्जी तरीके से काम कर रहे प्रायवेट व्यक्तियों के द्वारा सरकारी कंप्यूटरों से छेड़ छाड़ करते हुए लोगों की रजिस्ट्री के सारे काम किए जाते हैं। जिसमें पक्षकार की फोटो खींचना और सिग्नेचर सहित रजिस्ट्री से जुड़े तमाम काम शामिल रहते हैं। इसके अलावा पंजीयन कार्यलय में रखे सभी कंप्यूटर बाहर से आया कोई भी व्यक्ति छू देता जिसमें विभाग के कर्मचारियों की कोई रोक टोक नहीं होती ऐसे में कार्यलय के जरूरी दस्तावेजों की जानकारी भी लीक होती है जिससे फर्जी लोगों की सक्रियता बनी रहती है। आपको बता दें पंजीयन कार्यालय में 2 सब रजिस्ट्रार की पदस्थापना है जिन्हे जमीनों की रजिस्ट्री का कार्य सौंपा गया है। केवल उन्हीं के द्वारा सरकारी दस्तावेजों का सत्यापन होना जरूरी होता है मगर ये काम भी रजिस्ट्रार के द्वारा फर्जी तरीके से नियुक्त किए गए प्रायवेट व्यक्तियों के माध्यम से ही होता है। जबकि जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं।

हमारे कार्यालय में रजिस्ट्री करने के लिए मात्र 2 रजिस्ट्रार ही है इसके अलावा अन्य कोई कर्मचारी अगर काम करते हैं तो इसकी मुझे जानकारी नहीं है तथा फर्जी काम अगर होते भी हैं तो वो हमारी जबवदारी में नहीं आते।

संध्या सिंह, जिला पंजीयक, रीवा