Rewa News : चिकित्सक हत्याकांड अपडेट : पीट पीट कर हत्या करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार जबकि डायरेक्टर समेत 2 फरार
Rewa News : रक्षाबंधन के त्योहार पर मैं मायके गई थी। इसी दिन पति की पीट-पीटकर हत्या कर दी। 14 साल की बेटी सदमे में है। मेरा और बेटी का इस दुनिया में कोई नहीं है। पति ही सहारा थे। घर में वही कमाने वाले थे। बेटी पूछ रही है कि पापा अब कभी लौट कर नहीं आएंगे क्या। उन लोगों ने पापा को क्यों मारा। ये दर्द है रीवा की रहने वाली डॉ. रुद्रसेन गुप्ता की पत्नी सुनीता गुप्ता का। सुनीता का आरोप है कि पति न्यू संकल्प नशा मुक्ति केंद्र (एनजीओ) में काम करते थे। पिछले दो महीने से सैलरी नहीं मिली थी, जिसके कारण उन्होंने नौकरी छोड़ दी। सैलरी के लिए वे एनजीओ जाते तो डायरेक्टर नीलेश तिवारी भड़क जाता। एक बार डायरेक्टर ने उनका कॉलर पकड़ लिया था तब घर आकर मेरे और बेटी के सामने खूब रोए थे।
मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर की पत्नी ने बताया, डायरेक्टर नीलेश तिवारी और उसके साथी पति पर छेड़खानी की झूठी एफआईआर कराना चाहते थे। जब पति 19 अगस्त को एनजीओ गए तो डायरेक्टर बाकी लोगों के साथ उन्हें पीटते हुए थाने ले गए। वे घायल थे। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया। डायरेक्टर पति को एनजीओ वापस लाया और फिर बेरहमी से मारपीट की। पति की हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। थाने से ही पुलिस उन्हें अपने साथ अस्पताल ले जाती तो उनकी जान बच जाती।
3 आरोपी अरेस्ट, डायरेक्टर समेत 2 फरार
कृष्णा नगर में रहने वाले डॉ. रुद्रसेन गुप्ता, पद्मधर कॉलोनी में संचालित न्यू संकल्प नशा मुक्ति केंद्र में ढाई साल कार्यरत रहे। 2 महीने पहले उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। एनजीओ डायरेक्टर नीलेश तिवारी, असिस्टेंट डायरेक्टर शशांक तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर प्रसून तिवारी, प्रियंका तिवारी और राजकुमार तिवारी पर उनकी हत्या का आरोप है। नीलेश और राजकुमार फरार हैं। बाकी तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
पति ने कहा था- फोन बंद आए तो समझना बंधक बना लिया
सुनीता ने बताया, 19 अगस्त को आरोपियों ने पति को एनजीओ के दफ्तर बुलाया था। उन्होंने मुझसे कहा था कि घर से निकलने के बाद एक घंटे तक मेरा फोन बंद आए, तो समझ लेना कि मुझे बंधक बना लिया गया। बेटी और मैं उन्हें एनजीओ जाने से मना करते थे, क्योंकि वहां उनकी जान को खतरा था। घर की जरूरतों की वजह से पति अपनी सैलरी के लिए डायरेक्टर के पास जाते थे।
डायरेक्टर ने दी थी जान से मारने की धमकी
सुनीता ने बताया, डायरेक्टर ने पति का कॉलर पकड़कर गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी। तब पति घर आकर फूट-फूटकर रोए थे। तब उन्होंने कहा था- पूरी जिंदगी में इस तरह किसी ने जलील नहीं किया। आज मैं खुद को बहुत कमजोर महसूस कर रहा हूं। हमने भी इससे पहले उन्हें इस तरह से रोते हुए नहीं देखा था। वो कहते थे कि मैं भी डायरेक्टर को जवाब दे सकता हूं। लेकिन तुम्हारे और बेटी का चेहरा देखकर कुछ नहीं कहता। वे बेटी से बहुत प्यार करते थे।
आरोपियों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाने की मांग
सुनीता गुप्ता ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र से अपराध का गोरखधंधा चल रहा है। ऐसे मकान को गिरा देना चाहिए। सरकार और मुख्यमंत्री ने हमें बहन बनाया है, इसलिए अब ये बहन उनसे न्याय की गुहार लगा रही है।
महिला ने कबूला, दबाव में आकर झूठा आरोप लगाया
डॉक्टर के भांजे सुरेश गुप्ता ने बताया, मौसा 15 साल से डॉक्टर थे। पहले वे शहर के निपानिया में क्लिनिक चलाते थे। इसके बाद कई साल तक चिरहुला कॉलोनी में क्लिनिक चलाई। बाद में वे नशा मुक्ति केंद्र में नौकरी करने लगे। नशा मुक्ति केंद्र के संचालक ने उन पर छेड़खानी के आरोप लगाए। जिस महिला को सामने रखकर झूठे आरोप में फंसाने की कोशिश की, उसने खुद स्वीकार किया कि दबाव में आकर झूठा आरोप लगाया था।
सीसीटीवी की हार्ड डिस्क-डीवीआर ले गए आरोपी
सिविल लाइन थाना प्रभारी कमलेश साहू ने बताया कि आरोपी इतने चालाक हैं कि घटना के बाद हार्ड डिस्क और डीवीआर भी अपने साथ लेकर फरार हो गए हैं। पहली बार मारपीट नशा मुक्ति केंद्र के अंदर की गई। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई होगी। पुलिस कोशिश कर रही है कि फरार आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के साथ उनके कब्जे से हार्ड डिस्क और डीवीआर भी बरामद कर सके।