Rewa News : MPEB के आउटसोर्स के कर्मचारी की मौत पर मचा बवाल, परिजनों ने कार्यपालन यंत्री पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के संभागीय कार्यालय में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारी उमाकांत द्विवेदी की दो दिन पूर्व अचानक तबीयत बिगड़ने पर शहर के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था जहां पर उपचार के दौरान कल दोपहर बाद उनकी मौत हो गई। उनकी मौत की खबर सुनते ही शहर संभाग कार्यालय में सन्नाटा पसर गया और उनके जानने वाले सभी कर्मचारी एवं रिश्तेदार मिनर्वा अस्पताल पहुंचे। जहां से उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल भिजवाया गया।

आज सुबह पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर एकत्रित मृतक उमाकांत द्विवेदी के रिश्तेदारों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए शहर संभाग कार्यालय में पदस्थ कार्यपालन यंत्री नरेंद्र मिश्रा के ऊपर गंभीर आरोप लगाए और कार्यपालन यंत्री के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। मृतक उमाकांत द्विवेदी के रिश्तेदार नागेश्वर प्रसाद तिवारी द्वारा बताया गया पिछले कई वर्षों से मृतक उमाकांत द्विवेदी आउटसोर्स कर्मचारी के रूप में संभागीय कार्यालय गल्ला मंडी में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ था किंतु कार्यपालन यंत्री नरेंद्र मिश्रा द्वारा उनसे निजी कार्यों के साथ-साथ कई अन्य कार्य कराए जाते थे जिसे लेकर वह हमेशा परेशान रहते थे।

तिवारी द्वारा बताया गया कि कार्यपालन यंत्री का पहाड़िया में विशाल फार्म हाउस बना हुआ है जहां पर सीमेंट की ब्रिक्स एवं ईट बनाने का काम किया जाता है। जहां पर हमेशा मृतक को बुलाकर निजी कार्य कराया जाता था साथ ही किसी जमीन के सौदे में कार्यपालन यंत्री द्वारा मृतक से कुछ वर्षों पूर्व मोटी रकम लेकर इन्वेस्ट कराया गया था किंतु पैसे मांगने पर आना कानी की जा रही थी जिस कारण से भी मृतक पिछले कई दिनों से तनाव में था।

नागेश्वर प्रसाद द्वारा बताया गया की 2 दिन पूर्व जब उमाकांत द्विवेदी की तबीयत बिगड़ी तो कार्यपालन यंत्री  द्वारा बिना उनके परिजनों को बिना बताए शहर के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराकर उपचार शुरू करवा दिया गया और यह भी कहा गया कि उपचार में जो भी खर्चा आएगा वह कार्यपालन यंत्री खुद अदा करेंगे किंतु जब उमाकांत द्विवेदी की मौत हो गई तो कार्यपालन यंत्री अचानक लापता हो गए। मृतक के परिजनों ने निजी अस्पताल का पूरा बिल खुद अदा किया। संजय गांधी अस्पताल में आज सुबह एकत्रित हुए मृतक के परिजनों ने काफी आक्रोश देखा गया। परिजनों का कहना था कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर आरोपी कार्यपालन यंत्री के खिलाफ कड़ी करवाई की जाए।

फार्म हाउस का बिल आता है 100 रुपए प्रतिमाह
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जहां बिजली विभाग के उपभोक्ता बढ़े हुए बिलों को लेकर अक्सर विद्युत मंडल के कार्यालय में अपना बिल कम करवाने के लिए चक्कर लगाते हैं वहीं दूसरी ओर सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के संभागीय कार्यालय में पदस्थ कार्यपालन यंत्री नरेंद्र मिश्रा के पहाड़ियां स्थित फार्म हाउस का बिल मात्र ₹100 प्रति माह आता है जबकि वहां पर सीमेंट की ब्रिक्स बनाने का कारखाना पिछले कई वर्षों से अनवरत चल रहा है।

कार्यपालन यंत्री को है राजनैतिक संरक्षण प्राप्त
पूरे मध्य प्रदेश में रीवा शहर इकलौता ऐसा शहर है जहां पर शासकीय कार्यालयो में बाहर से स्थानांतरित होकर आने वाले कर्मचारी या अधिकारी या तो रीवा आना नहीं चाहते हैं और अगर एक बार आ गए तो रीवा से जाना नहीं चाहते हैं चाहे इसके लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़े। यही हाल मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के संभागीय कार्यालय गल्ला मंडी अमाहिया में पदस्थ नरेंद्र मिश्रा का भी है।

सूत्रों की माने तो नरेंद्र मिश्रा संभागीय कार्यालय में कई वर्षों से पदस्थ हैं कुछ माह पूर्व उनका स्थानांतरण भी हो गया था किंतु उन्होंने एड़ी चोटी का जोर लगाकर अपना स्थानांतरण स्थगित करवा लिया। सूत्रों की माने तो कार्यपालन यंत्री को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के संभागीय कार्यालय में पदस्थ रहते हुए काफी काली कमाई की जिससे उन्होंने शहर के कई इलाकों में आवासीय एवं व्यवसायिक भूखंड खरीदकर काफी पैसा फसा रखा है। इसीलिए वह रीवा छोड़कर कहीं अन्यत्र नहीं जाना चाहते।