Rewa Picnic Gang Rape Case : 5 महीने पहले की थी लव मैरिज, पति बोला-जिंदगी नर्क बन गई : ससुरालवालों से वादा किया था आंच नहीं आने दूंगा

 

'इस जिंदगी से बेहतर मौत आ जाती। गैंगरेप की घटना ने हमारी जिंदगी नर्क बनाकर रख दी। हम दोनों साथ बैठते हैं, लेकिन एक-दूसरे से नजर नहीं मिला पाते। रह-रहकर वह मंजर याद आता। गलती से भूल भी जाए तो लोग याद दिला देते हैं। अब जिंदगी बोझ की तरह है। गैंगरेप की घटना के बाद मैंने और मेरी पत्नी दोनों ने कॉलेज जाना बंद कर दिया। पढ़ाई- लिखाई सब बर्बाद हो गई। पूरा परिवार तनाव में जी रहा है।'

यह दर्द है गैंगरेप पीड़िता के पति का, जिसकी आंखों के सामने डेढ़ महीने पहले बंधक बनाकर उसकी पत्नी के साथ 5 बदमाशों ने गैंगरेप किया था। बता दें, कि 21 अक्टूबर को रीवा में पति के साथ पिकनिक मनाने गई नवविवाहिता से बदमाशों ने गैंगरेप किया। उसके सिर पर बोतल फोड़ी और पति को बंधक बना लिया। फिर पति के सामने ही पत्नी के साथ दरिंदगी की थी। वीडियो भी बनाया।

इस वारदात के सभी 8 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, लेकिन दरिंदगी का वो खौफनाक मंजर अब भी पीड़ित दंपती की आंखों में है। जिसे याद करके वे डर जाते हैं। इसी वजह से घर से निकलना तक बंद कर दिया है। इसको लेकर जब पीड़ित परिवार से बात की तो वे अपना दर्द बयां करते हुए रो पड़े।

पीड़िता के पति का कहना है कि पांच माह पहले ही परिवार की मर्जी से हमने लव मैरिज की थी। शादी के पहले मैंने ससुराल वालों से वादा किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए आपकी बेटी को हमेशा खुश रखूंगा। अब बस यही सोचता हूं कि मैं ससुराल वालों से कैसे नजर मिला पाऊंगा, क्यों मैं अपना वादा नहीं निभा पाया।

पढ़िए उनकी दर्द भरी कहानी...

21 अक्टूबर को पति के सामने हुआ था गैंगरेप : मामला रीवा जिले के गुढ़ का है। 21 अक्टूबर को पति-पत्नी दोपहर के समय भैरव बाबा मंदिर में दर्शन के लिए गए थे। पति ने बताया कि दर्शन कर बाहर आए तो कुछ दूर मैदान पर नशे में धुत आरोपी लिट्टी-चोखा बना रहे थे। हम दोनों बाइक से निकले और कुछ दूर जाकर तालाब किनारे चट्‌टान पर बैठकर बात करने लगे। हम इस बात से अनजान थे कि आरोपी हमारा पीछा कर रहे हैं।

वे अचानक आ धमके और हमारे साथ मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने मुझे पकड़ लिया। वो मेरे सामने पत्नी के साथ दुष्कर्म करते रहे। पुलिस ने इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 5 ने गैंगरेप किया था जबकि 3 ने इसमें उनका सहयोग किया था। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सभी रिश्तेदार और पड़ोसी हैं। उन्होंने नशे में वारदात को अंजाम दिया था।

डेढ महीने बाद भी सदमे से नहीं निकला परिवार : पीड़ित परिवार अभी तक उस सदमे से निकल नहीं पाया है। घटना के बाद से ही जहां एक ओर पूरा परिवार अब तक डरा और सहमा हुआ है। वहीं गैंगरेप पीड़िता महिला के साथ ही उसके पति की जिंदगी भी पूरी तरह से तबाह हो गई है। पीड़िता के पति का कहना है कि अब तो दोस्तों से मिलने में भी शर्मिंदगी होती है। लोग तरह-तरह के सवाल पूछते हैं, तो कुछ लोग ताने मारते हैं। घर से बाहर निकलने पर लोग देखकर हंसते हैं। जीना मुश्किल हो गया है।

ससुरालवालों से वादा किया था आंच नहीं आने दूंगा : पीड़िता के पति का कहना है कि हम दोनों ने इसी साल जुलाई में ही लव मैरिज की थी। शुरू में हम दोनों के घरवाले शादी के लिए राजी नहीं थे। बाद में जैसे-तैसे मैंने अपने घर वालों को मना लिया। इसके बाद मेरी पत्नी के घर वालों को भी शादी के लिए राजी किया।

मैंने उनसे वादा किया था कि आपकी बेटी को हमेशा खुश रखूंगा। कभी भी उसके ऊपर आंच नहीं आने दूंगा। आपको कभी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। मैं उसे इतना खुश रखूंगा। अब जब इतनी बड़ी वारदात हो गई है तो समझ नहीं आता की ससुराल वालों का सामना कैसे करूंगा। मेरे सारे वादे धरे के धरे रह गए।

ससुराल वालों को क्या जवाब दूं, चेहरा कैसे दिखाऊं : दरिंदों ने मुझे कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा। कोई भी लड़का-लड़की जब एक दूसरे से प्रेम करते हैं तो उस समय उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है, शादी के लिए अपने घर वालों को राजी करना। हम दोनों ने भी काफी मुश्किल से अपने घर वालों को मनाया। उन्हें विश्वास दिलाया कि हम जीवन भर हंसी-खुशी से रहेंगे। घर वालों ने हमारी बात को समझा। हमारी खुशी के लिए शादी करा दी।

आखिर अब मैं अब ससुराल वालों को क्या जवाब दूं। मैं उन्हें अपना चेहरा कैसे दिखाऊं। अगर उन्होंने पूछ ही लिया कि तुम्हारे वादों का क्या हुआ, तो मैं क्या जवाब दूंगा। हमने बहुत सपनों के साथ लव मैरिज की थी, लेकिन उस घटना के बाद से जीवन बोझ की तरह काट रहे हैं। जिंदगी में कोई उत्साह नहीं बचा। बस अब कहने के लिए जी रहे हैं।

पति-पत्नी एक-दूसरे से नजर तक नहीं मिला पाते
पति ने कहा कि हम दोनों एक ही घर में रहते हैं। गैंगरेप की घटना से पहले हम साथ बैठकर आपस में गप्प लगाया करते थे। दुनिया भर की बातें करते थे। हमें खुश होने के लिए तो जैसे किसी छोटी सी बात का इंतजार होता था। जरा सी बात पर भी खिलखिला कर हंस पड़ते थे। हमारे घर वाले हमें देखकर बेहद खुश रहते थे, लेकिन इस घटना के बाद मैं अपनी पत्नी से नजर नहीं मिल पाता।

दरिंदों ने मेरी आंखों के सामने ही मेरी पत्नी के साथ दरिंदगी की। मैं उसे बचा नहीं पाया। कुछ लोग तो ताने मारते हैं कि कैसा मर्द है, जिसने आंखों के सामने पत्नी की इज्जत लुटने दी। भला मैं क्या करता, उसे बचाने गया तो दरिंदों ने मेरे सिर पर शराब की बोतल तोड़ दी। मेरा जो पैर पहले से फ्रैक्चर था। जिस पैर में रॉड डली थी, उसी पैर में सबसे अधिक मारा। मार-मारकर बेहाल कर दिया। चाहकर भी उसे नहीं बचा पाया।

हम दोनों साथ कमरे में बैठकर रोते रहते हैं, लेकिन एक-दूसरे के आंसू भी नहीं पोंछ पाते। वो आत्मविश्वास, वो खुशियां और वो उत्साह जैसे अब कहीं खो गया। रह-रह कर वो चीज याद आ जाती है। रात-रात भर नींद नहीं आती। मन में बेचैनी बनी रहती है। सोचता हूं कि आखिर हमारी गलती क्या थी।

पीड़िता बोली- उत्साह खत्म, बस जिंदगी काट रही
पीड़िता ने कहा- पहले कॉलेज जाती थी ताकि आगे की पढ़ाई पूरी कर सकूं। पढ़ने-लिखने में काफी मन लगता था। गैंगरेप के बाद जीवन का उत्साह पूरी तरह खत्म हो गया है। पहले लक्ष्य था कि जीवन में कुछ हासिल करना है। कुछ बड़ा करके दिखाना है, जिससे परिवार और घर वालों का नाम रोशन हो। अब इन सब चीजों का कोई महत्व नहीं बचा है।

घटना के बाद जो दाग लग गया, उसके सामने अब सब कुछ फीका सा लगता है। जीने की इच्छा भी नहीं रह गई। बस किसी तरह जिंदगी काट रही हूं। इतनी बड़ी जिंदगी चारदीवारी के भीतर कैसे कटेगी, कुछ समझ नहीं आता। किसी से मिलने-जुलने का मन नहीं करता। मन उदास रहता है, बस जिंदगी काट रही हूं।