REWA : शराब माफियाओं का दावा पुलिस हमारे जेब में रहती है...

 

नशे के कारोबारी एवं शराब माफियाओं की बल्ले बल्ले

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। नशे के कारोबारी एवं शराब माफियाओं का पुलिस के साथ चोली दामन का रिश्ता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है इसीलिए पूरे जिले में शराब माफियाओं एवं नशे के कारोबारियों का डंका बजता है। शहर से लेकर आसपास के ग्रामीण इलाकों में खुलेआम शराब ठेकेदारों द्वारा जमकर शराब की पैकारी कराई जाती है जिन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं है। वैसे तो शराब ठेकेदारों एवं माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी मोहकमे का लंबा चौड़ा स्टाफ है जिन्हें सरकार हर माह मोटी रकम वेतन के रूप में देती है।

किंतु आबकारी मोहकमा शराब ठेकेदारों के हित के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता है। जिसके एवज में इन शराब ठेकेदारों एवं माफियाओं द्वारा आबकारी मोहकमें के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को रिश्वत के रूप में हर माह मोटी रकम अदा करता है। इसीलिए आबकारी मोहकमा जब कभी कोई कार्यवाही करता भी है तो महुआ लहान के अलावा कोई बड़ी जप्ति कहीं नहीं होती है।

बात अगर पुलिस मोहकमे की की जाए तो इनका हाल भी जुदा नहीं है। यह जग जाहिर है कि बिना इन दोनों प्रमुख विभागों के संरक्षण के कोई भी व्यक्ति जिले में नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री एवं शराब की पैकारी नहीं कर सकता। इन दोनों प्रमुख विभागों के संरक्षण के कारण अवैध कारोबारियों के हौसले इतने बड़े हुए हैं कि वह खुलेआम यह दावा करते हैं की पुलिस और आबकारी अमला हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ताजा मामला शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित गोविंदगढ़ का है जहां पर वर्तमान समय में कभी अमहिया थाने की कमान संभालने वाले शिवा अग्रवाल पदस्थ हैं। जब वे रीवा में पदस्थ थे तो उनके नाम से अपराधियों में भय था। किंतु मामला अब विपरीत है।

स्थानीय लोगों की माने तो शराब ठेकेदार प्रमोद पांडे खुलेआम यह कहते घूमता है कि पुलिस हमारी जेब में है हमारा कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता है इसलिए हम खुलेआम शराब की पैकारी करवाते हैं। अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो गोविंदगढ़ थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल ही बता सकते हैं। लेकिन यह सही बात है कि पूरे जिले में नशीली कफ सिरप गोलियों के कारोबारी एवं शराब माफियाओं का खुला खेल चल रहा है। शहर से लेकर गांव तक गली-गली मोहल्ले मोहल्ले अवैध शराब एवं नशीली कफ सिरप एवं गोलियों का कारोबार फल फूल रहा है।