REWA : वैश्य समाज की नाराजगी भाजपा और कांग्रेस दोनों को पढ़ सकती है भारी

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की जब से आहट शुरू हुई तब से रीवा विधानसभा में वैश्य समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व देने की मांग वैश्य समाज के लोगों द्वारा की जाने लगी थी। रीवा से भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूर्व महापौर वीरेंद्र गुप्ता का नाम भी दावेदारी में था। वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से रीवा विधानसभा के लिए मनीष गुप्ता का नाम भी दावेदारों की सूची में था। किंतु प्रमुख दलों द्वारा प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई तो ना भाजपा से वैश्य समाज के किसी व्यक्ति को प्रतिनिधित्व नहीं मिला।

यही हाल कांग्रेस पार्टी का रहा। प्रत्याशियों की घोषणा के बाद वैश्य समाज के लोगों में इन दोनों दलों को लेकर काफी आक्रोश है। सूत्रों की माने तो विगत दिवस वैश्य समाज के लोगों की एक गुप्त एवं आवश्यक मीटिंग की गई थी जिसमें दोनों प्रमुख दलों द्वारा वैश्य समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने को लेकर काफी चर्चा हुई और यह भी तय किया गया की वैश्य समाज के किसी व्यक्ति को रीवा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ाया जाए।

इस सूची में सबसे पहला नाम रीवा विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट के दावेदार रहे मनीष गुप्ता का लिया जा रहा है। अगर इस खबर को सही माना जाए तो आने वाले दिनों में मनीष गुप्ता निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर सकते हैं अगर ऐसा हुआ तो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है।