REWA : अमित शाह के दौरे से बगावत एक्सप्रेस में लगेगी लगाम?

 

टिकट से वंचित दावेदारों ने केंद्रीय मंत्री से मिलकर अपने दिल का बयां किया दर्द

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। 29 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेता गृहमंत्री अमित शाह का रीवा दौरा कई माईनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों की माने तो विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के बाद पूरे विंध्य क्षेत्र में असंतोष की लहर चल पड़ी है। कई नेता जहां खुलकर विरोध में आ गए हैं वहीं कई नेताओं ने अंदर ही अंदर भीतरघात करने की ठान ली है। ऐसे माहौल में अमित शाह का विंध्य दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमित शाह ने रीवा समेत 9 जिलों की 30 विधानसभा सीट का जायजा लिया। पहले बैठक में जिलों से आए चुनिंदा पदाधिकारियों को बूथ मैनेजमेंट से चुनाव जीत का मंत्र दिया। विधानसभा में मौजूदा हालात को समझा और जरूरी हिदायत दी।

वृंदावन गार्डन में आयोजित असंतुष्टों को साधने के लिए अमित शाह की बैठक काफी मायने रखती है। सूत्रों की माने तो मनगवां विधानसभा क्षेत्र के बागी प्रत्याशी पंचूलाल प्रजापति देवतालाब विधानसभा क्षेत्र के श्यामलाल द्विवेदी एवं पूर्व विधायक रमाकांत तिवारी के बेटे कौशलेश तिवारी सहित कई असंतुष्ट नेताओं ने वृंदावन गार्डन में अमित शाह से मिलकर अपने दिल का दर्द बयां किया है। बैठक में अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा,मध्य प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव,केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, (State President Vishnu Dutt Sharma, Madhya Pradesh Election Incharge Bhupendra Yadav, Union Minister Ashwini Vaishnav, Organization General Secretary Hitanand Sharma) संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी संभाग के सभी जिलों से करीब दो सौ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

हालांकि अभी कुल मिलाकर यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विंध्य में रीवा एवं मऊगंज जिले की कुछ सीटों में प्रत्याशी बदले जा सकते हैं या नहीं इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौर के बाद स्थानीय नेताओं के फीडबैक के बाद कुछ सीटों के प्रत्याशियों को बदला जा सकता है जिनमें प्रमुख रूप से मनगवां विधानसभा सीट का नाम सबसे ऊपर है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के आगे की रणनीति क्या होती है। हालांकि यह भी आश्चर्यजनक बात है कि भारतीय जनता पार्टी के काद्दावर राष्ट्रीय नेता जो पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखते हैं उनकी कोई आमसभा नहीं हुई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विंध्य क्षेत्र में पार्टी की हालत क्या है।