REWA की बेटी ने पिता का सपना किया पूरा : वेदिका बंसल ने UPSC में हासिल की 96वीं रैंक, 8 से 9 घंटे पढ़ाई कर हासिल की सफलता

 

रीवा के कॉलेज चौराहा के पास हेडगेवार नगर की रहने वाली वेदिका बंसल ने मंगलवार को जारी हुए यूपीएससी के परीक्षा परीक्षा परिणाम में 96वी रैंक हासिल की है। 25 साल की वेदिका अपने मां-बाप की इकलौती बेटी हैं। यह सफलता उन्होंने अपने तीसरे अटेम्प्ट में हासिल की है। वेदिका के पिता कोरोनाकाल में ही चल बसे थे। इस वजह से उनकी पढ़ाई 2 साल प्रभावित भी हुई थी।

8 से 9 घंटे पढ़ाई कर हासिल की सफलता
वेदिका अपनी सफलता का श्रेय अपने घर वालों और अपने दोस्तों को देती हैं। वेदिका बताती हैं कि पिछले दो अटेम्प्ट में उनका सिलेक्शन नहीं हुआ। इस बात को लेकर वह थोड़ी चिंतित थी। लेकिन साथ ही मन में यह विश्वास भी था कि वे एक दिन जरूर सफलता हासिल करेंगी।

वेदिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रीवा के ज्योति स्कूल से हासिल की। इसके बाद उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूरी की। वेदिका बताती हैं कि वे हर दिन 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थी। जिसके लिए उन्होंने दो-दो घंटे के अंतराल में एक समय सारणी बना रखी थी। वह भले ही 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थी लेकिन उस रूटीन चार्ट का कड़ाई से पालन करती थी।

पिता कोरोना काल में चल बसे तो प्रभावित हुई पढ़ाई
वेदिका बताती हैं कि आज भी उन्हें उनके पिता के ना रहने की कमी महसूस होती है। उनके पिता कोरोना की पहली लहर में चल बसे थे। जिसके बाद 2 साल तक उनकी पढ़ाई प्रभावित रही। 2021 और 2022 में उन्होंने कोई अटेम्प्ट नहीं दिया। इसके बाद फैमिली के सपोर्ट से उन्होंने अपने आप को दोबारा मानसिक रूप से तैयार किया। साथ ही परीक्षा की तैयारी दोबारा शुरू कर दी।

पिता का सपना बेटी ने पूरा किया
वेदिका की मां उनकी इस सफलता पर भावुक हो गई। उन्होंने कहा कि वेदिका के पिता अगर आज जीवित होते तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना ना होता। वेदिका के पिता अरुण बंसल का सपना था कि पारिवारिक व्यापार से हटकर बेटी सिविल सर्विस में जाए। बेटी ने पिता का यह सपना पूरा तो जरूर किया। लेकिन वेदिका के पिता आज का दिन देखने के लिए हमारे बीच नहीं हैं। इस बात का बेहद दुख है।

मां कहती हैं कि जब से परीक्षा परिणाम घोषित हुए हैं। तब से बधाई देने वालों का तांता लग गया है। मेरी बेटी शुरू से ही पढ़ने में बहुत तेज थी। अपनी क्लॉस में पढ़ाई के मामले में हमेशा सबसे आगे रहती थी। 12 की परीक्षा में बेटी ने 98 प्रतिशत हासिल किए थे। सब के सहयोग और आशीर्वाद से ये संभव हो पाया है। वेदिका के भाई वेदांत बंसल और भाभी मीना बंसल (CA) हमेशा उसे मोटिवेट करते रहते थे।