REWA में फिल्मी सीन से कम नहीं ये मामला : पुलिस ने साक्ष्य जुटाने गोली की तलाश में राख को बांस टोकरी में पानी डालकर छाना

 

रीवा में एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोली उसके सीने में फंसी थी। डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम किया, लेकिन उन्हें गोली नहीं मिली। इसके बाद तय किया गया कि अंतिम संस्कार के बाद चिता की राख में से गोली तलाश की जाएगी। इसके बाद जो हुआ वो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं है। शख्स के अंतिम संस्कार के बाद राख में से गोली तलाश की गई। इस दौरान राख को बांस टोकरी में पानी डालकर छाना। चुंबक का सहारा भी लिया गया। फिर भी गोली नहीं मिली। इस दौरान पुलिस भी वहां मौजूद रही।

परिजनों ने किया था शव रखकर थाने का घेराव
मामला जवा थाना क्षेत्र के जनकहाई गांव का है। यहां 3 और 4 जून की दरमियानी रात दो गुटों में हुए विवाद में राम शिरोमणि मांझी नाम के शख्स को गोली मार दी गई थी। घटना के बाद आक्रोशित गांव वालों ने शव रखकर थाने का घेराव किया था। परिजन इस बात पर अड़ गए कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही शव का पोस्टमार्टम करवाएंगे। पुलिस अफसरों के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। 4 जून को शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया। जिसके बाद दो दिन बाद शुक्रवार को शख्स की हत्या के सबूत उसकी चिता की राख में तलाशे गए।

ट्रैक्टर चलाने को लेकर दो गुटों में हुआ था विवाद
एडिशनल एसपी अनिल सोनकर ने बताया कि राम शिरोमणि मांझी का नाती गांव के ही पटेल परिवार के यहां ट्रैक्टर चलाता था। रात में ट्रैक्टर चलाने को लेकर हुए विवाद के बाद राम के नाती के साथ मारपीट की गई। परिजन को सूचना मिली, तो दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। विवाद के बीच एक व्यक्ति ने फायर कर दिया। गोली राम शिरोमणि मांझी के सीने में लगी। पुलिस ने दिलीप पटेल और रिंकू पटेल और अनिल पटेल को गिरफ्तार किया था।

अस्थियों और चिता की राख में तलाशी गई
शुक्रवार को पुलिस श्मशान पहुंची। यहां गांव वालों और परिजन की मदद से चिता की राख जमा की गई। इसके बाद राख में से गोली तलाशने में लग गए। इस दौरान बांस की टोकरी में राख भरकर पानी में डुबोया गया। इसके बाद उसमें मेटल तलाशने के लिए चुंबक की मदद ली गई। फिर भी गोली नहीं मिल सकी। हालांकि पुलिस की विवेचना रिपोर्ट, पीएम रिपोर्ट में भी गोली लगने की मौत होना बताया गया है।

एएसपी बोले- साक्ष्य प्रस्तुत करने में होगी दिक्कत
एएसपी विवेक लाल ने बताया कि जिस जगह मुखाग्नि दी गई है, वहां दोबारा निरीक्षण किया जाएगा। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर से भी बात की जाएगी। साक्ष्य के नजरिए से गोली का मिलना जरूरी है। अगर गोली नहीं मिलती है, तो कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत करने पर दिक्कत होगी। कारण- कोर्ट सबूत ही मानता है।