MP : शाम 4.42 बजे से दिखा सूर्य ग्रहण, सूतक काल में क्या करें क्या न करें : पढ़ लीजिये यह जरुरी खबर
मध्यप्रदेश में शाम 4.42 बजे से सूर्य ग्रहण दिखाई दिया। इस दौरान चांद ने सूरज के करीब 32% हिस्से को ढंक लिया। भोपाल के रीजनल साइंस सेंटर में बड़ी संख्या में लोग सूर्य ग्रहण की घटना को देखने पहुंचे हैं। उज्जैन की वेदशाला में भी खगोलीय घटना को देखने का इंतजाम है। उधर, उज्जैन महाकाल मंदिर में आज भगवान महाकालेश्वर का सूर्य के स्वरूप में श्रृंगार किया गया है। बता दें कि 27 साल बाद दिवाली के दूसरे दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण हो रहा है। यह इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है। इससे पहले यह खगोलीय घटना 24 अक्टूबर 1995 को दिवाली के दूसरे दिन हुई थी।
भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण रहा है, जो पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों को छोड़कर भारत के अधिकांश हिस्सों में दिखाई दिया। तस्वीरें भोपाल की हैं।
भोपाल में यह शाम 4.42 बजे शुरू होगा। शाम 5.38 बजे तक नजर आएगा। ग्रहण का अंत प्रदेश भर में कहीं भी दिखाई नहीं देगा, क्योंकि वह सूर्यास्त के उपरांत भी जारी रहेगा। भारत में उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा लगभग सूर्य के 40 से 50% के बीच होगा।
ग्रहण की तस्वीर दिल्ली से
पूर्ण चंद्र ग्रहण अगले महीने नवंबर में
अगला ग्रहण जो भारत से दिखाई देगा, वह पूर्ण चंद्र ग्रहण है। यह 8 नवंबर, 2022 यानी मंगलवार को होगा। यह चंद्रोदय के समय भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा।
अगला सूर्य ग्रहण 2027 में
भारत में अगला सूर्य ग्रहण करीब 5 साल बाद यानी 2 अगस्त 2027 में नजर आएगा। वह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। देश के सभी हिस्सों से वह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में नजर आएगा।
इस कारण होता है सूर्य ग्रहण
अमावस्या को सूर्य ग्रहण तब घटित होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। वे तीनों एक सीध में स्थित हो जाते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण तब घटित होता है, जब चन्द्र चक्रिका का सूर्य चक्रिका की आंशिक रूप से ही ढंक पाती है।
सूतक काल में क्या करें क्या न करें-
- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सूतक काल में कोई भी शुभ काम को शुरू करने से बचें।
- सूतक काल में भगवान की भक्ति करें।
- सूतक काल में ना ही खाना बनाए अगर खाना बना हुआ रखा है तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रखें।
- सूतक काल में दांतों की सफाई और बालों में कंघी करने की भी मनाही होती है।
- सूतक काल में भगवान के मंदिर के पट बंद कर देना चाहिए।
- सूतक काल के दौरान सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए।
- सूतक काल समाप्त होने के बाद घर की सफाई करें और उसके बाद भगवान की पूजा करें।
- सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर के बाहर ना जाने दें और विशेष सावधानी बरतें।
- सूर्य ग्रहण के दौरान 'ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात' मंत्र का जाप करें।