OMG : 36 साल के इस शख्स को कोरोना, मंकीपॉक्स और HIV बीमारी से एक साथ संक्रमित

दुनिया का पहला ऐसा मामला

 

वजह कई पुरुषों के साथ असुरक्षित संबंध

इटली में 36 साल का एक शख्स कोरोना, मंकीपॉक्स और HIV से एक साथ संक्रमित हो गया। कटेनिया यूनिवर्सिटी (Catania University) के वैज्ञानिकों की मानें तो यह दुनिया का पहला ऐसा मामला है। व्यक्ति को तीनों ही बीमारियां साल की शुरुआत में स्पेन (Spain) जाने के बाद हुईं, जहां उसने कई पुरुषों के साथ असुरक्षित संबंध बनाए थे।

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक मरीज स्पेन में 16 से 20 जून तक रहा था। जर्नल ऑफ इन्फेक्शन (Journal of Infection) की केस रिपोर्ट की मानें तो बुखार, सिर दर्द, गले में खराश जैसे लक्षण आने के तीन दिन बाद 2 जुलाई को वह कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) पाया गया। इसी दिन मरीज के बाएं हाथ, चेहरे, पैरों आदि पर छोटे और दर्दनाक दाने उभरने लगे। कुछ दिनों बाद वो दाने फफोले बन गए।

इसके बाद 5 जुलाई को उसे सैन मार्को यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (San Marco University Hospital) के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में भर्ती किया गया, जहां उसका मंकीपॉक्स टेस्ट (monkeypox test) हुआ। रिजल्ट पॉजिटिव आने पर उसका यौन रोगों से जुड़े टेस्ट भी किए गए। वह ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस-1 (HIV-1) से भी संक्रमित पाया गया। डॉक्टर्स का कहना है कि उसे HIV इन्फेक्शन हाल ही में हुआ है।

मरीज को कोरोना, मंकीपॉक्स से छुटकारा

11 जुलाई तक मरीज के शरीर पर उभरे मंकीपॉक्स (monkeypox) के दाने सूख गए और उसकी कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई। उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन कुछ दिनों के लिए आइसोलेट रहने की सलाह दी गई। रिसर्चर्स ने बताया कि कोरोना और मंकीपॉक्स (monkeypox) के लक्षण ओवरलैप हो सकते हैं। साथ ही मरीज मंकीपॉक्स होने के 20 दिन बाद भी पॉजिटिव आ सकता है, इसलिए इलाज खत्म होने पर सतर्कता बरतना जरूरी है।

दुनिया में मंकीपॉक्स के मामले 48 हजार के पार

Monkeypoxmeter.com के डेटा के अनुसार दुनिया में मंकीपॉक्स (monkeypox) के मामलों की कुल संख्या 48 हजार 54 हो गई है। यह बीमारी अब तक 102 देशों में फैल चुकी है। इससे ग्रस्त टॉप 10 देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड्स, इटली और ब्राजील हैं। भारत में मंकीपॉक्स के 10 मरीज सामने आए हैं, जिनमें से एक की मौत हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है।

दुनिया में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं हम आपको इस बीमारी के बारे में बता रहे हैं।
  • मंकीपॉक्स एक वायरल इंफेक्शन है जो पहली बार 1958 में कैद किए गए बंदर में पाया गया था। 1970 में पहली बार इंसान में इसके संक्रमण की पुष्टि हुई थी। 
  • यह प्रेग्नेंट महिलाओं और 5 साल से छोटे बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होती है।
  • यह ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। 2017 में नाइजीरिया में मंकीपॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था,जिसके 75% मरीज पुरुष थे।
  • कांगो स्ट्रेन की मृत्यु दर 10% और पश्चिमी अफ्रीकी स्ट्रेन की मृत्यु दर 1% है। 2022 में हुए आउटब्रेक में पश्चिम अफ्रीकी सेन की पुष्टि हुई है। 
  • यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इसके अलावा जानवरों के काटने से या उनके खून वा बाड़ी फ्लूइडस को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है। 
  • मंकीपॉक्स के लक्षण संक्रमण के पांचवे दिन से 21 वे दिन तक आते हैं। इसमें मवाद से भरे दाने, बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द,कमर दर्द, कपकपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोडस शामिल है। 
  • मंकीपॉक्स वायरस की दो स्ट्रेंस है-पहली कांगो स्ट्रेन और दूसरी पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन। 
  • WHO के मुताबिक चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स पर 50% तक कारागार होती है। ज्यादातर देश ऐसी ही वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहे हैं।