इंदौर : नदी के बीचों-बीच स्थित हैं जलेश्वर महादेव : देखने पर त्रिशूल जैसी आकृति : ऐसी है पौराणिक मान्यता ... जरूर पढ़िए
इंदौर के पास गौतमपुरा से 9 किलोमीटर दूर नरसिंगा में चंबल नदी के बीचों-बीच स्थित हैं जलेश्वर महादेव। यहां पूजा करने के लिए नाव से जाना होता है। बारिश के दिनों में यहां नजारा बहुत खूबसूरत हो जाता है। सबसे खास बात है कि नदी के कटाव और ऊपर से गुजर रहे पुल को ऊंचाई से देखने पर त्रिशूल जैसी आकृति बनती है। बताया जाता है कि यह शिवलिंग करीब 70 साल से ज्यादा पुराना है।
नदी के बीचों-बीच चबूतरे पर शिवलिंग है। यहां हर साल सावन में कई लोग पूजा करने आते हैं। खास है कि यहां एक बार में एक या दो ही व्यक्ति पूजा करने आ सकते हैं, क्योंकि नदी के बीचों-बीच होने के कारण यहां नाव से जाना होता है। मंदिर के पुजारी ईश्वर लाल ने बताया कि वह यहां पिछले 70 वर्षों से ज्यादा समय से पूजा कर रहे हैं। उनके दादा-परदादा भी यहां पूजा करते थे। वैसे, यह शिवलिंग कैसे और कहां से आया, इसके बारे में स्पष्ट जानकारी किसी को नहीं है।
नरसिंगा के रहने वाले मदनसिंह चावड़ा बताते हैं कि जुलाई-अगस्त के बाद 8 महीने यह शिवलिंग पानी में डूबा रहता है। यहां पुनिया केवट नाम का नाविक भी है, जो भक्तों को चबूतरे तक पहुंचाता है। पूजा के बाद वह वापस किनारे पर छोड़ देता है। वहीं, कई लोग नदी पर बने पुल के ऊपर से ही दर्शन कर लौट जाते हैं।
ये है मान्यता
पौराणिक मान्यता है कि बारिश के दौरान भले ही नदी में कितना ही पानी आ जाए या नदी का बहाव भी कितना भी तेज हो, लेकिन चबूतरा और शिवलिंग अपने स्थान से नहीं हटता। वह एक ही जगह जमा रहता है।