REWA : बच्चों के भोजन में गड़बड़ी पर कलेक्टर ने संचालक को लगाई फटकार , जांच रिपोर्ट तलब
रीवा. सेंट्रल किचन का गुरुवार दोपहर कलेक्टर इलैयाराजा टी निरीक्षण किया। उन्होंने नान की ओर से भेजे गए चावल की गुणवत्ता देखी। इस दौरान किचन संचालक से पूछा कि कितने आंगनबाड़ी केन्द्रों में भोजन व नास्ता भेजा जा रहा है। संचालक ने बताया कि 34 शहरी और चार ग्रामीण केंद्रों में चार सेक्टर बनाकर वाहनों से भोजन भेजा जा रहा है। कलेक्टर ने जब रजिस्टर की जांच की तो दो सेक्टर में ही आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 48 दर्ज थी। जिसमें एक सेक्टर में 27 व दूसरे में 21 आंगनबाड़ी केन्द्र के नाम थे। रजिस्टर पर दर्ज जानकारी और भोजन भेजे जा रहे केन्द्रों की संख्या में अंतर आने पर कलेक्टर आधे घंटे तक उलझे रहे।
सही जानकारी नहीं देने पर संचालक को फटकार
सही जानकारी नहीं देने पर संचालक को फटकार लगाते हुए जांच रिपोर्ट तलब की है। कलेक्टर ने महिला बल विकास विभाग से बात की तो पता चला कि शहरी क्षेत्र में 93 आंनगबाड़ी हैं। सीडीपीओ ने बताया कि शहर में सेंट्रल किचन संचालक के अलावा तीन अन्य समूह आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भेजन भेज रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि यहां दो अलग-अलग रजिस्टर क्यों बनाए गए हैं, कुछ तो गड़बड़ है।
बच्चों को भेजे गए भोजन का नहीं मिला सैंपल
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने पूछा कि गुरुवार को बच्चों के लिए कौन सा भोजन भेजा गया है। जब रसोई में सैंपल नहीं है तो गुणवत्ता कैसे परखते हो। संचालक ने जानकारी दी कि चावल और कढ़ी। कलेक्टर ने मीनू मांगाकर देखा तो उसमें पुलाव दर्ज था। कलेक्टर ने रजिस्टर पर दर्ज आंगनबाड़ी केन्द्रों को दिए गए भोजन की मात्रा व ब'चों के संख्या और रिसीविंग की जानकारी मांगी तो संचालक उपलब्ध नहीं करा सका। बताया कि 26 जनवरी से केन्द्रों में भोजन दिया जा रहा है। अभी सैंपल किट नहीं है। कलेक्टर ने नसीहत दी कि एक सप्ताह बाद दोबारा निरीक्षण में लापरवाही मिली तो कठोर कार्रवाई की। इस दौरान अपर कलेक्टर, एससडीएम फरहीन खान, आशीष दुबे, अधीक्षक रमेश श्रीवास्तव आदि रहे।
रजिस्टर जब्त करने को कहा तो कांपने लगे किचन संचालक
निरीक्षण के दौरान सही जानकारी नहीं दे पाने पर सेंट्रल किचन संचालक ने एक अन्य कर्मचारी को भेजा। कर्मचारी भी गलत जानकारी दे रहा था। इस पर कलेक्टर भड़क गए। पूछा कि केन्द्र को जो भोजन भेज रहे हो उसकी जानकारी कैसे नहीं है। इस दौरान कलेक्टर मीनू चार्ट व रजिस्टर जब्त करने के निर्देश दिए तो संचालक कांपने लगे। बाद में कलेक्टर ने संबंधित विभाग के अधिकारी से जांच रिपोर्ट तलब कर व्यवस्था में सुधार के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी।
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