Microsoft Service 15 Hours Due To Software Update : 15 घंटे दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट की सर्विसेज ठप, बैंक-स्टॉक मार्केट पर भी असर
अमेरिकी एंटी-वायरस कंपनी क्राउडस्ट्राइक के एक सॉफ्टवेयर अपडेट का असर माइक्रोसॉफ्ट पर पड़ा। इससे शुक्रवार (19 जुलाई) को सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक, करीब 15 घंटों तक माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले दुनियाभर के 95% कंप्यूटर ठप पड़ गए।
दुनियाभर में एयरपोर्ट, फ्लाइट, ट्रेनें, हॉस्पिटल, बैंक, रेस्तरां, डिजिटल पेमेंट, स्टॉक एक्सचेंज, टीवी चैनल से लेकर सुपर मार्केट जैसी जरूरी सेवाएं रुक गईं। सबसे ज्यादा असर एयरपोर्ट पर देखा गया। दुनियाभर में 3% यानी करीब 4,295 फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ीं।
केवल अमेरिका में ही 1100 फ्लाइट रद्द और 1700 डिले हुईं। भारतीय समयानुसार इसका असर सुबह 10:40 बजे दिखना शुरू हुआ। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु समेत देश के बड़े एयरपोर्ट पर भारी भीड़ देखी गई। ऑनलाइन सर्विसेज ठप होने से कई एयरपोर्ट पर फ्लाइट बोर्डिंग पास हाथ से लिखकर दिए गए। हालांकि शाम तक कई सेवाएं सामान्य होने लगीं।
इतने व्यापक असर के चलते यह इतिहास का सबसे बड़ा आईटी संकट बन गया है। इसे ‘डिजिटल पैंडेमिक’ भी बताया जा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने सुबह करीब 5 बजे इसकी जानकारी दी थी। हालांकि, एपल और लाइनक्स के यूजर्स इससे प्रभावित नहीं हुए।
क्राउडस्ट्राइक के सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण कंप्यूटर स्क्रीन पर नीले बैकग्राउंड के साथ मैसेज दिखा। इसे ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (BSOD) कहा जाता है। ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ एक क्रिटिकल एरर स्क्रीन है जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर दिखाई देती है। जब यह एरर आता है, तो कंप्यूटर ऑटोमेटिकली रिस्टार्ट हो जाता है। डेटा खोने की भी संभावना रहती है।
इस आउटेज के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने तुरंत कहा कि यह एक "थर्ड पार्टी इश्यू" है। दूसरे शब्दों में- ये उसकी गलती नहीं थी। माइक्रोसॉफ्ट के पास समस्या से निजात पाने का कोई ‘प्लान बी’ नहीं था। वह इंतजार करती रही कि खुद साइबर सिक्योरिटी फर्म इसे दूर करेगी।
यह खतरनाक स्थिति है। आर्थिक तंत्र के अहम घटकों की माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर अत्यधिक निर्भरता है। ऐसा नहीं है कि इसके विकल्प नहीं है। कई कंपनियां ‘लाइनेक्स’ और ‘मेक’ का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन एयरलाइन और दूसरे उद्योग यह मानकर चल रहे थे कि माइक्रोसॉफ्ट में गड़बड़ी नहीं आ सकती।
अब समय आ गया है कि देश में वैकल्पिक ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास को गंभीरता से लिया जाए। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और यूपीआई जैसे वित्तीय टेक्नोलॉजी सिस्टम बनाना हमारी क्षमता बताता है। दुनिया में 95% कंप्यूटर माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम से चलते हैं। यह ‘मोनोपॉली’ खतरनाक है। इसका विकल्प ढूंढ़ने की जरूरत है।
क्राउडस्ट्राइक के अपडेट के कारण माइक्रोसॉफ्ट की सर्विस ठप हुई
क्राउडस्ट्राइक के अपडेट के कारण ही माइक्रोसॉफ्ट के एज्योर क्लाउड और माइक्रोसॉफ्ट 365 सर्विसेज में परेशानी आई है। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, "हमें समस्या की जानकारी है और हमने कई टीमों को इसे सुलझाने में लगाया है। हमने इसके कारण का पता लगा लिया है।'' इससे वही यूजर प्रभावित हुए हैं जो माइक्रोसॉफ्ट एज्योर का इस्तेमाल करते हैं।
क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है माइक्रोसॉफ्ट ऐज्योर
माइक्रोसॉफ्ट ऐज्योर क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है। ये एप्लिकेशन और सर्विसेज को बनाने, डिप्लॉय और मैनेज करने का काम करता है। वहीं माइक्रोसॉफ्ट 365 प्रोडक्टिविटी सॉफ्टवेयर है, जिसमें वर्ड, एक्सेल, पावरपॉइंट, आउटलुक और वन नोट जैसे लोकप्रिय एप्लिकेशन शामिल हैं।