REWA : दफ्तरों में दरवाजा बंद कर गपशप में मशगूल अधिकारी-कर्मचारी, खिडक़ी से झांक रहे फरियादी

 
REWA : दफ्तरों में दरवाजा बंद कर गपशप में मशगूल अधिकारी-कर्मचारी, खिडक़ी से झांक रहे फरियादी

रीवा . लॉकडाउन के बाद अनलॉक के चौथे दिन बुधवार को भी शासकीय कार्यालयों में आम जनता के प्रवेश पर रोक बरकरार है। कलेक्ट्रेट से लेकर फील्ड के कार्यालयों में अधिकारी व कर्मचारी पहुंचे। लेकिन, दफ्तरों में ज्यादातर कर्मचारी उपस्थिति देने के बाद दाएं-बाएं रहें। दोपहर 12 बजे कलेक्टर स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक में व्यस्त रहे। कहने को सरकार ने पूरी क्षमता के साथ कार्यालय को खोला गया है। लेकिन, कलेक्ट्रेट भवन में स्थित दो दर्जन से ज्यादा विभागों समेत हुजूर तहसील में अधिकांश दफ्तरों में कर्मचारियों की कुर्सियां खाली रहीं।

अनलॉक-1 में तहसील के मुख्य द्वार पर बैरिकेट्स 
हुजूर तहसील परिसर में मुख्य प्रवेश द्वार पर बैरिकेट्स लगा रहा। हुजूर तहसीलदार कार्यालय से लेकर नायब तहसीलदारों के कार्यालय के सामने गैलरी में जाली लगा दी गई है। दोपहर 12.10 बजे एसडीएम कार्यालय का मुख्य दरवाजा बंद रहा। फरियादी एसडीएम से मिलने के लिए दरवाजे के बाहर से झांक रहे थे। दरवाजे पर खड़े बुजुर्ग शिवभवन ने गार्ड को बताया कि चार दिन पहले घर में आग लग गई थी। सूचना के बाद भी कोई देखने तक नहीं आया। गार्ड ने बुजुर्ग को तहसील कार्यालय भेज दिया। दरवाजे के अंदर से सुरक्षा गार्ड ने अधिकांश फरियादियों से कहा कि दरवाजा इस लिए बंद है कि कार्यालय में भीड़ न लगे। खुला रहने पर कार्यालय के भीतर लोग बैठ जाते हैं।

REWA : दफ्तरों में दरवाजा बंद कर गपशप में मशगूल अधिकारी-कर्मचारी, खिडक़ी से झांक रहे फरियादी

तहसील में दरवाजे पर गिड़गिड़ाते रहे पीडि़त
हुजूर तहसील कार्यालय में दोपहर 12.20 बजे तहसीलदार राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी कार्यालय में बैठे रहे। कक्ष में दो कंप्यूटर आपरेटर के साथ एक अन्य बुजुर्ग बैठे रहे। बाहर फरियादी सीमांकन कराने के लिए आवेदन लेकर घंटेभर से गिड़गिड़ा रहा था। गेट पर मौजूद कर्मचारियों ने पीडि़त से कहा, साहब मेरी जमीन पर कब्जा हो रहा है। सीमांकन करा दीजिए। कर्मचारियों ने तहसीलदार से नहीं मिलने दिया। गेट पर ही दो टूक जवाब दिया कि आठ जून के बाद आइए। अभी कुछ नहीं होगा। जबकि तहसीलदार ने कहा कि न्यायालयीन कार्य नहीं हो रहे हैं। कार्यालयक के रूटीन कार्य शुरू हो गए हैं। न्यायालयीन कार्य शासन की गाइड लाइन के बाद ही चालू होंगे। बुधवार दोपहर कार्यालय के बाहर दर्जनों की संख्या में फरियादी और पीडि़त गिड़गिड़ता रहे। अधिकारियों ने एक नहीं सुनी। इसी तरह नायब तहसीलदार गोविंदगढ़ कार्यालय में डिहिया निवासी एक महिला जमीन पर कब्जा होने की शिकायत लेकर पहुंची थी। बैंरंग लौट गई।

कलेक्ट्रेट के बाहर भटकते रहे जरूरतमंद 
शासकीय कार्यालय पूरी क्षमता के साथ खोलने के बाद भी बुधवार को कलेक्ट्रेट भवन के मुख्य गेट पर आम जनता को प्रवेश को नहीं मिला। विभिन्न कार्य के लिए पहुंचे लोगों को प्रवेश नहीं मिला। शहर के ढेकहा निवासी अमर सिंह बुधवार दोपहर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। अमर सिंह को प्रवेश नहीं मिला। गार्डो के पूछने पर फरियादी ने बताया कि सामाजिक न्याय विभाग के कार्यालय में जाना है। मेरे दादा जी की पेंशन खाते में नहीं आई है। गार्डो ने यह कहते हुए वापस कर दिया कि अभी जनता के लिए कार्यालय नहीं खुल रहे हैं। ये कहानी अकेले अमर के लिए नहीं बल्कि हर दस मिनट में एक व्यक्ति कलेक्ट्रेट भवन में प्रवेश के लिए पहुंच रहा था। कलेक्ट्रेट में दर्जनों की संख्या में कार्यालय लगते हैं। विभिन्न कार्यालय में काम के लिए लोगों को प्रवेश नहीं मिला। कुछ लोगों को ही प्रवेश मिल सका।

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