REWA : लॉकडाउन में उजाड़ दी गरीबों की बस्ती, 100 से अधिक परिवार बेघर

 
REWA : लॉकडाउन में उजाड़ दी गरीबों की बस्ती, 100 से अधिक परिवार बेघर

रीवा. कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन में जहां लोग परदेस से अपने गांव-घर लौट रहे हैं कि उन्हें रहने को छत मिल सकेंगी। वहीं रीवां में 100 से ज्यादा लोग जिस बस्ती में रह रहे थे उसे उजाड़ दिया गया। अब ये लोग बेघर हो चुके हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा सौंदर्यीकरण के लिए किया गया है। अब ये मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाने के पाले में है।

बताया जा रहा है कि नगर निगम प्रशासन ने रीवा के रतहरा तालाब बस्ती पर बुल्डोजर चलवा कर पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया। आरोप है कि ऐसा एक पूर्व मंत्री और नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव के आदेश पर ऐसा हुआ है। इसकी पुष्टि आरटीआई से भी हुई है।

बताया यह भी जा रहा है कि इस रतहरा तालाब बस्ती के सौंदर्यीकरण के लिए प्रशासन ने लोगों को हटाने का प्रयास किया लेकिन वो सफल नहीं हो सके। ऐसे में लॉकडाउन में नगरीय प्रशासन के आयुक्त संजय दुबे के पत्र को आधार बनाते हुए नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर पूरी बस्ती ही उजाड़ दी। इस संबंध में प्राप्त नगर विकास विभाग के सचिव के पत्र के मुताबिक ग्रीन जोन के अलावा औरेंज जोन क्षेत्र में रुके हुए कार्य आरंभ कर दिए जाएं ताकि मजदूरों को काम मिल सके।

आरोप है कि प्रशासन ने ऐसे समय में गरीबों की बस्ती उजाड़ कर उन्हें बेघर किया है जब केंद्र सरकारऔर राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि लॉकडाउन के चलते न किसी से मकान खाली कराया जा सकता है न उस पर सख्ती की जाए। लेकिन प्रशासन ने बिना किसी सूचना के पूरी बस्ती ही उजाड़ दी।

इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने आरटीआई में आवेदन दिया जिसे अस्वीकर कर दिया गया। इस पर उन्होंने राज्य सूचना आयुक्त से अपील की जिस पर लॉकडाउन के चलते ह्वाट्सएप पर ही आवेदन स्वीकर कर सूचना आयुक्त ने नगर निगम प्रशासन को आदेश दिया कि आवेदक को जानकारी उपलब्घ कराई जाय। उन्होने 22 मई तक शपथ पत्र में पूरी जानकारी मांगी।

अब सामाजिक कार्यकर्ता द्विवेदी का कहना है कि उन्हें 18 पन्नों की जानकारी उपलब्ध कराई गई है हालांकि यह अधूरी है। कई तथ्य छिपाए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के इशारे पर यह कार्रवाई हुई है। आरटीआई के जवाब में भी इस बात का उल्लेख है कि पूर्व मंत्री ने निगम अधिकारियों के साथ बैठक की थी। अब इसके बाद उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से कार्रवाई की मांग की है। चेतावनी दी है कि कार्रवाई न होने पर वह कोर्ट जाएंगे।


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