Rewa में स्वास्थ्य तंत्र फेल! ब्लैकलिस्ट इंजेक्शन से गई महिलाओं की याददाश्त, अफसर बच निकले?

 
edfgf

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। संजय गांधी मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां 5 गर्भवती महिलाओं को वही एनेस्थीसिया इंजेक्शन लगाया गया, जिस पर दिसंबर 2024 में ही रोक लगाई जा चुकी थी।
इनमें से सभी महिलाओं की याददाश्त चली गई, जबकि एक की हालत गंभीर बनी हुई है। यह इंजेक्शन गुजरात की कंपनी रेडिएंट पैरेंटेरल्स लिमिटेड द्वारा सप्लाई किया गया था।

क्या है पूरा मामला?
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 फरवरी को पांच प्रसूताओं को डिलीवरी से पहले जो इंजेक्शन दिया गया था, वो दिसंबर में अमानक घोषित किया गया था और पोर्टल पर ब्लॉक भी कर दिया गया था।
इसके बावजूद, अस्पताल के स्टोर से 100 वायल निकाले गए, और डिलीवरी में इस्तेमाल कर लिए गए।

जांच में क्या खुला?
स्टोरकीपर प्रवीण उपाध्याय ने गलती से वही बैच जारी कर दिया जो प्रतिबंधित था।
उसे सस्पेंड कर दिया गया है, लेकिन बाकी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
स्टोर में तापमान नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं थी।
न कोई लॉगबुक था, न कोई मॉनिटरिंग सिस्टम।
अमानक दवाएं सामान्य दवाओं के साथ रखी गई थीं।

अब भी गायब हैं 30 इंजेक्शन
जांच टीम ने 4 मार्च को स्टोर से 70 वायल जब्त किए, जबकि 30 वायल का कोई पता नहीं चल सका। यह एक और बड़ी लापरवाही को दर्शाता है।

MD मयंक अग्रवाल का बयान:
“विदिशा से अक्टूबर 2024 में शिकायत आई थी। दिसंबर में दवा ब्लॉक कर दी गई थी। फिर भी यह दवा स्टोर से जारी की गई, इसलिए संबंधित फार्मासिस्ट पर कार्रवाई की गई।”

कंपनी पर कड़ी कार्रवाई:
5 साल के लिए डिबार
2 साल के लिए ब्लैकलिस्ट
₹3.01 लाख की रिकवरी का नोटिस भी जारी

फैक्ट बॉक्स
अस्पताल: संजय गांधी मेडिकल कॉलेज, रीवा
इंजेक्शन निर्माता: रेडिएंट पैरेंटेरल्स लिमिटेड
स्टेटस: दिसंबर से ब्लैकलिस्टेड
प्रभावित महिलाएं: 5 (एक गंभीर हालत में)
घटना की तारीख: 26 फरवरी 2025
कार्रवाई: स्टोरकीपर सस्पेंड, कंपनी पर केस

Related Topics

Latest News