मऊगंज हिंसा मामला : अब तक 26 आरोपी गिरफ्तार, SDOP बोलीं- उपद्रवी हमें जिंदा जलाना चाहते थे

पुलिस ने मऊगंज हिंसा में पुलिस से लूटी हुई राइफल बरामद कर ली है। इसके साथ ही एएसआई की हत्या और पुलिस से पथराव के मामले में पुलिस ने अब तक 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आईजी ने बताया कि अब तक आधे आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। बाकी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
दरअसल मऊगंज में पुलिस पर हुए पथराव और हिंसक घटनाओं के मामले में एक-एक कर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। भास्कर ने एसडीओपी अंकिता सुल्या से बात की उन्होंने बताया कि उन्हें और पुलिस टीम को आरोपियों ने जिंदगी और मौत के बीच लाकर खड़ा कर दिया था।
स्वस्थ्य होकर ड्यूटी पर लौटीं SDOP अंकिता सुल्या
बता दें कि इस पूरे घटना में एसडीओपी अंकिता सुल्या भी घायल हुईं थी, जो अब स्वस्थ्य होकर ड्यूटी पर लौट आई हैं। घायल तहसीलदार कुंवारे लाल की हालत नाजुक है। घायल हुए पुलिसकर्मियों का इलाज भी संजय गांधी अस्पताल और मऊगंज के निजी अस्पताल में किया जा रहा है। अधिकांश पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं। टीआई संदीप भारती को सिर में 10 टांके आए हैं। वहीं अन्य दो प्रधान आरक्षकों को भी सिर में 10 से अधिक टांके आए हैं।
उन्होंने हमें हाईजैक कर लिया था: एसडीओपी
एसडीओपी ने बताया कि आरोपी हमारे हत्या की साजिश रच चुके थे। जैसे ही उन्होंने हम पर पत्थरों और लाठी-डंडों से ताबड़तोड़ हमला किया। किसी कदर बचते बचाते हुए हमने उस कमरे के भीतर छिपकर खुद को बचाने की कोशिश की। लेकिन आरोपियों ने बाहर से ताला जड़ दिया।
एक तरह से उन्होंने हमें हाईजैक कर लिया। पहले तो हम अपनी मर्जी से कमरे के अंदर गए हैं ताकि हम अपनी जान बचा सके। लेकिन बाद में उन्होंने हमें बंधक बना लिया। वे बाहर से लगातार हमें जान से मारने की धमकियां देते रहे। धमकियों के साथ ही गंदी-गंदी गालियां भी दे रहे थे। हम सब कुछ चुपचाप सुनते रहे।
'ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी'
इतने में एक युवक की आवाज सुनाई दी। उसने बोला कि पेट्रोल लेकर आओ। पेट्रोल ना मिले तो डीजल ले आओ। माचिस भी लेते ही आना। आग लगा दो इन सब पर। ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी। इतना सुनते ही हम सबकी सांस कमरे के भीतर अटक गई। वे बाहर से पेट्रोल और डीजल डालकर हमें जिंदा जलाने की साजिश रच रहे थे। वे पहले एक हत्या कर चुके थे। उस हत्या को छिपाने के लिए हम सबको मार देना चाहते थे।
हमें हाईजैक करने के बाद उन्होंने हमारे सामने मांग रखी। उन्होंने कहा कि युवक की हत्या के आरोप में जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें तत्काल रिहा करो वरना हम बाहर से कमरे को आज के हवाले कर रहे हैं। यह सब सुनकर हम असमंजस की स्थिति में पड़ गए।
'सोचो मत इन्हें आग के हवाले कर दो'
इस बीच हम लगातार उन्हें समझाने की कोशिश करते रहे। हम बाहर से चिल्लाते रहे कि कानून को अपने हाथ में मत लो। ऐसा करोगे तो बाद में पछताना पड़ेगा। लेकिन हमें हर समझाइश के बदले में केवल और केवल गलियां मिलती रहीं। बाहर से कई लोग चिल्ला रहे थे की सोचो मत इन्हें आग के हवाले कर दो।
हम लगातार इस कोशिश में लगे हुए थे कि कैसे इनके चंगुल से आजाद हुआ जाए। इस बीच किसी भी अप्रिय घटना होने की पूरी संभावना थी। हम सब भीतर अपने परिवारों को भी याद कर रहे थे। क्योंकि कोई भी सांस आखिरी सांस हो सकती थी।
आरोपियों को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाने दबाव बना रहे थे
दरअसल उपद्रियों की पूरी जद्दोजहद आरोपियों को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाने और बचाने की थी। क्योंकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही बंधक बनाए गए युवक की हत्या की जा चुकी थी। इसलिए वे चाहते थे कि पुलिस युवक की हत्या के मामले में बिना कोई कार्रवाई किए ही वापस लौट जाए।
लेकिन हमें किसी भी सूरत में उनकी नाजायज मांग को मानने के लिए तैयार नहीं थे। हमने कह दिया था कि तुम लोग कानून को अपने हाथ में मत लो। चाहे कुछ भी कर लो हम आरोपियों को रिहा नहीं करने वाले हैं। जवाब में हमें केवल और केवल धमकी दी गई।
1 घंटे 10 मिनट बाद बैकअप पहुंचा
जिसके बाद लगातार हम अपने वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में रहे। उनके आश्वासन पर इस बात का इंतजार करते रहे कि पुलिस टीम का बैकअप जल्द से जल्द हम लोगों तक पहुंचाया जा सके। ताकि सभी पुलिसकर्मी सुरक्षित तरीके से बाहर जा सकें। आखिरकार 1 घंटे 10 मिनट बाद पुलिस टीम कड़ा संघर्ष करते हुए अपनी जान को जोखिम में डालकर उस घर तक पहुंच गई। जहां पर हमें बंधक बनाकर आरोपियों को रिहा करने के लिए बाध्य किया जा रहा था।
27 की हुई गिरफ्तारी: आईजी
पूरे मामले में आईजी साकेत पांडेय ने बताया कि अब तक पुलिस ने 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। लगातार धर पकड़ की कार्रवाई जारी है। किसी भी आरोपी को बक्सा नहीं जाएगा। घटना वाले दिन से ही पुलिस पूरी तत्परता से काम कर रही है। घायल पुलिसकर्मी अब खतरे से खाली हैं।