Rewa News : फीस और किताबों के नाम पर शोषण? रीवा कलेक्टर की जांच में खुली स्कूलों की पोल, डीईओ को लगाई फटकार

 
FGHH

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। नए शैक्षणिक सत्र के साथ ही रीवा जिले में निजी स्कूलों की मनमानी पर अब कलेक्टर की नजर टेढ़ी हो गई है। प्राइवेट स्कूलों की जांच रिपोर्ट से नाराज़ कलेक्टर ने अब सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। 30 स्कूलों की संयुक्त रिपोर्ट को खारिज कर उन्होंने सभी स्कूलों की अलग-अलग जांच रिपोर्ट तलब की है। जिला प्रशासन की नजर में अब कई बड़े नामी स्कूलों पर 10 लाख रुपए तक जुर्माना ठोका जा सकता है।

कलेक्टर ने जताई नाराजगी, DEO को लगाई फटकार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, फीस और किताबों को लेकर बढ़ती शिकायतों के बाद कलेक्टर ने तीन जांच टीमें बनाकर 30 स्कूलों की जांच कराई थी। लेकिन जांच रिपोर्ट जब संयुक्त रूप से पेश की गई, तो कलेक्टर संतुष्ट नहीं हुईं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को नाराजगी जताते हुए प्रत्येक स्कूल की विस्तृत और अलग रिपोर्ट मांगी है।

बालभारती, ज्ञानस्थली, गीतांजलि सहित कई स्कूल रडार पर
इस जांच में जिन स्कूलों के नाम सामने आ रहे हैं उनमें बालभारती, ज्ञानस्थली, राजहंस, गीतांजलि, सेंट्रल स्कूल जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं। इन पर एनसीईआरटी की किताबें अचानक लागू करने, पिछले साल महंगे प्रकाशकों की किताबें बेचने, और फीस में अनियमित वृद्धि के आरोप हैं।

फीस वृद्धि और पुस्तक बदलने का खेल
प्राइवेट स्कूल संचालकों पर आरोप है कि वे हर साल प्रकाशकों से सांठगांठ कर किताबें बदलते हैं, जिससे अभिभावकों को महंगी किताबें खरीदनी पड़ती हैं। इस साल कई स्कूलों ने अचानक एनसीईआरटी की किताबें लागू कर दीं, जबकि पिछले साल निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें बेची थीं। इसके अलावा कई स्कूलों ने 10% से ज्यादा फीस वृद्धि भी की है, जो नियमों के विरुद्ध है।

बिलाबांग इंटरनेशनल स्कूल खुद फंसा
जांच में बिलाबांग इंटरनेशनल स्कूल की स्थिति भी गंभीर पाई गई। रिपोर्ट में पहले 20% तक फीस वृद्धि दर्ज की गई थी, लेकिन बाद में स्कूल ने खुद 12.5% वृद्धि स्वीकार की। जिला स्तर पर 10% से अधिक की वृद्धि राज्य स्तर की कमेटी से अनुमति लेकर ही की जा सकती है, जो इस केस में नहीं ली गई।

पुस्तक मेले में भी हुई फजीहत
हाल ही में आयोजित जिला स्तरीय पुस्तक मेले में भी कई अभिभावकों ने शिकायत की थी कि निजी स्कूलों ने उन्हें खास दुकानों से ही महंगी किताबें लेने पर मजबूर किया। इस मुद्दे पर भी प्रशासन गंभीर है।

अब आगे क्या?
कलेक्टर की अगली कार्रवाई का इंतज़ार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि हर स्कूल की रिपोर्ट आने के बाद सख्त जुर्माना और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम रीवा जिले में शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा संदेश माना जा रहा है।

Related Topics

Latest News