Rewa News : विंध्य क्षेत्र के वरिष्ठ अधिवक्ता घनश्याम सिंह के नाती पार्थ सिंह ने खुद को सर में मारी गोली, मौके पर मौत

रीवा जिला न्यायालय के युवा अधिवक्ता पार्थ सिंह ने बीती रात खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। वे विंध्य क्षेत्र के वरिष्ठ अधिवक्ता घनश्याम सिंह के पोते थे और अपने बाबा के साथ ही वकालत कर रहे थे। यह घटना सिविल लाइन, बोदाबाग स्थित उनके घर पर घटी, जहां उन्होंने अपने कक्ष में खुद को गोली मार ली। गोली चलने की आवाज सुनकर जब परिजन पहुंचे, तो उन्हें खून से लथपथ पाया। तुरंत संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
परिवार पर दूसरा बड़ा आघात
पार्थ सिंह का परिवार पहले भी गहरे सदमे से गुजर चुका है। करीब एक दशक पहले उनके छोटे भाई हर्ष सिंह की सिरमौर चौराहा के पास हत्या कर दी गई थी। अब पार्थ की आत्महत्या ने परिवार को फिर से दर्दनाक त्रासदी में डाल दिया है।
मौत की वजह पर सस्पेंस
पार्थ सिंह के आत्महत्या करने के पीछे की असल वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। हालांकि, पारिवारिक सूत्रों ने घटना की पुष्टि की है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि उन्होंने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। पार्थ सिंह एक होनहार और प्रतिभाशाली अधिवक्ता थे, जो अपने दादा घनश्याम सिंह के साथ मिलकर वकालत कर रहे थे। उनकी आत्महत्या ने पूरे न्यायिक जगत को झकझोर कर रख दिया है।
शहर में शोक की लहर
इस घटना के बाद रीवा जिले के अधिवक्ता समुदाय में गहरा शोक है। वरिष्ठ अधिवक्ता और उनके सहकर्मी इस घटना से स्तब्ध हैं। पार्थ सिंह के परिवार को सांत्वना देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उनके घर पहुंचे।
क्या थी मानसिक स्थिति?
पार्थ सिंह को जानने वाले लोग उन्हें एक खुशमिजाज और गंभीर वकील के रूप में पहचानते थे। लेकिन क्या उनके मन में कोई व्यक्तिगत तनाव था? क्या वे किसी मानसिक दबाव से गुजर रहे थे? इन सवालों का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।
आगे की जांच जारी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पार्थ सिंह के परिवार से पूछताछ की जा रही है। उनके मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है, ताकि आत्महत्या के पीछे की संभावित वजहों का पता लगाया जा सके।
अधिवक्ता जगत में शोक
रीवा के अधिवक्ता संघ ने पार्थ सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और इस घटना की विस्तृत जांच की मांग की है। यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करती है कि मानसिक तनाव और व्यक्तिगत समस्याओं को समय रहते समझना और उन पर खुलकर बात करना कितना जरूरी है।
समाज के लिए एक संदेश
पार्थ सिंह जैसे युवा और होनहार अधिवक्ता का यूं आत्महत्या कर लेना समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक समस्याओं और पेशेवर दबावों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। इस घटना से सीख लेते हुए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे आसपास के लोग किसी भी तरह के तनाव में हों, तो उनकी मदद के लिए हम हमेशा तैयार रहें।
(यदि आप या आपका कोई जानने वाला मानसिक तनाव में है, तो जल्द से जल्द पेशेवर मदद लें। अकेले न रहें, किसी से बात करें। जीवन अनमोल है।)