REWA जेल के कैदियों ने कर डाला ऐसा कमाल की जानकर होश उड़ जायेंगे आपके होश....

 
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रीवा। जेल की चार दीवारी में रहने वाले बंदियों में शिक्षा के प्रति झुकाव तेजी से बढ़ रहा है। जेल में रहकर उन्होंने पढ़ाई की और एमएसडब्लू की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर ली। अपने हांथों हुए गुनाह की सजा भुगतने के साथ ही बंदी अब डिप्लोमा पाठ्यक्रमों से जुड़ रहे है ताकि जेल से बाहर निकलने के बाद वे आत्म निर्भर बन सके।

जेल में कैदियों को शिक्षा से जोडऩे का प्रयास
केन्द्रीय जेल रीवा में बंद कैदियों को शिक्षा से जोडऩे के लिए जेल प्रशासन द्वारा तमाम प्रयास किये जा रहे है जिसके परिणामस्वरूप काफी संख्या में बंदी अब शिक्षा से जुड़कर शिक्षित हो रहे है। जेल में बंद जीतेन्द्र चंदेल पिता हीरालाल चंदेल निवासी अनूपपुर व ज्ञानेन्द्र शुक्ला पिता रामनिहोर शुक्ला निवासी शहडोल ने एमएसडब्लू की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। दो बंदी महंतलाल पटेल व प्रदीप कुमार पाण्डेय अभी एमएसडब्लू की पढ़ाई कर रहे है। वर्तमान में जेल के 450 बंदी विभिन्न संकायों में प्रवेश लेकर शिक्षा से जुड़े हुए है जिनकी नियमित कक्षाएं भी जेल के अंदर संचालित होती है। भोज, इगनू सहित अन्य विवि के माध्यम से बंदियों का प्रवेश कराया जा रहा है और उनको किताबें सहित स्टेशनी उपलब्ध करवाई जा रही है।

नियमित चल रही कक्षाएं
जेल अधीक्षक एसके उपाध्याय के मार्गदर्शन मेें शिक्षक राजीव कुमार तिवारी व स्वदीप सिंह नियमित कक्षाएं लेकर बंदियों को शिक्षा से जोडऩे का प्रयास कर रहे है। स्नातक में 10 बंदियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है जिनमें ज्ञानेन्द्र सिंह, उदयभान सिंह, राजन सिंह, राजेन्द्र प्रसाद, अक्षय वर्मा, विक्रम सिंह, अजय सिंह, प्रेम सिंह गोड़ शामिल है। इसके अतिरिक्त दस बंदियों का परीक्षा परिणाम आना अभी शेष है। डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में पांच बंदियों ने प्रवेश लिया है। बंदी अनीशपाण्डेय ने एमबीए व सुनील महोबिया ने एम में प्रवेश लिया है। परीक्षा पास करने वाले बंदियों को जेल में डिग्री प्रदान की गई है।

7 बंदियों ने पास की हाईस्कूल परीक्षा, 30 नए बंदियों ने लिया प्रवेश
इस वर्ष कक्षा दसवीं में जेल के 12 बंदी शामिल हुए थे जिन्होंने परीक्षा दी थी। इनमें सात बंदी परीक्षा उत्तीर्ण हुए है। इनमें अरुण कुमार द्विवेदी, लखन सिंह गोड़, रामखेलावन सिंह गोड़, रामदिनेश साकेत, जगधारी सिंह, राजाराम यादव, श्यामदास कुशवाहा शामिल है। इसके अतिरिक्त इस वर्ष हाईस्कूल में 30 नए बंदियों ने प्रवेश लिया है जिनकी पढ़ाई जेल प्रशासन द्वारा कराई जा रही है। 60 निरक्षर बंदियों को शिक्षित करने का प्रयास, पढऩा लिखना अभियान से 104 बंदी जुड़े. केन्द्रीय जेल रीवा में बंद निरक्षर बंदियों को भी साक्षर करने का प्रयास किया जा रहा है वर्तमान में जेल के अंदर 60 निरक्षर बंदी है जिनकी नियमित कक्षाएं चलाकर उनको साक्षर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 55 बंदियों की प्राथमिक कक्षा की पढ़ाई कराई जा रही है। जेल के 104 बंदी पढना लिखना कार्यक्रम से जुड़े हुए है जिसके तहत उनको शिक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।

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