REWA : सेमरिया सीट अभय एवं केपी के लिए बन गई प्रतिष्ठा का सवाल

 
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अन्य दलों के प्रत्याशी भी पूरे दमखम के साथ मैदान में ठोक रहे ताल

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर पढ़ने वाले सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों चुनावी सरगर्मियां धीरे-धीरे कर चरम की ओर पहुंचती जा रही हैं। हर दल के प्रत्याशी एवं उनके समर्थक चुनावी प्रचार में व्यस्त होने के साथ-साथ अपने अपने जीत के दावे करने से नहीं चूक रहे हैं। किंतु अगर राजनीतिक जानकारों की माने तो विंध्य में सबसे हाई प्रोफाइल सीट इस समय सेमरिया ही है। क्योंकि भाजपा ने जहां इस सीट से पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी पर अपना भरोसा जताया है वही कांग्रेस द्वारा कुछ माह पूर्व कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले एवं फिर कांग्रेस का दामन थामने वाले अभय मिश्रा को सिमरिया विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है।

वहीं बहुजन समाज पार्टी द्वारा पंकज सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। किंतु स्थानीय सूत्रों की माने तो सिमरिया सीट अभय मिश्रा एवं केपी त्रिपाठी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है। ये दोनों प्रत्याशी हर हाल में जीत हासिल कर अपने प्रतिद्वंद्वी को धूल चटाने की कोशिशें में लगे हुए हैं। सुबह से इस क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में इन प्रत्याशियों द्वारा चुनावी सभाएं कर लोगों से दल बदल करवा कर पार्टी नहीं अपने ऊपर आस्था दिखाने वालों को प्राथमिकता दी जा रही है।

कुछ दिन पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा द्वारा यह बयान भी दिया गया था कि अगर भारतीय जनता पार्टी संजय द्विवेदी, जनार्दन मिश्रा सहित अन्य को टिकट देती तो वह शायद भाजपा नहीं छोड़ते, किंतु केपी त्रिपाठी को टिकट देने के कारण ही उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और कांग्रेस की टिकट पर सेमरिया विधानसभा क्षेत्र से केपी त्रिपाठी को मात देने के लिए मैदान में है।

वहीं केपी त्रिपाठी द्वारा भी अपने चुनाव प्रचार के दौरान विधानसभा चुनाव की लड़ाई को धर्म और अधर्म से जोड़कर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि अभी चुनाव प्रचार पूरी तरह जोर नहीं पकड़ा है। आने वाले दिनों में इन दोनों प्रत्याशियों के बीच जुबानी जंग और तेज होगी। फिलहाल इन दोनों प्रमुख प्रत्याशियों द्वारा अपनी जीत के लिए साम दाम, दंड, भेद सब अपनाए जा रहें है। 3 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद ही यह पता चलेगा कि किसकी प्रतिष्ठा बच गई और किसकी प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल गई।

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