Rewa में जल जीवन मिशन में लगे भ्रष्टाचार के आरोप में दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त : कई NGO के नाम पर लाखों का भुगतान, 130 करोड़ 47 लाख रुपए की गड़बड़ी

रीवा में भ्रष्टाचार के मामले में दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। दोनों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर कमिश्नर तक की गई थी। जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बीते एक वर्ष पहले कराई गई जांच में 136 करोड़ रुपए की आर्थिक अनियमितता सामने आई थी।
मामले में अब कार्रवाई की गई है। जिसमें दो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। इन पर हेराफेरी किए जाने के आरोप हैं। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के खंड रीवा में पदस्थ दैनिक वेतनभोगी और तत्कालीन प्रभारी ऑडिटर सिरमौर (जया शंकर प्रसाद त्रिपाठी और तत्कालीन प्रभारी ऑडिटर राजीव श्रीवास्तव) की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
इन अधिकारियों के नाम भी जांच में शामिल
बता दें कि, यह जांच तत्कालीन सहायक कलेक्टर सोनाली देव के नेतृत्व में की गई थी। जिसमें तत्कालीन कार्यपालन यंत्री शरद कुमार सिंह, प्रभारी सहायक यंत्री एसके श्रीवास्तव, आरके सिंह, एसके सिंह, केबी सिंह, उपयंत्री अतुल तिवारी, संजीव मरकाम, संभागीय लेखाधिकारी विकास कुमार और विभिन्न शाखाओं के अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका को भी जांच में लिया गया था। जांच रिपोर्ट में उक्त अधिकारियों के नाम पर भी जांच प्रस्तावित की गई है। इस पर शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है।
विधानसभा में उठा था मुद्दा
हाल ही में यह मामला सेमरिया विधायक अभय मिश्रा ने भी विधानसभा में उठाया था।विभागीय मंत्री को इस विषय पर जवाब देना है। ऐसे में दो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को सेवा से अलग करने का आदेश जारी किया गया है। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कुंवर सिंह, विनोद शर्मा सहित अन्य ने भी संभागायुक्त को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग उठाई थी।
130 करोड़ 47 लाख रुपए की गड़बड़ी सामने आई
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में बड़ी आर्थिक अनियमितता सामने आई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार कुल 130 करोड़ 47 लाख रुपए की गड़बड़ी पाई गई है।विभाग ने कई एनजीओ को जागरूकता अभियान के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया। आरोप है कि कई गांवों में पाइपलाइन बिछाए बिना ही राशि का आहरण कर लिया गया।
कुछ स्थानों पर केवल दस्तावेजीकरण के लिए नल कनेक्शन तो दिखाए गए, लेकिन वहां पानी की पाइपलाइन नहीं बिछाई गई।इसी तरह हैंडपंप मेंटेनेंस में 3.17 करोड़ रुपए, बर्ड पार्टी निरीक्षण में 74.64 लाख, क्रियान्वयन सहायता संस्था को भुगतान में 85.70 लाख, वाहन, टायपिंग, फोटोकापी और स्टेशनरी आदि में 1.02 करोड़ की अनियमितता शामिल है।